सामान्य वर्ग की अभ्यर्थी को ओबीसी का अंकपत्र, परीक्षा संस्था का जवाब- परिणाम आने के बाद गलती को मढ़ने का प्रयास।
राहुल उपाध्याय और अर्चना तिवारी का ओबीसी अभ्यर्थी के रूप में चयन
सामान्य वर्ग के लगने वाले इन नामों के अभ्यर्थियों की काउंसलिंग के बाद पता चलेगी हकीकत
69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में अब लगातार विसंगतियां सामने आ रही हैं। सामान्य वर्ग की अभ्यर्थी अर्चना तिवारी को शिक्षक भर्ती परीक्षा में ओबीसी का अंकपत्र जारी कर दिया गया। उसको सामान्य के कटऑफ 97 अंक से अधिक 114 अंक मिले हैं। उन्होंने सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के पास आवेदन में संशोधन का आग्रह किया, लेकिन शासन एवं कोर्ट की अनुमति नहीं मिलने से आवेदन में बदलाव नहीं किया जा सका।
ओबीसी का अंकपत्र जारी होने से काउंसलिंग में अर्चना को दिक्कत हो सकती है। काउंसलिंग के दौरान ओबीसी का प्रमाणपत्र प्रस्तुत नहीं करने की दशा में सामान्य के कटऑफ से अधिक अंक पाने के बाद भी अभ्यर्थी को चयन से बाहर किया जा सकता है।
वहीं अभ्यर्थियों के बीच ऐसी भी चर्चा है कि बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से जारी मेरिट में अर्चना को जगह मिली होगी। काउंसलिंग के समय जनपदीय चयन समिति की ओर से ओबीसी का प्रमाणपत्र मांगे जाने पर वह आरक्षण का दावा छोड़कर सामान्य वर्ग में काउंसलिंग करवा सकती हैं।
मामले में सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी का कहना है कि इस अभ्यर्थी ने शिक्षक भर्ती के आवेदन के समय ही गलत फार्म भर दिया था। अब परिणाम आने के बाद अब वह परीक्षा संस्था पर गलती मढ़ने की कोशिश हो रही हैं।
सचिव ने बताया कि यही अभ्यर्थी रिजल्ट आने के बाद सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के पास चक्कर लगा रहे थे कि उन्हें आवेदन में संशोधन की अनुमति दी जाए।
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