उच्च शिक्षा : यूजीसी द्वारा बनाई कमेटी ने दी रिपोर्ट, विवि की परीक्षाओं पर निर्णय जल्द।
सूत्रों का कहना है कि कमिटी के मुताबिक कोविड-19 के संकट को देखते हुए जुलाई की बजाय इस साल सितंबर में नया सेशन शुरू किया जा सकता है। इसके अलावा कॉलेज और यूनिवर्सिटी में ऑनलाइन एग्जामिनेशन की संभावनाओं को खंगालने के लिए यूजीसी ने एक और कमिटी बनाई थी। सूत्रों का कहना है कि इस कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अगर यूनिवर्सिटी के पास ऑनलाइन एग्जामिनेशन के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर है तो वो ऑनलाइन एग्जामिनेशन ले सकती है। लेकिन अगर इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है तो लॉकडाउन खत्म होने के बाद ही ऑफलाइन एग्जाम लिए जाएं। यूजीसी सेक्रेटरी रजनीश कुमार का कहना है कि दोनों ही कमिटी की रिपोर्ट की सिफारिशों पर एचआरडी मिनिस्ट्री विचार करेगी। इसके आधार पर अगले हफ्ते तक गाइडलाइंस जारी की जा सकती हैं।
स्टूडेंट्स को प्रमोट
करने का सुझाव
कमिटी ने स्टूडेंट्स को अगली क्लास में प्रमोट करने पर भी विचार किया है। सूत्र बताते हैं कि अगर यूनिवर्सिटी एग्जाम नहीं ले पा रही है, तो पुराने सेमेस्टर की परफॉर्मेंस के आधार पर प्रमोट करने का ऑप्शन कमिटी ने दिया है और अगर यूनिवर्सिटी सभी स्टूडेंट्स को प्रमोट नहीं करना चाह रही है तो वह पेपर्स की संख्या घटाकर असेसमेंट कर सकती है।
सूत्रों का कहना है कि कमिटी के मुताबिक कोविड-19 के संकट को देखते हुए जुलाई की बजाय इस साल सितंबर में नया सेशन शुरू किया जा सकता है। इसके अलावा कॉलेज और यूनिवर्सिटी में ऑनलाइन एग्जामिनेशन की संभावनाओं को खंगालने के लिए यूजीसी ने एक और कमिटी बनाई थी। सूत्रों का कहना है कि इस कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अगर यूनिवर्सिटी के पास ऑनलाइन एग्जामिनेशन के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर है तो वो ऑनलाइन एग्जामिनेशन ले सकती है। लेकिन अगर इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है तो लॉकडाउन खत्म होने के बाद ही ऑफलाइन एग्जाम लिए जाएं। यूजीसी सेक्रेटरी रजनीश कुमार का कहना है कि दोनों ही कमिटी की रिपोर्ट की सिफारिशों पर एचआरडी मिनिस्ट्री विचार करेगी। इसके आधार पर अगले हफ्ते तक गाइडलाइंस जारी की जा सकती हैं।
स्टूडेंट्स को प्रमोट
करने का सुझाव
कमिटी ने स्टूडेंट्स को अगली क्लास में प्रमोट करने पर भी विचार किया है। सूत्र बताते हैं कि अगर यूनिवर्सिटी एग्जाम नहीं ले पा रही है, तो पुराने सेमेस्टर की परफॉर्मेंस के आधार पर प्रमोट करने का ऑप्शन कमिटी ने दिया है और अगर यूनिवर्सिटी सभी स्टूडेंट्स को प्रमोट नहीं करना चाह रही है तो वह पेपर्स की संख्या घटाकर असेसमेंट कर सकती है।
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