टीईटी धांधली से जुड़े हैं सरगना के तार, 69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा पास कराने के नाम पर फर्जीवाड़े में पुलिस ने किए कई और खुलासे।
टीईटी धांधली से जुड़े हैं सरगना के तार, 69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा पास कराने के नाम पर फर्जीवाड़े में पुलिस ने किए कई और खुलासे।
प्रयागराज। शिक्षक भर्ती परीक्षा पास कराने वाले गिरोह के पकड़े जाने के बाद जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, मामले में चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही है। जांच में यह भी पता चला कि गिरोह का सरगना केएल पटेल पांच महीने पहले हुई टीईटी में धांधली की कोशिश में गिरफ्तार नकल माफिया चंद्रमा यादव व संजय सिंह के भी संपर्क में था। ऐसे में इस बात की भी आशंका है कि इस गिरोह ने टीईटी में भी सेंधमारी की हो। ऐसे में पुलिस जेल में बंद चंद्रमा व संजय से भी पूछताछ की तैयारी में है। सोरांव पुलिस ने दो दिन पहले शिक्षक भर्ती परीक्षा पास कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए सरगना समेत सात लोगों को पकड़ा था। दूसरे दिन रामपुर निवासी ललित त्रिपाठी को हिरासत में लिया गया। सूत्रों के मुताबिक, ललित ने बताया कि टीईटी में सेंधमारी करते पकड़े गए संजय सिंह उर्फ गुरुजी और धूमनगंज निवासी चंद्रमा यादव उसके संपर्क में थे और केएल पटेल से उनकी मुलाकात उसने ने ही कराई थी। बता दें कि टीईटी में नकल कराने की कोशिश में जुटे इस गिरोह के कुल सात सदस्यों को गिरफ्तार किया था। गिरोह के सदस्यों ने कबूला था कि उन्होंने करीब 200 अभ्यर्थियों से दो से पांच लाख रुपये तक में सौदा किया था। शिक्षक भर्ती परीक्षा पास कराने वाले गिरोह के सरगना केएल पटेल के जनवरी में पकड़े गए चंद्रमा व संजय सिंह के संपर्क में होने की बात सामने आने पर टीईटी में भी सेंधमारी की आशंका जताई जा रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक जिस तरह से मामले में रोज रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं, वह किसी बड़ी धांधली के भी संकेत हैं। ऐसे में मामले की जांच एसटीएफ से भी कराई जा सकती है।
नैनी स्थित इंटर कॉलेज का कर्मचारी भी हिरासत में पुलिस सूत्रों के मुताबिक, शिक्षक भर्ती परीक्षा में पास कराने वाले गिरोह के सदस्यों से पूछताछ में कई अन्य अहम जानकारियां पुलिस को मिली है। पता चला है कि पिछले साल जनवरी में हुई इस परीक्षा के लिए नैनी स्थित इंटर कॉलेज में बनाए गए केंद्र के भी बहुत से अभ्यर्थी इस गिरोह के संपर्क में थे। जिसके बाद पुलिस ने कॉलेज के एक कर्मचारी को हिरासत में ले लिया है। इस कॉलेज में बने केंद्र में परीक्षा देने वाले बहुत से अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिनका शिक्षक भर्ती परीक्षा में न सिर्फ चयन हुआ, बल्कि उनके प्राप्तांक भी ज्यादा हैं।
2 अभ्यर्थियों के भी पकड़े जाने की रही चर्चा
शिक्षक भर्ती परीक्षा पास कराने वाले गिरोह की जांच के दौरान 2 अभ्यर्थियों को भी हिरासत में लिए जाने की चर्चा रही। अभी कहा जा रहा है कि जांच के दौरान दोनों अभ्यर्थियों का गिरोह के सदस्यों के बीच लेन-देन की बात सामने आई है। हालांकि एसएसपी किसी व्यक्ति को हिरासत में लेने के बाद से इंकार करते रहे। उनका यह जरूर कहना था कि कुछ सूचनाएं मिली है जिनकी पुष्टि अभी बाकी है। ऐसे में मामले में अभी कुछ भी बताया जल्दबाजी होगी
......
69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा में घोटाले का खेल तार-तार, 17 लाख व फर्जी मार्कशीट बरामद, शिकंजे में सरगना का मददगार।
प्रयागराज। शिक्षक भर्ती परीक्षा पास कराने वाले गिरोह के सदस्यों की धरपकड़ में जुटी पुलिस ने शुक्रवार को एक और व्यक्ति को पकड़ा। ललित त्रिपाठी नाम का यह व्यक्ति गिरोह का सक्रिय सदस्य और सरगना केएल पटेल का मददगार बताया जा रहा है। उसने खुद को अधिवक्ता भी बताया है। उधर, एक दिन पहले हिरासत में लिए गए सरगना की निशानदेही पर पुलिस ने शुक्रवार को करीब 17 लाख रुपये भी बरामद किए हैं। सोरांव पुलिस ने शिक्षक भर्ती परीक्षा पास कराने के लिए अभ्यर्थियों से रुपये ऐंठने वाले गिरोह का भंडाफोड़ एक दिन पहले करते हुए सात लोगों को गिरफ्तार किया था।
टीईटी धांधली से जुड़े हैं सरगना के तार, 69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा पास कराने के नाम पर फर्जीवाड़े में पुलिस ने किए कई और खुलासे।
प्रयागराज। शिक्षक भर्ती परीक्षा पास कराने वाले गिरोह के पकड़े जाने के बाद जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, मामले में चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही है। जांच में यह भी पता चला कि गिरोह का सरगना केएल पटेल पांच महीने पहले हुई टीईटी में धांधली की कोशिश में गिरफ्तार नकल माफिया चंद्रमा यादव व संजय सिंह के भी संपर्क में था। ऐसे में इस बात की भी आशंका है कि इस गिरोह ने टीईटी में भी सेंधमारी की हो। ऐसे में पुलिस जेल में बंद चंद्रमा व संजय से भी पूछताछ की तैयारी में है। सोरांव पुलिस ने दो दिन पहले शिक्षक भर्ती परीक्षा पास कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए सरगना समेत सात लोगों को पकड़ा था। दूसरे दिन रामपुर निवासी ललित त्रिपाठी को हिरासत में लिया गया। सूत्रों के मुताबिक, ललित ने बताया कि टीईटी में सेंधमारी करते पकड़े गए संजय सिंह उर्फ गुरुजी और धूमनगंज निवासी चंद्रमा यादव उसके संपर्क में थे और केएल पटेल से उनकी मुलाकात उसने ने ही कराई थी। बता दें कि टीईटी में नकल कराने की कोशिश में जुटे इस गिरोह के कुल सात सदस्यों को गिरफ्तार किया था। गिरोह के सदस्यों ने कबूला था कि उन्होंने करीब 200 अभ्यर्थियों से दो से पांच लाख रुपये तक में सौदा किया था। शिक्षक भर्ती परीक्षा पास कराने वाले गिरोह के सरगना केएल पटेल के जनवरी में पकड़े गए चंद्रमा व संजय सिंह के संपर्क में होने की बात सामने आने पर टीईटी में भी सेंधमारी की आशंका जताई जा रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक जिस तरह से मामले में रोज रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं, वह किसी बड़ी धांधली के भी संकेत हैं। ऐसे में मामले की जांच एसटीएफ से भी कराई जा सकती है।
नैनी स्थित इंटर कॉलेज का कर्मचारी भी हिरासत में पुलिस सूत्रों के मुताबिक, शिक्षक भर्ती परीक्षा में पास कराने वाले गिरोह के सदस्यों से पूछताछ में कई अन्य अहम जानकारियां पुलिस को मिली है। पता चला है कि पिछले साल जनवरी में हुई इस परीक्षा के लिए नैनी स्थित इंटर कॉलेज में बनाए गए केंद्र के भी बहुत से अभ्यर्थी इस गिरोह के संपर्क में थे। जिसके बाद पुलिस ने कॉलेज के एक कर्मचारी को हिरासत में ले लिया है। इस कॉलेज में बने केंद्र में परीक्षा देने वाले बहुत से अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिनका शिक्षक भर्ती परीक्षा में न सिर्फ चयन हुआ, बल्कि उनके प्राप्तांक भी ज्यादा हैं।
2 अभ्यर्थियों के भी पकड़े जाने की रही चर्चा
शिक्षक भर्ती परीक्षा पास कराने वाले गिरोह की जांच के दौरान 2 अभ्यर्थियों को भी हिरासत में लिए जाने की चर्चा रही। अभी कहा जा रहा है कि जांच के दौरान दोनों अभ्यर्थियों का गिरोह के सदस्यों के बीच लेन-देन की बात सामने आई है। हालांकि एसएसपी किसी व्यक्ति को हिरासत में लेने के बाद से इंकार करते रहे। उनका यह जरूर कहना था कि कुछ सूचनाएं मिली है जिनकी पुष्टि अभी बाकी है। ऐसे में मामले में अभी कुछ भी बताया जल्दबाजी होगी
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69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा में घोटाले का खेल तार-तार, 17 लाख व फर्जी मार्कशीट बरामद, शिकंजे में सरगना का मददगार।
प्रयागराज। शिक्षक भर्ती परीक्षा पास कराने वाले गिरोह के सदस्यों की धरपकड़ में जुटी पुलिस ने शुक्रवार को एक और व्यक्ति को पकड़ा। ललित त्रिपाठी नाम का यह व्यक्ति गिरोह का सक्रिय सदस्य और सरगना केएल पटेल का मददगार बताया जा रहा है। उसने खुद को अधिवक्ता भी बताया है। उधर, एक दिन पहले हिरासत में लिए गए सरगना की निशानदेही पर पुलिस ने शुक्रवार को करीब 17 लाख रुपये भी बरामद किए हैं। सोरांव पुलिस ने शिक्षक भर्ती परीक्षा पास कराने के लिए अभ्यर्थियों से रुपये ऐंठने वाले गिरोह का भंडाफोड़ एक दिन पहले करते हुए सात लोगों को गिरफ्तार किया था।
इनके कब्जे 7.50 लाख रुपये के अलावा भारी मात्रा में जारी एडमिट कार्ड, मार्कशीट, आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज बरामद किए गए थे। गिरफ्तार केएल पटेल गिरोह का सरगना बताया गया जो कई स्कूल-कॉलेज चलाने के साथ ही पूर्व जिला पंचायत सदस्य भी बताया गया। गिरफ्तार किए गए सरगना समेत अन्य आरोपियों से पूछताछ के बाद शुक्रवार को पुलिस ने शहर के रायपुर से ललित त्रिपाठी को हिरासत में लिया। पूछताछ में पता चला कि आरोपी भर्ती परीक्षाओं में पास कराने के नाम पर अभ्यर्थियों से मोटी रकम वसूलते थे। पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार आरोपियों के पास से उनके मार्कशीट, सर्टिफिकेट, आधार कार्ड की छाया प्रतियां भी बरामद हुई हैं।
पानी की टंकी में छिपाकर रखे थे रुपये
पूछताछ के दौरान सरगना केएल पटेल ने चौंकाने वाले खुलासे किए उसने बताया कि परीक्षा पास कराने के नाम पर उसने व उसके गिरोह के सदस्यों ने करीब 70 अभ्यर्थियों से रुपये लिए। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने फूलपुर कप्सा स्थित उसके चंद्रकली इंटर कॉलेज में छापा मारकर करीब 13 लाख रुपये बरामद किए। यह रुपये कॉलेज में बनी पानी की टंकी में छिपाकर रखे गए थे। इसके अलावा अन्य जगहों से भी करीब चार लाख रुपये बरामद किए हैं। सरगना ने यह भी बताया कि अभ्यर्थियों से बतौर एडवांस कुछ रुपये लिए गए थे, बाकी की रकम काउंसलिंग के दौरान ली की जानी थी।
चयनितों की लिस्ट में 17 अभ्यर्थियों के नाम
पुलिस अफसरों का कहना है कि सरगना व गिरोह के सदस्यों के पास से जिन अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की छाया प्रतियां मिली हैं, उनमें से 17 के नाम शिक्षक भर्ती के चयनितों की सूची में शामिल हैं। पुलिस के अनुसार एक कॉपी बरामद की गई है, जिसमें 17 अभ्यर्थियों के नाम व रोल नंबर लिखे हैं। इन्हीं में से एक बलवंत कुमार निवासी गोंडा बताया जा रहा जिसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। चयनितों की सूची में शामिल अभ्यर्थियों के बारे में भी पता लगाया जा रहा है। उनसे भी पूछताछ की जाएगी। पता लगाया जाएगा कि उनका संपर्क सरगना केएल पटेल से किसके माध्यम से हुआ।
कुल 24.5 लाख, दो लैपटॉप व वाहन बरामद
शिक्षक भर्ती परीक्षा पास कराने वाले गिरोह के कब्जे से अब तक कुल 24.5 लाख रुपये बरामद गिए गए हैं। साथ ही दो लैपटॉप, 30 मोहर, एक कृषि विभाग को नियुक्ति पत्र, एक फॉर्च्युनर, एक बोलेरो, एक फोल्डर फाइल, जिसमें अभ्यर्थियों के रिजल्ट व फोटो हैं।
उपलब्ध कराते थे आंसर की'
पता चला है कि गिरोह के सदस्य परीक्षा केंद्रों से सेटिंग करके परीक्षा शुरू होने से पहले ही पेपर लीक कराते थे। इसके बाद पेपर सॉल्व कर अभ्यर्थियों को आंसर की उपलब्ध कराई जाती थी। इसी 'आंसर की' के सहारे परीक्षा पास कराई जाती थी। सीओ सोरांव केवी अशोक का कहना है कि 'आंसर की' उपलब्ध कराने की बात सामने आई है। लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हो सकी हैं।
नामजद आरोपियों में दो सगे भाई, पिता-पुत्र भी पुलिस ने बताया कि मामले में नामजद आठ आरोपियों में दो सगे भाई के अलावा पिता-पुत्र भी शामिल हैं। बताया कि आरोपी रुद्रपुर दुबे व मायापति दुबे सगे भाई हैं जो भदोही के कोरोना, रामपुर के रहने वाले हैं। इनमें से मायावती अभी फरार है जिसकी तलाश की जा रही है। उधर पकड़े गए नवाबगंज के कानपुर निवासी हरिकृष्ण सरोज व शशिप्रकाश सरोज पिता-पुत्र हैं। एक आरोपी कमल पटेल गिरोह के सरगना केएल पटेल का रिश्तेदार बताया जा रहा है। इनमें से केएल पटेल व आलोक उर्फ धर्मेंद्र सरोज सरकारी कर्मचारी हैं। जबकि अन्य आरेपी अलग-अलग कोचिंगों से जुड़े हैं।
69000 शिक्षक भर्ती : पेपर आउट कराने वाला हिरासत में, पेपर आउट कराने से सॉल्व करने तक का लेता था ठेका।
कलंक के खिलाफ : पेपर आउट कराने वाला वकील हिरासत में
प्रयागराज : परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 69000 शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में पकड़े गए पूर्व जिला पंचायत सदस्य डॉ. कृष्ण लाल पटेल से पूछताछ के बाद शुक्रवार को पुलिस ने सोरांव समेत कई इलाकों में छापेमारी की। पुलिस ने डॉ. पटेल के अधिवक्ता साथी को भी हिरासत में ले लिया है। उस पर पेपर आउट कराने का आरोप है। अब तक पुलिस ने 24 लाख रुपए, दो लैपटॉप, 30 मोहर, एक कॉपी, दो लग्जरी गाड़ियां बरामद की हैं।
एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने बताया कि प्रतापगढ़ निवासी राहुल सिंह ने सोरांव थाने में पूर्व जिला पंचायत डॉक्टर कृष्ण लाल पटेल समेत आठ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोप लगाया था कि 69000 सहायक शिक्षा भर्ती में आरोपियों ने परीक्षा पास कराने के लिए 7.50 लाख कैश लिया था। रिजल्ट आया तो राहुल का नाम उसमें नहीं था। इसके बाद पीड़ित ने पुलिस से गुहार लगाई थी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। उनके पास से 756000 नकद और अन्य डाक्यूमेंट्स मिले थे। शुक्रवार को पुलिस ने हिरासत में लिए गए आरोपी डॉ. कृष्ण लाल पटेल और रुद्र पति दुबे से पूछताछ के बाद छापेमारी कर प्रतापगढ़ निवासी अधिवक्ता ललित त्रिपाठी को भी हिरासत में ले लिया है।
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सहायक शिक्षक भर्ती के दो अभ्यर्थी भी गिरफ्तार, माफिया को दिए थे आठ लाख व 12 लाख रुपए, कई अन्य की तलाश जारी।
प्रयागराज : परिषदीय विद्यालयों में हो रही सहायक शिक्षक भर्ती के फर्जीवाड़ा मामले में अभ्यर्थी धर्मेंद्र पटेल और विनोद कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। विनोद, जौनपुर के सिकरारा थाना क्षेत्र के उतराई गांव का है। धर्मेंद्र प्रयागराज के सरायममरेज छतौना गांव का है। दवा है कि सहायक शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में पास होने के लिए एक ने आठ और दूसरे अभ्यर्थी ने करीब 12 लाख रुपये माफिया केएल पटेल को दिए थे। पुलिस ने नवाबगंज के शशि प्रकाश उसके पिता हरिकृष्ण सराज और होलागढ़ के कमल पटेल को भी लिखापढ़ी में गिरफ्तारी दिखा दी है। वहीं, दो अन्य युवकों से भी मामले में पूछताछ हो रही है। इससे पहले पुलिस ने शनिवार को गिरोह के सरगना स्कूल प्रबंधक केएल पटेल की डायरी में मिले अभ्यर्थियों के नाम के आधार पर तस्दीक की। फिर जौनपुर, प्रतापगढ़ समेत अन्य स्थानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी करते हुए तीन अभ्यर्थी समेत गिरोह से जुड़े दो लोगों को पूछताछ के लिए उठाया। कई और अभ्यर्थियों की भी तलाश चल रही है। चार दिन पहले सोरांव पुलिस ने 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थी राहुल की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह के सरगना स्कूल प्रबंधक केएल पटेल, भदोही के ग्राम प्रधान श्रवण दुबे समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया था। इनके कब्जे से लाखों रुपये नकद लैपटॉप, डायरी समेत अन्य कई दस्तावेज बरामद किए हैं। पुलिस प्रधान के फार भाई मायावती समेत अन्य की तलाश में मिले। इसी तरह विनोद यादव को भी 150 में 123 नंबर मिले थे। पुलिस का कहना है कि विनोद ने जैद नामक युवक के जरिए पास होने के लिए रकम दी थी।
राष्ट्रपति का नाम नहीं पता, मिले 142 नम्बर
एएसपी उस वक्त चकित रह गए जब पूछने पर धर्मेंद्र भारत के राष्ट्रपति का नाम नहीं बता सका। जांच में पता चला कि भर्ती की लिखित परीक्षा 150 नंबर की थी, जिसमें उसे 142 नंबर मिले। इसी तरह विनोद यादव को भी 150 में 123 नंबर मिले थे। पुलिस का कहना है कि विनोद ने जैद नामक युवक के जरिए पास होने के लिए रकम दी थी।
69000 शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े में दबोचा गया गिरोह, 7.56 लाख रुपए और कई दस्तावेज पुलिस ने किए बरामद।
शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े में 8 दबोचे
प्रयागराज : 69,000 शिक्षक भर्ती में अभ्यर्थियों को पास कराने के लिए ठेका लेने वाले एक बड़े गिरोह का सोरांव पुलिस ने गुरुवार को खुलासा किया।
पुलिस ने 8 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से 7.56 लाख रुपये, अभ्यर्थियों की मार्कशीट, सहायक अध्यापक संबंधित दस्तावेज, एक डायरी (जिसमें अभ्यर्थियों के रोल नंबर और रजिस्ट्रेशन नंबर लिखा है) बरामद की है। पकड़े गए आरोपियों में कुछ एजेंट है, जो भर्ती का परिणाम आने के बाद अभ्यर्थियों से वसूली करके जा रहे थे। इस रैकेट के मुख्य आरोपी फूलपुर के पूर्व जिला पंचायत सदस्य डॉ. केएल पटेल बताए जा रहे हैं। पुलिस उनको हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
भर्ती में धांधली का आरोप लगाते हुए राहुल नामक एक अभ्यर्थी ने एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज से शिकायत की थी। एसएसपी ने गुरुवार रात सोरांव थाने में रुद्र पति दुबे, शशि प्रकाश सरोज, हरीकृष्ण सरोज, कमल पटेल, रंजीत, केएल पटेल, मायावती दुबे और आलोक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई कि इन लोगों ने परीक्षा में पास कराने के लिए उससे 7.50 लाख रुपया लिया था, लेकिन जब रिजल्ट आया तो उसका नाम नहीं था।
पानी की टंकी में छिपाकर रखे थे रुपये
पूछताछ के दौरान सरगना केएल पटेल ने चौंकाने वाले खुलासे किए उसने बताया कि परीक्षा पास कराने के नाम पर उसने व उसके गिरोह के सदस्यों ने करीब 70 अभ्यर्थियों से रुपये लिए। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने फूलपुर कप्सा स्थित उसके चंद्रकली इंटर कॉलेज में छापा मारकर करीब 13 लाख रुपये बरामद किए। यह रुपये कॉलेज में बनी पानी की टंकी में छिपाकर रखे गए थे। इसके अलावा अन्य जगहों से भी करीब चार लाख रुपये बरामद किए हैं। सरगना ने यह भी बताया कि अभ्यर्थियों से बतौर एडवांस कुछ रुपये लिए गए थे, बाकी की रकम काउंसलिंग के दौरान ली की जानी थी।
चयनितों की लिस्ट में 17 अभ्यर्थियों के नाम
पुलिस अफसरों का कहना है कि सरगना व गिरोह के सदस्यों के पास से जिन अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की छाया प्रतियां मिली हैं, उनमें से 17 के नाम शिक्षक भर्ती के चयनितों की सूची में शामिल हैं। पुलिस के अनुसार एक कॉपी बरामद की गई है, जिसमें 17 अभ्यर्थियों के नाम व रोल नंबर लिखे हैं। इन्हीं में से एक बलवंत कुमार निवासी गोंडा बताया जा रहा जिसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। चयनितों की सूची में शामिल अभ्यर्थियों के बारे में भी पता लगाया जा रहा है। उनसे भी पूछताछ की जाएगी। पता लगाया जाएगा कि उनका संपर्क सरगना केएल पटेल से किसके माध्यम से हुआ।
कुल 24.5 लाख, दो लैपटॉप व वाहन बरामद
शिक्षक भर्ती परीक्षा पास कराने वाले गिरोह के कब्जे से अब तक कुल 24.5 लाख रुपये बरामद गिए गए हैं। साथ ही दो लैपटॉप, 30 मोहर, एक कृषि विभाग को नियुक्ति पत्र, एक फॉर्च्युनर, एक बोलेरो, एक फोल्डर फाइल, जिसमें अभ्यर्थियों के रिजल्ट व फोटो हैं।
उपलब्ध कराते थे आंसर की'
पता चला है कि गिरोह के सदस्य परीक्षा केंद्रों से सेटिंग करके परीक्षा शुरू होने से पहले ही पेपर लीक कराते थे। इसके बाद पेपर सॉल्व कर अभ्यर्थियों को आंसर की उपलब्ध कराई जाती थी। इसी 'आंसर की' के सहारे परीक्षा पास कराई जाती थी। सीओ सोरांव केवी अशोक का कहना है कि 'आंसर की' उपलब्ध कराने की बात सामने आई है। लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हो सकी हैं।
नामजद आरोपियों में दो सगे भाई, पिता-पुत्र भी पुलिस ने बताया कि मामले में नामजद आठ आरोपियों में दो सगे भाई के अलावा पिता-पुत्र भी शामिल हैं। बताया कि आरोपी रुद्रपुर दुबे व मायापति दुबे सगे भाई हैं जो भदोही के कोरोना, रामपुर के रहने वाले हैं। इनमें से मायावती अभी फरार है जिसकी तलाश की जा रही है। उधर पकड़े गए नवाबगंज के कानपुर निवासी हरिकृष्ण सरोज व शशिप्रकाश सरोज पिता-पुत्र हैं। एक आरोपी कमल पटेल गिरोह के सरगना केएल पटेल का रिश्तेदार बताया जा रहा है। इनमें से केएल पटेल व आलोक उर्फ धर्मेंद्र सरोज सरकारी कर्मचारी हैं। जबकि अन्य आरेपी अलग-अलग कोचिंगों से जुड़े हैं।
69000 शिक्षक भर्ती : पेपर आउट कराने वाला हिरासत में, पेपर आउट कराने से सॉल्व करने तक का लेता था ठेका।
कलंक के खिलाफ : पेपर आउट कराने वाला वकील हिरासत में
प्रयागराज : परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 69000 शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में पकड़े गए पूर्व जिला पंचायत सदस्य डॉ. कृष्ण लाल पटेल से पूछताछ के बाद शुक्रवार को पुलिस ने सोरांव समेत कई इलाकों में छापेमारी की। पुलिस ने डॉ. पटेल के अधिवक्ता साथी को भी हिरासत में ले लिया है। उस पर पेपर आउट कराने का आरोप है। अब तक पुलिस ने 24 लाख रुपए, दो लैपटॉप, 30 मोहर, एक कॉपी, दो लग्जरी गाड़ियां बरामद की हैं।
एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने बताया कि प्रतापगढ़ निवासी राहुल सिंह ने सोरांव थाने में पूर्व जिला पंचायत डॉक्टर कृष्ण लाल पटेल समेत आठ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोप लगाया था कि 69000 सहायक शिक्षा भर्ती में आरोपियों ने परीक्षा पास कराने के लिए 7.50 लाख कैश लिया था। रिजल्ट आया तो राहुल का नाम उसमें नहीं था। इसके बाद पीड़ित ने पुलिस से गुहार लगाई थी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। उनके पास से 756000 नकद और अन्य डाक्यूमेंट्स मिले थे। शुक्रवार को पुलिस ने हिरासत में लिए गए आरोपी डॉ. कृष्ण लाल पटेल और रुद्र पति दुबे से पूछताछ के बाद छापेमारी कर प्रतापगढ़ निवासी अधिवक्ता ललित त्रिपाठी को भी हिरासत में ले लिया है।
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सहायक शिक्षक भर्ती के दो अभ्यर्थी भी गिरफ्तार, माफिया को दिए थे आठ लाख व 12 लाख रुपए, कई अन्य की तलाश जारी।
प्रयागराज : परिषदीय विद्यालयों में हो रही सहायक शिक्षक भर्ती के फर्जीवाड़ा मामले में अभ्यर्थी धर्मेंद्र पटेल और विनोद कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। विनोद, जौनपुर के सिकरारा थाना क्षेत्र के उतराई गांव का है। धर्मेंद्र प्रयागराज के सरायममरेज छतौना गांव का है। दवा है कि सहायक शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में पास होने के लिए एक ने आठ और दूसरे अभ्यर्थी ने करीब 12 लाख रुपये माफिया केएल पटेल को दिए थे। पुलिस ने नवाबगंज के शशि प्रकाश उसके पिता हरिकृष्ण सराज और होलागढ़ के कमल पटेल को भी लिखापढ़ी में गिरफ्तारी दिखा दी है। वहीं, दो अन्य युवकों से भी मामले में पूछताछ हो रही है। इससे पहले पुलिस ने शनिवार को गिरोह के सरगना स्कूल प्रबंधक केएल पटेल की डायरी में मिले अभ्यर्थियों के नाम के आधार पर तस्दीक की। फिर जौनपुर, प्रतापगढ़ समेत अन्य स्थानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी करते हुए तीन अभ्यर्थी समेत गिरोह से जुड़े दो लोगों को पूछताछ के लिए उठाया। कई और अभ्यर्थियों की भी तलाश चल रही है। चार दिन पहले सोरांव पुलिस ने 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थी राहुल की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह के सरगना स्कूल प्रबंधक केएल पटेल, भदोही के ग्राम प्रधान श्रवण दुबे समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया था। इनके कब्जे से लाखों रुपये नकद लैपटॉप, डायरी समेत अन्य कई दस्तावेज बरामद किए हैं। पुलिस प्रधान के फार भाई मायावती समेत अन्य की तलाश में मिले। इसी तरह विनोद यादव को भी 150 में 123 नंबर मिले थे। पुलिस का कहना है कि विनोद ने जैद नामक युवक के जरिए पास होने के लिए रकम दी थी।
राष्ट्रपति का नाम नहीं पता, मिले 142 नम्बर
एएसपी उस वक्त चकित रह गए जब पूछने पर धर्मेंद्र भारत के राष्ट्रपति का नाम नहीं बता सका। जांच में पता चला कि भर्ती की लिखित परीक्षा 150 नंबर की थी, जिसमें उसे 142 नंबर मिले। इसी तरह विनोद यादव को भी 150 में 123 नंबर मिले थे। पुलिस का कहना है कि विनोद ने जैद नामक युवक के जरिए पास होने के लिए रकम दी थी।
69000 शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े में दबोचा गया गिरोह, 7.56 लाख रुपए और कई दस्तावेज पुलिस ने किए बरामद।
शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े में 8 दबोचे
प्रयागराज : 69,000 शिक्षक भर्ती में अभ्यर्थियों को पास कराने के लिए ठेका लेने वाले एक बड़े गिरोह का सोरांव पुलिस ने गुरुवार को खुलासा किया।
पुलिस ने 8 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से 7.56 लाख रुपये, अभ्यर्थियों की मार्कशीट, सहायक अध्यापक संबंधित दस्तावेज, एक डायरी (जिसमें अभ्यर्थियों के रोल नंबर और रजिस्ट्रेशन नंबर लिखा है) बरामद की है। पकड़े गए आरोपियों में कुछ एजेंट है, जो भर्ती का परिणाम आने के बाद अभ्यर्थियों से वसूली करके जा रहे थे। इस रैकेट के मुख्य आरोपी फूलपुर के पूर्व जिला पंचायत सदस्य डॉ. केएल पटेल बताए जा रहे हैं। पुलिस उनको हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
भर्ती में धांधली का आरोप लगाते हुए राहुल नामक एक अभ्यर्थी ने एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज से शिकायत की थी। एसएसपी ने गुरुवार रात सोरांव थाने में रुद्र पति दुबे, शशि प्रकाश सरोज, हरीकृष्ण सरोज, कमल पटेल, रंजीत, केएल पटेल, मायावती दुबे और आलोक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई कि इन लोगों ने परीक्षा में पास कराने के लिए उससे 7.50 लाख रुपया लिया था, लेकिन जब रिजल्ट आया तो उसका नाम नहीं था।
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