शासन की रोक के बावजूद निजी स्कूल वसूल रहे अतिरिक्त शुल्क, शासन ने ट्यूशन फीस के अलावा किसी प्रकार के शुल्क लेने पर लगाई है रोक।
प्रयागराज। कोरोना संकट के चलते शासन की ओर से प्रदेश के सभी निजी स्कूलों में ट्यूशन फीस के अतिरिक्त दूसरे प्रकार के शुल्क की वसूली पर रोक है। इसके बावजूद शहर के तमाम स्कूल अभिभावकों से पुरानी फीस के बहाने अतिरिक्त शुल्कों की वसूली कर रहे हैं। कुछ स्कूल वाले तो फीस का ब्रेकअप ही नहीं दिखा रहे हैं, जबकि नियम है कि हर स्कूल को फीस का ब्रेकअप देना होगा कि वह किस मद में कितनी फीस ले रहे हैं फीस का ब्रेकअप नहीं होने से अभिभावक मात्र ट्यूशन फीस की जगह पूरी फीस जमा करने को बाध्य हैं। नियमानुसार स्कूलों को फीस का विवरण स्कूल की वेबसाइट पर देना अनिवार्य है, लेकिन कई स्कूलों ने ऐसा नहीं किया। पिछले दिनों शासन के आदेश के बाद डीएम ने भी इस संबंध में स्कूलों के प्रबंधन और जिला विद्यालय निरीक्षक के साथ बैठक में वर्तमान शैक्षिक सत्र में फीस न बढ़ाने, प्रवेश, परिवहन, कंप्यूटर, बिजली, खेल आदि के शुल्क नहीं लेने का आदेश दिया था।
डीएम के आदेश के बाद भी फीस तो पुरानी ले रहे हैं, लेकिन उसमें पिछले बार की तरह ही अतिरिक्त शुल्क जुड़े हुए हैं। डीएम ने स्कूल प्रबंधन के साथ बैठक में स्कूलों से फीस का विवरण जिला विद्यालय निरीक्षक के पास मेल करने को कहा था लेकिन स्कूलों ने यह विवरण भी नहीं भेजा। वहीं दूसरी ओर स्कूल प्रबंधन अभिभावकों के पास मैसेज करके और क्लास टीचर के जरिए दबाव बनाकर फीस जमा करने को कहा रहे हैं।
प्रयागराज। कोरोना संकट के चलते शासन की ओर से प्रदेश के सभी निजी स्कूलों में ट्यूशन फीस के अतिरिक्त दूसरे प्रकार के शुल्क की वसूली पर रोक है। इसके बावजूद शहर के तमाम स्कूल अभिभावकों से पुरानी फीस के बहाने अतिरिक्त शुल्कों की वसूली कर रहे हैं। कुछ स्कूल वाले तो फीस का ब्रेकअप ही नहीं दिखा रहे हैं, जबकि नियम है कि हर स्कूल को फीस का ब्रेकअप देना होगा कि वह किस मद में कितनी फीस ले रहे हैं फीस का ब्रेकअप नहीं होने से अभिभावक मात्र ट्यूशन फीस की जगह पूरी फीस जमा करने को बाध्य हैं। नियमानुसार स्कूलों को फीस का विवरण स्कूल की वेबसाइट पर देना अनिवार्य है, लेकिन कई स्कूलों ने ऐसा नहीं किया। पिछले दिनों शासन के आदेश के बाद डीएम ने भी इस संबंध में स्कूलों के प्रबंधन और जिला विद्यालय निरीक्षक के साथ बैठक में वर्तमान शैक्षिक सत्र में फीस न बढ़ाने, प्रवेश, परिवहन, कंप्यूटर, बिजली, खेल आदि के शुल्क नहीं लेने का आदेश दिया था।
डीएम के आदेश के बाद भी फीस तो पुरानी ले रहे हैं, लेकिन उसमें पिछले बार की तरह ही अतिरिक्त शुल्क जुड़े हुए हैं। डीएम ने स्कूल प्रबंधन के साथ बैठक में स्कूलों से फीस का विवरण जिला विद्यालय निरीक्षक के पास मेल करने को कहा था लेकिन स्कूलों ने यह विवरण भी नहीं भेजा। वहीं दूसरी ओर स्कूल प्रबंधन अभिभावकों के पास मैसेज करके और क्लास टीचर के जरिए दबाव बनाकर फीस जमा करने को कहा रहे हैं।
No comments:
Write comments