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Tuesday, June 2, 2020

मुहिम : कोरोना खत्म हो या टीका बने तभी स्कूल भेजेंगे बच्चे, भारत समेत कई देशों में अभिभावकों ने छेड़ा अभियान

दो लाख अभिभावकों ने सरकार से कहा...अभी स्कूल नहीं खोलें

अनुरोध : जब तक टीका नहीं बन जाए ऑनलाइन मोड पर ही हो पढ़ाई

मांग : कोरोना के चलते एक साल तक बंद रखे जाएं नर्सरी से 8वीं तक के स्कूल


मुहिम : कोरोना खत्म हो या टीका बने तभी स्कूल भेजेंगे बच्चे, भारत समेत कई देशों में अभिभावकों ने छेड़ा अभियान


अभिभावक रोजी-रोटी के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर घर से निकलने को तो तैयार हैं, लेकिन बच्चों को स्कूल भेजने को राजी नहीं हैं। भारत, ब्रिटेन, अमेरिका, चीन से लेकर कनाडा तक इसके खिलाफ अभिभावकों ने मुहिम शुरू की है। भारत में स्कूल जुलाई से खुलने के संकेत हैं, लेकिन अभिभावकों ने किसी राज्य में मामले शून्य होने का टीका आने तक बच्चों को स्कूल नहीं भेजने की मुहिम छेड़ दी है।


 पैरेंट्स एसोसिएशन के चेंज डॉट आर्ग पर शुरू ऑनलाइन हस्ताक्षर अभियान को सवा चार लाख से ज्यादा लोगों का समर्थन मिला है। अभिभावक पांच लाख हस्ताक्षरों के साथ मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से मिलने की तैयारी कर रहे हैं।

 अनुशासन पर भी सवाल 
स्कूलों में जेल जैसे अनुशासन पर भी सवाल उठे। दरअसल, बच्चों को 10-10 के अलग समूह में रखा जाएगा, कक्षाओं में खाना होगा और एक-दूसरे से कुछ साझा नहीं कर सकेंगे। दो गज की सामाजिक दूरी भी जरूरी होगी।



नई दिल्ली। सरकार के जुलाई में स्कूल कॉलेज खोलने के एलान पर चिंता जताते है करीब दो लाख अभिभावकों ने केंद्र सरकार को याचिका देकर अभी स्कूल नहीं खोलने की मांग की। याचिका में कहा गया है कि जब तक कोरोना के हालात सामान्य न हो जाएं या इसका टीका न बन जाए. स्कूलों को बंद ही रखा जाए। 


अभिभावकों ने कहा, जुलाई से स्कूलों को खोलना सरकार का सबसे भयानक फैसला होगा। यह आग से खेलने जैसा कदम है। उन्होंने सरकार से मौजूदा शैक्षणिक सत्र को ई-लर्निंग मोड में ही चलाने की सलाह दी। दलील दी कि जब स्कूल मानते हैं कि ऑनलाइन क्लास में अच्छी पढ़ाई हो रही है तो इसे पूरे सत्र के लिए अपनाने में क्या दिक्कत हो सकती है। सरकार को सौंपी गई याचिका में 2-13 लाख अभिभावकों के दस्तखत हैं। सरकार को सौंपी गई याचिका में 2.13 लाख अभिभावकों के दस्तखत हैं।

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प्रयागराज
जनहित संघर्ष समिति ने सोमवार को भाजपा के महानगर अध्यक्ष गणेश केशरवानी से मुलाकात कर अपनी पांच सूत्रीय मांगें प्रदेश सरकार के समक्ष रखी। 


समिति के प्रदेश अध्यक्ष प्रमिल कुमार केशरवानी ने सरकार से अनुरोध किया कि कोरोना के खतरे को देखते हुए नर्सरी से आठवीं तक के सभी स्कूल एक साल तक बंद रखे जाएं। इस दौरान शलभ पांडेय, कुलदीप चौरसिया, रवि शुक्ला, अभिलाष केशरवानी, राजेश शेरवानी मौजूद रहे।

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