शिक्षक भर्ती घोटालाः नकल माफिया चंद्रमा यादव भी नामजद, चार लाख रुपये में 40 मिनट पहले व्हाट्सएप पर देता था पेपर
शिक्षक भर्ती मामले में नकल माफिया चंद्रमा यादव को भी नामजद कर लिया गया है। वह चार लाख रुपये में व्हाट्सएप के माध्यम से पेपर लीक करता था। सोरांव पुलिस ने केएल पटेल के बयान के आधार पर उसे वांटेड बनाया है। चंद्रमा कुछ समय पहले ही जेल से छूटकर बाहर आया है।
अब उसकी तलाश की जा रही है। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) में नकल कराने के मामले में उसे गिरफ्तार किया गया था। केएल पटेल तथा अन्य आरोपियों ने चंद्रमा को लेकर और भी कई खुलासे किए हैं। सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में नकल के मामले में पुलिस ने डॉक्टर केएल पटेल के गैंग का खुलासा किया तो दो गिरोहों के नाम और सामने आए थे।
इनमें एक भदोही का मायापती दुबे और दूसरा धूमनगंज का रहने वाला चंद्रमा यादव था। मायापती को पुलिस ने पहले ही वांटेड कर दिया था। बाद में सरगना केएल पटेल और राजापुर के रहने वाले मेडिएटर ललित त्रिपाठी के बयान के आधार पर चंद्रमा यादव को भी इस मामले में नामजद कर लिया गया।
केएल पटेल राजापुर के ललित त्रिपाठी के माध्यम से ही चंद्रमा से पेपर मंगवाता था। आरोपियों के बयान के मुताबिक चंद्रमा यादव एक पेपर के चार लाख रुपये लेता था। वह परीक्षा शुरू होने से 40 मिनट पहले ललित त्रिपाठी को व्हाट्सएप कर देता था। ललित ने बयान दिया था कि वह केएल पटेल से छह लाख रुपये लेता था।
दो लाख खुद रख कर चार लाख चंद्रमा को दे देता था। चंद्रमा यादव के स्कूल में जिस भी परीक्षा का सेंटर जाता था, वह किसी भी रिस्क पर पेपर आउट कराने के लिए राजी हो जाता था। पुलिस अब चंद्रमा की तलाश कर रही है। उसके पकड़े जाने के बाद यह भी पता चलेगा कि उसने शिक्षक भर्ती में केएल पटेल और मायापती के अलावा और कितने गिरोहों को पेपर दिया था।
चंद्रमा यादव प्रयागराज का बड़ा नकल माफिया माना जाता है। टेट में नकल कराने के मामले में वह गिरफ्तार होकर नैनी जेल गया था। वहां से कुछ समय पहले वह जमानत पर रिहा हुआ है। पुलिस उसकी तलाश में दबिश दे रही है।
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