फतेहपुर : बिना विद्युतीकरण वाले स्कूलों पर सरकार की टिकी निगाहें।
फतेहपुर : बिना विद्युतीकरण वाले स्कूलों पर सरकार की टिकी निगाहें।
फतेहपुर : परिषदीय स्कूलों को विद्युतीकरण की सुविधा का लाभ दिए जाने की योजना यूं तो 10 साल से चल रही है, लेकिन सभी स्कूलों को संतृप्त नहीं किया जा सका है। योजना के तहत मिले शासन के धन को देने के बाद कनेक्शन नहीं हुए तो तमाम स्कूलों को अभी तक धन भी उपलब्ध नहीं हो पाया है। केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इन बिना विद्युतीकरण वाले स्कूलों पर नजर टिका दी हैं। बेसिक शिक्षा महानिदेशक उप्र से रिपोर्ट तलब की है। इस रिपोर्ट को बनाने के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों को लगा दिया गय है। जिले में 2650 प्राथमिक स्कूल हैं। जिनमें विद्युतीकरण का काम किया जाना है। अभी तक विभिन्न शिक्षा सत्रों में विद्युतीकरण का काम केवल 1247 विद्यालयों में किया जा सका है जबकि 1403 विद्यालयों में बिजली के करंट की सुविधा नहीं है। विद्युतीकरण वाले स्कूलों में भी तमाम स्कूल ऐसे हैं जहां पर केबल आदि चोरी चले गए हैं। जिससे स्कूलों में इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
प्रेरणा पोर्टल पर भेजी जाएगी सूचना :
मानव संसाधन विकास मंत्रालय तक रिपोर्ट पहुंचाने के लिए हर ब्लाक के खंड शिक्षा अधिकारी को यह सूचना प्रेरणा पोर्टल पर अपडेट कराना होगा। जिसमें बिंदुवार ब्योरा होगा मसलन 40 मीटर दूरी पर खंभा, 40 मीटर के अंदर बिजली का खंभा, विद्यालय की स्थापना, पूर्व में विद्युतीकरण की स्थिति, कब हुआ था विद्युतीकरण, बिजली विभाग को धन देने के बाद कनेक्शन न होने वाले विद्यालयों का ब्यौरा, विद्युतीकरण वाले स्कूलों की स्थिति आदि तमाम जानकारी देनी होंगी।
कुल परिषदीय स्कूल- 2650 विद्युतीकरण हुआ - 1247
बिना विद्युतीकरण- 1403
परिषदीय विद्यालयों की विद्युतीकरण योजना वर्ष 2009 से संचालित है। शिक्षा सत्रों में स्कूलों का चयन करके शासन द्वारा धन भेजा जाता रहा है। शिक्षा महानिदेशक के आदेश पर प्रेरणा पोर्टल पर विद्युतीकरण की सूचनाएं खंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा तैयार करवाई जा रही हैं। ब्लाक वार स्कूलों का विस्तृत ब्यौरा पोर्टल पर दर्ज होगा। केंद्र सरकार की मंशा है कि हर विद्यालय को विद्युतीकरण योजना से लैस किया जाए। शिवेंद्र प्रताप सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
फतेहपुर : बिना विद्युतीकरण वाले स्कूलों पर सरकार की टिकी निगाहें।
फतेहपुर : परिषदीय स्कूलों को विद्युतीकरण की सुविधा का लाभ दिए जाने की योजना यूं तो 10 साल से चल रही है, लेकिन सभी स्कूलों को संतृप्त नहीं किया जा सका है। योजना के तहत मिले शासन के धन को देने के बाद कनेक्शन नहीं हुए तो तमाम स्कूलों को अभी तक धन भी उपलब्ध नहीं हो पाया है। केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इन बिना विद्युतीकरण वाले स्कूलों पर नजर टिका दी हैं। बेसिक शिक्षा महानिदेशक उप्र से रिपोर्ट तलब की है। इस रिपोर्ट को बनाने के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों को लगा दिया गय है। जिले में 2650 प्राथमिक स्कूल हैं। जिनमें विद्युतीकरण का काम किया जाना है। अभी तक विभिन्न शिक्षा सत्रों में विद्युतीकरण का काम केवल 1247 विद्यालयों में किया जा सका है जबकि 1403 विद्यालयों में बिजली के करंट की सुविधा नहीं है। विद्युतीकरण वाले स्कूलों में भी तमाम स्कूल ऐसे हैं जहां पर केबल आदि चोरी चले गए हैं। जिससे स्कूलों में इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
प्रेरणा पोर्टल पर भेजी जाएगी सूचना :
मानव संसाधन विकास मंत्रालय तक रिपोर्ट पहुंचाने के लिए हर ब्लाक के खंड शिक्षा अधिकारी को यह सूचना प्रेरणा पोर्टल पर अपडेट कराना होगा। जिसमें बिंदुवार ब्योरा होगा मसलन 40 मीटर दूरी पर खंभा, 40 मीटर के अंदर बिजली का खंभा, विद्यालय की स्थापना, पूर्व में विद्युतीकरण की स्थिति, कब हुआ था विद्युतीकरण, बिजली विभाग को धन देने के बाद कनेक्शन न होने वाले विद्यालयों का ब्यौरा, विद्युतीकरण वाले स्कूलों की स्थिति आदि तमाम जानकारी देनी होंगी।
कुल परिषदीय स्कूल- 2650 विद्युतीकरण हुआ - 1247
बिना विद्युतीकरण- 1403
परिषदीय विद्यालयों की विद्युतीकरण योजना वर्ष 2009 से संचालित है। शिक्षा सत्रों में स्कूलों का चयन करके शासन द्वारा धन भेजा जाता रहा है। शिक्षा महानिदेशक के आदेश पर प्रेरणा पोर्टल पर विद्युतीकरण की सूचनाएं खंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा तैयार करवाई जा रही हैं। ब्लाक वार स्कूलों का विस्तृत ब्यौरा पोर्टल पर दर्ज होगा। केंद्र सरकार की मंशा है कि हर विद्यालय को विद्युतीकरण योजना से लैस किया जाए। शिवेंद्र प्रताप सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
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