KVS : कोरोना के चलते पढ़ाई ही नहीं अब प्रैक्टिकल भी होगा ऑनलाइन, वर्चुअल प्रैक्टिकल का बनाया प्लान।
केंद्रीय विद्यालय संगठन ने कहा- कोरोना के चलते पढ़ाई ही नहीं अब प्रैक्टिकल भी ऑनलाइन होगा
देश भर के अपने रीजनल सेंटरों को लिखे पत्र में केंद्रीय विद्यालय संगठन ने कहा है कि जरुरत पड़ने पर शिक्षकों को इसके लिए प्रशिक्षित किया जाए।...
नई दिल्ली : कोरोना के खतरे को देखते हुए घरों में बैठे बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूलों ने भले ही आनलाइन तरीका ढूंढ लिया था, लेकिन उसके सामने प्रैक्टिकल जैसी गतिविधियों को जारी रखने की एक चुनौती बनी हुई थी। स्कूलों ने अब इसका रास्ता भी निकाल लिया है। केंद्रीय विद्यालय संगठन ने इसे लेकर एक बड़ी पहल की है। इसके तहत घर बैठे छात्रों को अब वर्चुअल तरीके से प्रैक्टिकल कराया जाएगा। इसका पूरा प्लान तैयार कर लिया गया है। इसे जल्द ही संगठन से जुड़े देश भर के स्कूलों में आजमाया जाएगा।
केंद्रीय विद्यालय संगठन ने ऑनलाइन लैब नामक एप प्रस्तावित किया
केंद्रीय विद्यालय संगठन ने इसे लेकर अपने सभी रीजनल सेंटरों को निर्देश भी जारी किए है। जिसके तहत शिक्षकों को वर्चुअल प्रैक्टिकल कराने के लिए प्रोत्साहित करने को कहा है। इसके लिए संगठन ने ओ-लैब (ऑनलाइन लैब) नाम से एक एप को सुझाया है। जिससे छात्रों को जोड़कर वह प्रैक्टिकल से जुड़ी गतिविधियों को संचालित कर सकते है।
घर बैठे ही प्रैक्टिकल से जुड़ी अपनी फाइल आदि भी तैयार सकेंगे
संगठन से जुडे एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक यह सही है कि वर्चुअल तरीके से छात्रों को वह सारा कुछ नहीं बताया जा सकता है, जो वह लैब में आकर सीखते है, लेकिन इससे उन्हें किसी प्रयोग को कैसे करना उसके बारे में जानकारी दी जा सकती है। साथ ही वैसा करते हुए दिखाया भी जा सकता है। इसका फायदा यह होगा, कि स्कूलों के खुलने के बाद जब भी वह लैब में आएंगे, तो उन्हें उन सारी चीजों के बारे में पहले से पता होगा। जो अब तक उन्हें लैब में आने पर ही बताया जाता था। इससे छात्रों का समय बचेगा। साथ ही वह घर बैठे ही प्रैक्टिकल से जुड़ी अपनी फाइल आदि भी तैयार सकेंगे।
केंद्रीय विद्यालय संगठन ने कहा- शिक्षकों को इसके लिए प्रशिक्षित किया जाएगा
देश भर के अपने रीजनल सेंटरों को लिखे पत्र में केंद्रीय विद्यालय संगठन ने कहा है कि जरुरत पड़ने पर शिक्षकों को इसके लिए प्रशिक्षित किया जाए। संगठन के मुताबिक इस एप का ट्रायल ले लिया है। जो मौजूदा परिस्थितियों के लिहाज से काफी उपयुक्त है। ऐसे में शिक्षा के सामने खड़ी हुई इस चुनौती से निपटने का भी रास्ता खोल लिया गया है।
केंद्रीय विद्यालय संगठन ने कहा- कोरोना के चलते पढ़ाई ही नहीं अब प्रैक्टिकल भी ऑनलाइन होगा
देश भर के अपने रीजनल सेंटरों को लिखे पत्र में केंद्रीय विद्यालय संगठन ने कहा है कि जरुरत पड़ने पर शिक्षकों को इसके लिए प्रशिक्षित किया जाए।...
नई दिल्ली : कोरोना के खतरे को देखते हुए घरों में बैठे बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूलों ने भले ही आनलाइन तरीका ढूंढ लिया था, लेकिन उसके सामने प्रैक्टिकल जैसी गतिविधियों को जारी रखने की एक चुनौती बनी हुई थी। स्कूलों ने अब इसका रास्ता भी निकाल लिया है। केंद्रीय विद्यालय संगठन ने इसे लेकर एक बड़ी पहल की है। इसके तहत घर बैठे छात्रों को अब वर्चुअल तरीके से प्रैक्टिकल कराया जाएगा। इसका पूरा प्लान तैयार कर लिया गया है। इसे जल्द ही संगठन से जुड़े देश भर के स्कूलों में आजमाया जाएगा।
केंद्रीय विद्यालय संगठन ने ऑनलाइन लैब नामक एप प्रस्तावित किया
केंद्रीय विद्यालय संगठन ने इसे लेकर अपने सभी रीजनल सेंटरों को निर्देश भी जारी किए है। जिसके तहत शिक्षकों को वर्चुअल प्रैक्टिकल कराने के लिए प्रोत्साहित करने को कहा है। इसके लिए संगठन ने ओ-लैब (ऑनलाइन लैब) नाम से एक एप को सुझाया है। जिससे छात्रों को जोड़कर वह प्रैक्टिकल से जुड़ी गतिविधियों को संचालित कर सकते है।
घर बैठे ही प्रैक्टिकल से जुड़ी अपनी फाइल आदि भी तैयार सकेंगे
संगठन से जुडे एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक यह सही है कि वर्चुअल तरीके से छात्रों को वह सारा कुछ नहीं बताया जा सकता है, जो वह लैब में आकर सीखते है, लेकिन इससे उन्हें किसी प्रयोग को कैसे करना उसके बारे में जानकारी दी जा सकती है। साथ ही वैसा करते हुए दिखाया भी जा सकता है। इसका फायदा यह होगा, कि स्कूलों के खुलने के बाद जब भी वह लैब में आएंगे, तो उन्हें उन सारी चीजों के बारे में पहले से पता होगा। जो अब तक उन्हें लैब में आने पर ही बताया जाता था। इससे छात्रों का समय बचेगा। साथ ही वह घर बैठे ही प्रैक्टिकल से जुड़ी अपनी फाइल आदि भी तैयार सकेंगे।
केंद्रीय विद्यालय संगठन ने कहा- शिक्षकों को इसके लिए प्रशिक्षित किया जाएगा
देश भर के अपने रीजनल सेंटरों को लिखे पत्र में केंद्रीय विद्यालय संगठन ने कहा है कि जरुरत पड़ने पर शिक्षकों को इसके लिए प्रशिक्षित किया जाए। संगठन के मुताबिक इस एप का ट्रायल ले लिया है। जो मौजूदा परिस्थितियों के लिहाज से काफी उपयुक्त है। ऐसे में शिक्षा के सामने खड़ी हुई इस चुनौती से निपटने का भी रास्ता खोल लिया गया है।
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