विश्वविद्यालय परीक्षाएं कराएं या प्रमोशन दें, फैसला जल्द- उपमुख्यमंत्री।
विश्वविद्यालय परीक्षाएं कराएं या प्रमोशन दें, फैसला जल्द- उपमुख्यमंत्री।
लखनऊ : प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा है कि कोविड-19 संक्रमण का सकारात्मक पक्ष यह है कि ऑनलाइन शिक्षा का दायरा बढ़ा है। उन्होंने कहा कि सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थानों के चुनाव में गुरुजनों की विद्धता को सबसे ऊपर रखा जाना चाहिए। विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं पर सरकार का रुख साफ करते हुए उन्होंने कहा कि जल्द ही इस पर फैसला लिया जाएगा कि परीक्षाएं ली जाएं या बिना परीक्षा विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रोन्नत कर दिया जाए। डॉ. शर्मा बुधवार को 'हिन्दुस्तान शिक्षा शिखर सम्मान समारोह' में विजेता शैक्षिक संस्थानों को सम्मानित कर रहे थे। वेबिनार के जरिए हुआ ऑनलाइन सम्मान समारोह में 20 शैक्षिक संस्थानों को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया।
समारोह का उद्घाटन करते हुए उप मुख्यमंत्री ने गुरु के सम्मान पर कहा कि भले ही आज गुरुकुल पद्धति नहीं है लेकिन गुरु का सम्मान आज भी है। संस्थानों को चुनते समय फैकल्टी देखी जाती है। बिल्डिंग भले अच्छी हो लेकिन गुरु अच्छा नहीं तो कोई फायदा नहीं है। 'हिन्दुस्तान' के प्रधान संपादक शशि शेखर ने कार्यक्रम की जानकारी दी और स्वागत किया। एचटी मीडिया लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक राजीव मित्रा ने समारोह के अंत में धन्यवाद ज्ञापित किया।
विश्वविद्यालय परीक्षाएं कराएं या प्रमोशन दें, फैसला जल्द- उपमुख्यमंत्री।
लखनऊ : प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा है कि कोविड-19 संक्रमण का सकारात्मक पक्ष यह है कि ऑनलाइन शिक्षा का दायरा बढ़ा है। उन्होंने कहा कि सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थानों के चुनाव में गुरुजनों की विद्धता को सबसे ऊपर रखा जाना चाहिए। विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं पर सरकार का रुख साफ करते हुए उन्होंने कहा कि जल्द ही इस पर फैसला लिया जाएगा कि परीक्षाएं ली जाएं या बिना परीक्षा विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रोन्नत कर दिया जाए। डॉ. शर्मा बुधवार को 'हिन्दुस्तान शिक्षा शिखर सम्मान समारोह' में विजेता शैक्षिक संस्थानों को सम्मानित कर रहे थे। वेबिनार के जरिए हुआ ऑनलाइन सम्मान समारोह में 20 शैक्षिक संस्थानों को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया।
समारोह का उद्घाटन करते हुए उप मुख्यमंत्री ने गुरु के सम्मान पर कहा कि भले ही आज गुरुकुल पद्धति नहीं है लेकिन गुरु का सम्मान आज भी है। संस्थानों को चुनते समय फैकल्टी देखी जाती है। बिल्डिंग भले अच्छी हो लेकिन गुरु अच्छा नहीं तो कोई फायदा नहीं है। 'हिन्दुस्तान' के प्रधान संपादक शशि शेखर ने कार्यक्रम की जानकारी दी और स्वागत किया। एचटी मीडिया लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक राजीव मित्रा ने समारोह के अंत में धन्यवाद ज्ञापित किया।
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