अपील : बोर्ड बचे हुए विषयों की परीक्षा न ले
नई दिल्ली : देश में लगातार कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। इस बीच एक जुलाई से होने वाली सीबीएसई और सीआईसीएसई के बचे हुए विषयों की परीक्षाओं को लेकर अभिभावक चिंतित हैं। उन्होंने परीक्षा रद्द करने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अभी तक हुई परीक्षाओं के आधार पर परिणाम घोषित किए जाएं।
अभिभावकों ने स्टूडेंट्स लाइव्स मैटर (छात्रों का जीवन मायने रखता है), लाइव्स ओवर एग्जाम (परीक्षा से बढ़कर जीवन) और कैंसल बोर्ड एग्जाम्स (बोर्ड परीक्षाएं रद्द करें) हैशटैग से ऑनलाइन अभियान शुरू किया है। चार अभिभावकों ने तो उच्चतम न्यायालय को अर्जी देकर अनुरोध किया है कि कोविड-19 के मद्देनजर बोर्ड परीक्षाएं रद्द कर दी जाएं। एक अभिभावक निशांत अक्शर ने कहा, हमारे बच्चों की सुरक्षा कौन सुनिश्चित करेगा? एक बच्चा या परीक्षक, जो कोरोना वायरस से संक्रमित है, लेकिन उसमें लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं, पूरी कक्षा के बच्चों को संक्रमित कर सकता है। चार घंटे तक एक ही कमरे में रहने से संक्रमण का खतरा भी बहुत ज्यादा रहेगा।
हालात खराब हो *गए तो क्या होगा
दसवीं कक्षा के एक छात्र की मां रोहिणी भूमिहार का कहना है, जरूरी सामान की कमी के अलावा, अगर हालात और खराब हो गए तो क्या होगा? बच्चे फिर से तैयारी करेंगे और अंतिम समय में परीक्षा (फिर से) रद्द हो जाएगी। हमारे बच्चों के दिमाग पर इसका क्या असर होगा? यह देखते हुए कि हालात में सुधार की गुंजाइश कम है, पंजाब, तेलंगाना और तमिलनाडु ने इस वर्ष छात्रों की 10वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी हैं।
नई दिल्ली : देश में लगातार कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। इस बीच एक जुलाई से होने वाली सीबीएसई और सीआईसीएसई के बचे हुए विषयों की परीक्षाओं को लेकर अभिभावक चिंतित हैं। उन्होंने परीक्षा रद्द करने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अभी तक हुई परीक्षाओं के आधार पर परिणाम घोषित किए जाएं।
अभिभावकों ने स्टूडेंट्स लाइव्स मैटर (छात्रों का जीवन मायने रखता है), लाइव्स ओवर एग्जाम (परीक्षा से बढ़कर जीवन) और कैंसल बोर्ड एग्जाम्स (बोर्ड परीक्षाएं रद्द करें) हैशटैग से ऑनलाइन अभियान शुरू किया है। चार अभिभावकों ने तो उच्चतम न्यायालय को अर्जी देकर अनुरोध किया है कि कोविड-19 के मद्देनजर बोर्ड परीक्षाएं रद्द कर दी जाएं। एक अभिभावक निशांत अक्शर ने कहा, हमारे बच्चों की सुरक्षा कौन सुनिश्चित करेगा? एक बच्चा या परीक्षक, जो कोरोना वायरस से संक्रमित है, लेकिन उसमें लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं, पूरी कक्षा के बच्चों को संक्रमित कर सकता है। चार घंटे तक एक ही कमरे में रहने से संक्रमण का खतरा भी बहुत ज्यादा रहेगा।
हालात खराब हो *गए तो क्या होगा
दसवीं कक्षा के एक छात्र की मां रोहिणी भूमिहार का कहना है, जरूरी सामान की कमी के अलावा, अगर हालात और खराब हो गए तो क्या होगा? बच्चे फिर से तैयारी करेंगे और अंतिम समय में परीक्षा (फिर से) रद्द हो जाएगी। हमारे बच्चों के दिमाग पर इसका क्या असर होगा? यह देखते हुए कि हालात में सुधार की गुंजाइश कम है, पंजाब, तेलंगाना और तमिलनाडु ने इस वर्ष छात्रों की 10वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी हैं।
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