शासन ने एबीआरसीसी एवं एनपीआरसीसी के स्थान पर प्रत्येक ब्लॉक मंे एआरपी की तैनाती एवं उसकी उपस्थिति के मानक तय कर दिए हैं। एआरपी की नियमित उपस्थिति उनके द्वारा स्कूलों मंे किए जाने वाले सहयोगात्मक पर्यवेक्षण के बाद तैयार की गई रिपोर्ट को प्रेरणा ऐप मंे अपलोड होने पर ही मानी जाएगी। साथ ही कहा गया है कि एआरपी अपने विषय से सम्बन्धित प्रशिक्षण मंे ही बतौर प्रतिभागी या प्रशिक्षण भाग ले सकेंगे।
शासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि एआरपी की कार्य अवधि मुख्य तौर पर विद्यालय समयावधि को ही माना जाएगा। यदि आवश्यक हुआ तभी एआरपी को बीआरसी पहुंचना होगा। एआरपी को हर माह कम से कम 30 स्कूलांे का आनलाइन सपोर्टिव सुपरविजन करना होगा। यात्रा भत्ता के अलावा अन्य कोई अतिक्ति देय नहीं मिलेगा। अनुश्रवण के दौरान प्रार्थना सभा से लेकर सम्पूर्ण गतिविधियों को ध्यान मंे रखना होगा। शासन ने ब्लॉक संसाधन केन्द्रों एवं न्यायपंचायत संसाधन केन्द्रों के पुनर्गठन का फैसला किया है। इस फैसले के अन्तर्गत अब बीआरसी मंे पूर्व नियुक्त एबी आरसीसी एवं न्याय पंचायतों मंे तैनात एनपी आरसीसी (संकुल प्रभारी) की अपने मूल विद्यालयों मंे वापसी हो जाएगी। इनके स्थान पर अब प्रत्येक ब्लॉक मंे 6 एकैडमिक रिसोर्स पर्सन की नियुक्ति एक माह के भीतर की जाएगी। शासनादेश मंे विस्तृत रूप से शासन ने 2 फरवरी 2011 के शासनादेश मंे दी गई व्यवस्था को अवक्रमित कर दिया है। एआपी को सह समन्वयकों के पूर्व सृजित पदों मंे समायोजित किया जाएगा।
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