अच्छी खबर : अब घर बैठे वर्चुअल लैब से प्रैक्टिकल भी कर सकेंगे इंटर, पीजी और इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स।
लॉकडाउन के दौरान सभी कॉलेज एवं शिक्षण संस्थान बंद है। मैट्रिक से पीजी और इंजीनियरिंग एवं मेडिकल के छात्र- छात्राओं की थ्योरी की ऑनलाइन कक्षाएं तो हो रही हैं, लेकिन प्रैक्टिकल के बिना उनकी पढ़ाई का जरूरी और आवश्यक हिस्सा पूरा नहीं हो पा रहा है। अब वे वर्चुअल लैब से घर बैठे वे सारे प्रैक्टिकल कर सकेंगे जो अपने कॉलेज की लेबोरेटरी में करते थे। इसमें पूरी लैब उसी तरह होगी जैसे आप करते हैं। बस यहां सब चीज वर्चुअल होगा।
यह 'वर्चुअल लैब' देश के बेहतरीन संस्थानों ने मिलकर तैयार किया है। आईआईटी खड़गपुर, रूड़की, गुवाहाटी, दिल्ली, बॉम्बे, कानपुर और मद्रास, ट्रिपल आईटी हैदराबाद, एनआईटी कर्नाटका, सीओई पुणे, दयालबाग एजुकेशनल इंस्टीट्यूट, अमृता विश्व विद्यापीठम ने मिलकर विभिन्न विषयों पर प्रैक्टिकल की कई सुविधाएं दी हैं। इसके लिए वी लैब डॉट सीओ डॉट इन को लॉगइन करके इसका लाभ उठाया जा सकता है।
काम करने की छूट और सुरक्षित
वर्चुअल लैब के आईआईटी दिल्ली में सीनियर फील्ड इंजीनियर प्रतीक शर्मा ने बताया कि एमएचआरडी के द्वारा वित्तीय सहायता से यह तैयार कराई गई है। इसे मुख्य रूप से साइंस और इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए तैयार किया गया है। आईआईटी दिल्ली इसका मुख्य समन्वयक संस्थान है।
इस लैब में काम करने की पूरी छूट है। 24 घंटे बिना शुल्क के काम कर सकते हैं। यदि केमिकल रिएक्शन कराना है तो इसमें अपने अनुसार मात्रा तय कर केमिकल का मिश्रण तैयार किया जा सकता है। निश्चित तापमान तय कर उसपर गर्म किया जा सकता है। इस प्रक्रिया में उसमें क्या बदलाव आएगा और किस तरह का दिखेगा यह सब ऑनलाइन देखा जा सकता है। इलेक्ट्रिकल आदि के भी प्रयोग किये जा सकते हैं।
कॉलेज के लेबोरेटरी में खतरा भी रहता है, लेकिन यह पूरी तरह से सुरक्षित है। इंजीनियरिंग के विभिन्न इस्ट्रीम के छात्र इसमें दिए गए विषयों के अनुसार अपना प्रैक्टिकल कर सकते हैं। बायोटेक्नोलॉजी एवं बायोमेडिकल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस, सिविल इंजीनियरिंग, मेकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए भी इसमें विकल्प दिए गए हैं। प्रतीक ने बताया कि इसके सारे रिजल्ट एक्यूरेट हैं, लेकिन इसमें सभी प्रयोग आईडियल कंडीशन को मानकर कराया जाता है और उसी अनुसार सही रिजल्ट आता है। फिजिकल लैब के एक विकल्प के रूप में इसका उपयोग किया जा सकता है।
कॉलेज भी करा सकते हैं रजिस्टर
प्रतीक ने बताया कि यदि कोई कॉलेज चाहे तो इसी वेबसाइट पर जाकर कॉलेज को रजिस्टर कराकर नोडल सेंटर बन सकता है। इसके बाद वहां के शिक्षकों और छात्रों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। कॉलेज के बिना रजिस्ट्रर कराए भी छात्र घर में खुद इसका उपयोग कर नि:शुल्क लाभ उठा सकते हैं। मारवाड़ी कॉलेज के सेवानिवृत प्राचार्य प्रो. एके श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने कॉलेज को नोडल सेंटर बनवाया था, लेकिन उसके बाद वहां कितना काम हो रहा है, इसकी जानकारी नहीं है।
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लॉकडाउन के दौरान सभी कॉलेज एवं शिक्षण संस्थान बंद है। मैट्रिक से पीजी और इंजीनियरिंग एवं मेडिकल के छात्र- छात्राओं की थ्योरी की ऑनलाइन कक्षाएं तो हो रही हैं, लेकिन प्रैक्टिकल के बिना उनकी पढ़ाई का जरूरी और आवश्यक हिस्सा पूरा नहीं हो पा रहा है। अब वे वर्चुअल लैब से घर बैठे वे सारे प्रैक्टिकल कर सकेंगे जो अपने कॉलेज की लेबोरेटरी में करते थे। इसमें पूरी लैब उसी तरह होगी जैसे आप करते हैं। बस यहां सब चीज वर्चुअल होगा।
यह 'वर्चुअल लैब' देश के बेहतरीन संस्थानों ने मिलकर तैयार किया है। आईआईटी खड़गपुर, रूड़की, गुवाहाटी, दिल्ली, बॉम्बे, कानपुर और मद्रास, ट्रिपल आईटी हैदराबाद, एनआईटी कर्नाटका, सीओई पुणे, दयालबाग एजुकेशनल इंस्टीट्यूट, अमृता विश्व विद्यापीठम ने मिलकर विभिन्न विषयों पर प्रैक्टिकल की कई सुविधाएं दी हैं। इसके लिए वी लैब डॉट सीओ डॉट इन को लॉगइन करके इसका लाभ उठाया जा सकता है।
काम करने की छूट और सुरक्षित
वर्चुअल लैब के आईआईटी दिल्ली में सीनियर फील्ड इंजीनियर प्रतीक शर्मा ने बताया कि एमएचआरडी के द्वारा वित्तीय सहायता से यह तैयार कराई गई है। इसे मुख्य रूप से साइंस और इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए तैयार किया गया है। आईआईटी दिल्ली इसका मुख्य समन्वयक संस्थान है।
इस लैब में काम करने की पूरी छूट है। 24 घंटे बिना शुल्क के काम कर सकते हैं। यदि केमिकल रिएक्शन कराना है तो इसमें अपने अनुसार मात्रा तय कर केमिकल का मिश्रण तैयार किया जा सकता है। निश्चित तापमान तय कर उसपर गर्म किया जा सकता है। इस प्रक्रिया में उसमें क्या बदलाव आएगा और किस तरह का दिखेगा यह सब ऑनलाइन देखा जा सकता है। इलेक्ट्रिकल आदि के भी प्रयोग किये जा सकते हैं।
कॉलेज के लेबोरेटरी में खतरा भी रहता है, लेकिन यह पूरी तरह से सुरक्षित है। इंजीनियरिंग के विभिन्न इस्ट्रीम के छात्र इसमें दिए गए विषयों के अनुसार अपना प्रैक्टिकल कर सकते हैं। बायोटेक्नोलॉजी एवं बायोमेडिकल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस, सिविल इंजीनियरिंग, मेकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए भी इसमें विकल्प दिए गए हैं। प्रतीक ने बताया कि इसके सारे रिजल्ट एक्यूरेट हैं, लेकिन इसमें सभी प्रयोग आईडियल कंडीशन को मानकर कराया जाता है और उसी अनुसार सही रिजल्ट आता है। फिजिकल लैब के एक विकल्प के रूप में इसका उपयोग किया जा सकता है।
कॉलेज भी करा सकते हैं रजिस्टर
प्रतीक ने बताया कि यदि कोई कॉलेज चाहे तो इसी वेबसाइट पर जाकर कॉलेज को रजिस्टर कराकर नोडल सेंटर बन सकता है। इसके बाद वहां के शिक्षकों और छात्रों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। कॉलेज के बिना रजिस्ट्रर कराए भी छात्र घर में खुद इसका उपयोग कर नि:शुल्क लाभ उठा सकते हैं। मारवाड़ी कॉलेज के सेवानिवृत प्राचार्य प्रो. एके श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने कॉलेज को नोडल सेंटर बनवाया था, लेकिन उसके बाद वहां कितना काम हो रहा है, इसकी जानकारी नहीं है।
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