फतेहपुर : लॉकडाउन से परिषदीय विद्यालयों में छात्र संख्या होगी प्रभावित।
फतेहपुर : लॉकडाउन से परिषदीय विद्यालयों में छात्र संख्या होगी प्रभावित।
फतेहपुर : कोरोना वायरस के संकट के चलते परिषदीय स्कूलों में तालाबंदी कर दी गई है। इन तमाम स्कूलों को क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है। तालाबंदी के चलते नए सत्र में शुरू होने वाली प्रवेश प्रक्रिया ठप चल रही है। इसका असर चालू सत्र में छात्र संख्या में दिखाई देगा। जिसको लेकर शासन स्तर से चिंता जताई गई है। जिले में 1903 प्राथमिक और 747 उच्च प्राथमिक विद्यालय संचालित हो रहे हैं। लॉकडाउन के चलते जागरूक शिक्षक-शिक्षिकाओं ने 18 परिषदीय स्कूलों में ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया शुरू की है लेकिन रोजी रोटी का जुगाड़ न हो पाने से गरीब श्रेणी के अभिभावक इसमें रुचि नहीं ले ह हैं तो प्रवेश संख्या नहीं बढ़ पा रही है। ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया कागजों तक में सीमित होकर ह गई है। बीते सत्रों में प्रवेशित छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए स्कूल चलो अभियान, जागरूकता अभियान, समाज में प्रधान, बीडीसी जैसे प्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाता रहा है। इस दफा यह काम पूरी तरह से ठप है। जिसका असर कुल छात्र संख्या में पड़ेगा। बीते सत्र में 2, 43,679 छात्र-छात्राएं पंजीकृत थे। कक्षा 8 के 10 हजार बच्चे उत्तीर्ण होकर बाहर हो चुके हैं। इनकी भरपाई हो पाना मुश्किल साबित हो रही है। विभागीय जानकार बताते हैं कि बीते दिन शासन स्तर की बैठक में इस पर चिंता जताई जा चुकी है। वहीं निजी स्कूल गांवों और शहरी आबादी में भ्रमण करके बच्चों के प्रवेश कर रहे हैं। ऐसे में सरकारी स्कूल के लिए बच्चों का मिल पाना टेढ़ी खीर साबित होगा। नए सत्र में विद्यालयों के संविलियन प्रक्रिया में शासन ने आदेश जारी किया है कि अधिक छात्र संख्या वाले विद्यालयों में दूसरे विद्यालयों का विलय होगा। वित्तीय अधिकार सहित तमाम कामकाजों को मुखिया बनकर निपटान अधिक छात्र संख्या वाले स्कूल के प्रधानाध्यापक ही करेंगे। तमाम स्कूल ऐसे हैं जो कि एक ही कैंपस में प्रथम और द्वितीय नामों में चल रहे हैं। छात्र संख्या भी थोड़ी कम ज्यादा है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शिवेंद्र प्रताप सिंह, मौजूदा समय में छात्र संख्या किस तरह से बढ़ाई जाए इसको लेकर रणनीति बनाई जा ही है। शासन की जो गाइड लाइन है उसे हर हाल में पूरा किया जाएगा। बीते साल की तुलना में इस वर्ष भी छात्र संख्या को उसके आगे ले जाने में पूरी ऊर्जा खपाई जाएगी।
फतेहपुर : लॉकडाउन से परिषदीय विद्यालयों में छात्र संख्या होगी प्रभावित।
फतेहपुर : कोरोना वायरस के संकट के चलते परिषदीय स्कूलों में तालाबंदी कर दी गई है। इन तमाम स्कूलों को क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है। तालाबंदी के चलते नए सत्र में शुरू होने वाली प्रवेश प्रक्रिया ठप चल रही है। इसका असर चालू सत्र में छात्र संख्या में दिखाई देगा। जिसको लेकर शासन स्तर से चिंता जताई गई है। जिले में 1903 प्राथमिक और 747 उच्च प्राथमिक विद्यालय संचालित हो रहे हैं। लॉकडाउन के चलते जागरूक शिक्षक-शिक्षिकाओं ने 18 परिषदीय स्कूलों में ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया शुरू की है लेकिन रोजी रोटी का जुगाड़ न हो पाने से गरीब श्रेणी के अभिभावक इसमें रुचि नहीं ले ह हैं तो प्रवेश संख्या नहीं बढ़ पा रही है। ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया कागजों तक में सीमित होकर ह गई है। बीते सत्रों में प्रवेशित छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए स्कूल चलो अभियान, जागरूकता अभियान, समाज में प्रधान, बीडीसी जैसे प्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाता रहा है। इस दफा यह काम पूरी तरह से ठप है। जिसका असर कुल छात्र संख्या में पड़ेगा। बीते सत्र में 2, 43,679 छात्र-छात्राएं पंजीकृत थे। कक्षा 8 के 10 हजार बच्चे उत्तीर्ण होकर बाहर हो चुके हैं। इनकी भरपाई हो पाना मुश्किल साबित हो रही है। विभागीय जानकार बताते हैं कि बीते दिन शासन स्तर की बैठक में इस पर चिंता जताई जा चुकी है। वहीं निजी स्कूल गांवों और शहरी आबादी में भ्रमण करके बच्चों के प्रवेश कर रहे हैं। ऐसे में सरकारी स्कूल के लिए बच्चों का मिल पाना टेढ़ी खीर साबित होगा। नए सत्र में विद्यालयों के संविलियन प्रक्रिया में शासन ने आदेश जारी किया है कि अधिक छात्र संख्या वाले विद्यालयों में दूसरे विद्यालयों का विलय होगा। वित्तीय अधिकार सहित तमाम कामकाजों को मुखिया बनकर निपटान अधिक छात्र संख्या वाले स्कूल के प्रधानाध्यापक ही करेंगे। तमाम स्कूल ऐसे हैं जो कि एक ही कैंपस में प्रथम और द्वितीय नामों में चल रहे हैं। छात्र संख्या भी थोड़ी कम ज्यादा है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शिवेंद्र प्रताप सिंह, मौजूदा समय में छात्र संख्या किस तरह से बढ़ाई जाए इसको लेकर रणनीति बनाई जा ही है। शासन की जो गाइड लाइन है उसे हर हाल में पूरा किया जाएगा। बीते साल की तुलना में इस वर्ष भी छात्र संख्या को उसके आगे ले जाने में पूरी ऊर्जा खपाई जाएगी।
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