निजी विवि वोकेशनल और ऑनलाइन कोर्स पर देंगे जोर
- November 01, 2019
निजी विश्वविद्यालयों में पीएचडी, डीलिट, बीएड, बीटीसी जैसे कोर्सेज चलाने में पारदर्शिता रहे इसके लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। वहीं पीएचडी में दाखिले विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा तैयार किए गए पीएचडी रेग्यूलेशन के अनुसार होंगे। वहीं यह कमेटी राज्य सरकार को सुझाव देगी कि यहां पर किस तरह इन कोर्सेज को पारदर्शी ढंग से चलाया जा सकता है। राज्य शिक्षक पुरस्कार में निजी विश्वविद्यालयों को शिक्षकों को शामिल करने के लिए भी कमेटी नियम बनाएगी। बैठक में यह मुद्दा भी उठा कि एरा विश्वविद्यालय की तर्ज पर दूसरे निजी विश्वविद्यालय भी एनिमेशन के माध्यम से शिक्षण कार्य, फैकल्टी व स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम भी शुरू किए जाएं। वहीं कुलपति का कार्यकाल खत्म होने के बाद कार्यवाहक कुलपति छह महीने के लिए बनाया जाएगा और नियुक्ति न हो पाने की स्थिति में उसका कार्यकाल तीन महीने और बढ़ाया जा सकेगा। कार्यपरिषद के माध्यम से तैयार की गई परिनियमावली को तीन महीने के अंदर राज्य सरकार पास करेगी। इसके अंतर्गत शैक्षिक कैलेंडर, चांसलर, कुलपति व अन्य पदाधिकारियों की नियुक्ति व उनके कर्तव्य इत्यादि निर्धारित करेगी।
उच्च शिक्षा परिषद में होगा एक नुमाइंदा: उच्च शिक्षा परिषद में भी निजी विश्वविद्यालयों का एक नुमाइंदा शामिल किया जाएगा। वहीं परिषद के वर्तमान संगठनात्मक ढांचे का भी पुर्नगठन किया जाएगा।
निजी विवि में भी होगा एकेडमिक स्टॉफ कॉलेज: निजी विवि में भी एकेडमिक स्टॉफ कॉलेज होगा। यहां शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके माध्यम से शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाई जाएगी।
हर मंडल में नियुक्त होंगे क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी
राब्यू, लखनऊ: सूबे में अभी सिर्फ नौ ही क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी कार्यरत हैं। इन्हें न तो वाहन मिला है और न ही अन्य सुविधाएं। ऐसे में यह गुणवत्ता की मानीटरिंग करने के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों को किस तरह निरीक्षण करें। कम से कम हर मंडल में एक-एक क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी तैनात किया जाना चाहिए और उन्हें सुविधाएं भी दी जाएं तभी बात बनेगी। उच्च शिक्षा की समस्याओं को लेकर आयोजित की गई बैठक में मौजूद अधिकारियों ने यही सुझाव दिए। सचिव उच्च शिक्षा आर रमेश कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में गुणवत्ता को बढ़ाने पर विचार विमर्श किया गया। उन्होंने कहा कि हर मंडल यानी कम से कम 18 क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी जरूर तैनात किए जाने चाहिए ताकि वह ढंग से निरीक्षण कर सकें। इसका प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। राजकीय डिग्री कॉलेज व अशासकीय सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में शिक्षकों के खाली पदों का ब्योरा अभी तक कई जिलों से नहीं आया है। इसे जिलाधिकारियों के सहयोग से क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी को कॉलेजों में विद्यार्थियों की गणना कर शिक्षक-विद्यार्थी अनुपात के अनुसार पदों का निर्धारण कर ब्योरा भेजना है। इसके कारण शिक्षकों के खाली चल रहे पदों का विज्ञापन जारी नहीं हो पा रहा है।
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