गड़बड़ी : कोरोना की निगरानी के लिए गठित निगरानी समिति बनाने में मानक का ध्यान नहीं
कोरोना की निगरानी के लिए मोहल्लों के लिए गठित निगरानी समिति बनाने में एक समय में पांच गांवों की निगरानी कैसे गड़बड़ी सामने आई है। ऐसे समय में जबकि बस, टेंपो आदि नहीं चल रहे तो कुछ शिक्षक व शिक्षिकाओं की ड्यूटी 55 किमी. दूर तक लगा दी गई है। बड़ी संख्या में शिक्षकों, दिव्यांगों और करें । बसें चल नहीं रहीं और हंडिया तक जाने का उनके पास कोई साधन भी नहीं है।
55 वर्ष से अधिक व बीमार अजय श्रीवास्तव, राधेश्याम, राजेश द्विवेदी और विजयलक्ष्मी की ड्यूटी लगाई गई उम्रदराज शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। दिव्यांग शिक्षिका मधुलिका को भी है। शिक्षकों का दावा है कि मुख्यमंत्री ने निगरानी समिति में रखा गया है। शिक्षकों की ड्यूटी नहीं लगाने के प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष निर्देश दिए हैं।
अल्लापुर में रहने वाली और प्राथमिक विद्यालय अर्जुन पट्टी की इंचार्ज प्रधानाध्यापक अर्चना की ड्यूटी 55 किमी दूर हंडिया में लगाई गई है। उन्हें पांच गांवों की निगरानी का जिम्मा दिया गया। उनका कहना है कि देवेन्द्र श्रीवास्तव का कहना है कि ड्यूटी लगाने से पहले शिक्षकों को कोरोना संक्रमण के संबंध में प्रशिक्षण दिया जाए। शिक्षकों को पीपीई किट के साथ राज्य सरकार की ओर से बीमा सहित जो भी सुरक्षा की सुविधाएं प्रदान की गई हैं वे दी जाएं।
उसी गांव में निवासरत सरकारी एवं प्राइवेट शिक्षकों को निगरानी समिति में शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं। यदि कहीं विसंगति हुई होगी तो दूर करा ली जाएगी।-भानु चंद्र गोस्वामी, जिलाधिकारी
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