नई दिल्ली : स्कूल फीस को लेकर भड़का अभिभावक संघ, 26 से आंदोलन की दी धमकी
School Fees In Lockdown : अभिभावक संघ के अनुसार महज 2-3 घंटे की ऑनलाइन पढ़ाई के लिए पूरी फीस लेना गलत है। स्कूल एसोसिएशन की दलील है कि वे सिलेबस को अपने हिसाब से पूरा कराने की कर रहे हैं कोशिश
नई दिल्ली। कोरोना महामारी (Coronavirus Pandemic) के चलते स्कूल-कॉलेज मार्च से बंद हैं। बच्चों की पढ़ाई में नुकसान न हो इसके लिए ऑनलाइन क्लासेज (Online Classes) चलाई जा रही हैं। मगर इन्हीं के बीच फीस को लेकर स्कूल प्रशासन और पैरेंट्स के बीच ठन गई है। स्कूल प्रबंधन जहां समय से फीस भरने को कह रहा है। वहीं अभिभावकों की दलील है कि महज 2 से 3 घंटे के लिए वे पूरी फीस नहीं दे सकते हैं। इस बात को लेकर अभिभावक संघ (Parents Association) हल्लाबोल की तैयारी कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर मसले का हल नहीं निकला तो वे 26 तारीख से आंदोलन करेंगे।
इस सिलसिले में उत्तराखंड में प्राइवेट स्कूलों (Private Schools) के फ़ीस वसूलने (School Fees In Lockdown) के मुद्दे पर हाईकोर्ट ने फ़ैसला सुनाया था। इसके बाद सरकार ने कहा था कि ऑनलाइन क्लास देने वाले प्राइवेट स्कूल ट्यूशन फीस ले सकते हैं। मगर सरकार के इस फैसले से अभिभावक संघ सहमत नहीं है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अभिभावक संघ के अध्यक्ष राम कुमार का कहना है कि सिर्फ़ 2 घंटे की ऑनलाइन क्लास हो रही है। इसमें भी कई बार नेटवर्क की दिक्कत होती है, तो कभी लाइट चली जाती है या अन्य समस्याएं आ जाती हैं। इससे पढ़ाई ठीक से नहीं हो पाती है। ऐसे में ट्यूशन फीस के नाम पर पूरी फीस वसूली बिल्कुल गलत है। इसका विरोध किया जाएगा। मालूम हो कि लॉकडाउन के दौरान स्कूलों की ओर से लिए जा रहे फीस को लेकर गुरुग्राम में भी अभिभावकों ने आपत्ति जताई थी। यहां के पैरेंट्स एसोसिएशन ने भी आंदोलन की धमकी दी थी।
अभिभावक संघ इस मुद्दे पर आंदोलन की तैयारी में है। संघ के अध्यक्ष का कहना है कि वे फ़ीस के मुद्दे पर किसान यूनियन के साथ मिलकर प्रदेशभर में आंदोलन करेंगे। वे 26 तारीख से सड़कों पर उतरकर स्कूल प्रबंधकों के खिलाफ आवाज बुलंद करेंगे। वहीं इस मसले पर स्कूल एसोसिएशन का कहना है कि वे पूरे सिलेबस को 2-3 घंटे में पूरा कराने की कोशिश कर रहे हैं। वे स्कूल के सिलेबस के हिसाब से ही प्लानिंग कर रहे हैं। ऐसे में ट्यूशन फीस लेना गलत नहीं है। क्योंकि इसी के जरिए शिक्षकों को उनकी सैलरी दी जा सकेगी।
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