यूपी बोर्ड : 10वीं-12वीं के 55 लाख छात्रों को किताबें मिलेंगी, स्कूलों में शिविर लगाकर किताबें बांटने का दिया गया है निर्देश।
यूपी बोर्ड : 10वीं-12वीं के 55 लाख छात्रों को किताबें मिलेंगी, स्कूलों में शिविर लगाकर किताबें बांटने का दिया गया है निर्देश।
लॉकडाउन में स्कूल भले ही बंद चल रहे हों लेकिन प्रदेश में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के 55 लाख से अधिक बच्चों को किताबें उपलब्ध कराने की तैयारी शुरू हो गई है।
यूपी बोर्ड की सचिव नीना श्रीवास्तव ने 16 जून को सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को जिलों में शिविर लगाकर राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की किताबें उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। बोर्ड ने 2020-21 सत्र की किताबें बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध कराने के आदेश प्रकाशकों और वितरकों को दिए थे। प्रकाशकों और वितरकों का कहना है कि किताबें छपकर तैयार हैं लेकिन स्कूल बंद होने के कारण बाजार में किताबों की मांग नहीं है।
सचिव ने डीआईओएस को भेजे पत्र में कहा है कि 27 हजार से अधिक स्कूलों के छात्र-छात्राओं की पढ़ाई ऑनलाइन एवं दूरदर्शन के स्वयंप्रभा चैनल के माध्यम से हो रही है। लिहाजा जिले में एनसीईआरटी की मांग और उपलब्धता का आंकलन करते हुए अनुलब्धता या कमी होने पर अधिकृत प्रकाशकों और वितरकों से संपर्क कर उपलब्ध कराएं। सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए शिविर लगाकर किताबें उपलब्ध कराई जाएं।
यूपी बोर्ड : 10वीं-12वीं के 55 लाख छात्रों को किताबें मिलेंगी, स्कूलों में शिविर लगाकर किताबें बांटने का दिया गया है निर्देश।
लॉकडाउन में स्कूल भले ही बंद चल रहे हों लेकिन प्रदेश में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के 55 लाख से अधिक बच्चों को किताबें उपलब्ध कराने की तैयारी शुरू हो गई है।
यूपी बोर्ड की सचिव नीना श्रीवास्तव ने 16 जून को सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को जिलों में शिविर लगाकर राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की किताबें उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। बोर्ड ने 2020-21 सत्र की किताबें बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध कराने के आदेश प्रकाशकों और वितरकों को दिए थे। प्रकाशकों और वितरकों का कहना है कि किताबें छपकर तैयार हैं लेकिन स्कूल बंद होने के कारण बाजार में किताबों की मांग नहीं है।
सचिव ने डीआईओएस को भेजे पत्र में कहा है कि 27 हजार से अधिक स्कूलों के छात्र-छात्राओं की पढ़ाई ऑनलाइन एवं दूरदर्शन के स्वयंप्रभा चैनल के माध्यम से हो रही है। लिहाजा जिले में एनसीईआरटी की मांग और उपलब्धता का आंकलन करते हुए अनुलब्धता या कमी होने पर अधिकृत प्रकाशकों और वितरकों से संपर्क कर उपलब्ध कराएं। सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए शिविर लगाकर किताबें उपलब्ध कराई जाएं।
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