फतेहपुर : क्वारन्टाइन सेंटर बने स्कूलों के कायाकल्प पर लगा ब्रेक।
फतेहपुर : क्वारन्टाइन सेंटर बने स्कूलों के कायाकल्प पर लगा ब्रेक।
फतेहपुर : शासन के चलाए जा हे ऑपरेशन कायाकल्प के तहत परिषदीय विद्यालयों को सुविधाओं और संसाधनों से लैस किए जाने की योजना है। शासन के निर्देश पर ग्राम सभाओं की पोटली से इनका कायाकल्प होना है। जिला प्रशासन ने इसके लिए कार्ययोजना भी बनाई है, लेकिन जिले में कोरोना नियंत्रण के लिए इन परिषदीय स्कूलों को क्वारंटाइन सेंटर बना दिया गया है जिससे संवारने के काम में ब्रेक लग गया है। वैश्विक बीमारी कोविड-19 से जिला भी अछूता नहीं रहा है। इसके नियंत्रण के लिए प्रभावितों को जिले के 2650 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 765 को क्वारंटाइन सेंटर के रूप में उपयोग किया जा रहा है। प्रवासियों के साथ ही अन्य लोगों को संक्रमण की जद में आने पर इसमें आश्रय दिया जाता है। दो माह से ऊपर का समय हो चुका है। इन क्वारंटाइन सेंटरों में किसी को अंदर जाने की अनुमति नहीं है। ऐसे में इन विद्यालयों में कामकाज नहीं हो पा रहा है। जब तक यह विद्यालय क्वारंटाइन सेंटर बने रहेंगे तब तक इनमें काम होना भी मुश्किल है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शिवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि जिन स्कूलों को क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है। उनमें काम अभी नहीं हो पाएगा यह बात सही है। कोरोना वायरस के नियंत्रण के लिए कैंसर में काम कराया जाना बीमारी को बढ़ावा देना होगा। इसके लिए डीएम स्तर से निर्णय लिया गया है कि इन विद्यालयों को द्वितीय चरण में ऑपरेशन कायाकल्प में शामिल किया जाएगा। अन्य स्कूलों में ऑपरेशन कायाकल्प के तहत ब्लाक प्रशासन और ग्राम सभाओं द्वारा काम शुरू कराया जाएगा।
फतेहपुर : क्वारन्टाइन सेंटर बने स्कूलों के कायाकल्प पर लगा ब्रेक।
फतेहपुर : शासन के चलाए जा हे ऑपरेशन कायाकल्प के तहत परिषदीय विद्यालयों को सुविधाओं और संसाधनों से लैस किए जाने की योजना है। शासन के निर्देश पर ग्राम सभाओं की पोटली से इनका कायाकल्प होना है। जिला प्रशासन ने इसके लिए कार्ययोजना भी बनाई है, लेकिन जिले में कोरोना नियंत्रण के लिए इन परिषदीय स्कूलों को क्वारंटाइन सेंटर बना दिया गया है जिससे संवारने के काम में ब्रेक लग गया है। वैश्विक बीमारी कोविड-19 से जिला भी अछूता नहीं रहा है। इसके नियंत्रण के लिए प्रभावितों को जिले के 2650 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 765 को क्वारंटाइन सेंटर के रूप में उपयोग किया जा रहा है। प्रवासियों के साथ ही अन्य लोगों को संक्रमण की जद में आने पर इसमें आश्रय दिया जाता है। दो माह से ऊपर का समय हो चुका है। इन क्वारंटाइन सेंटरों में किसी को अंदर जाने की अनुमति नहीं है। ऐसे में इन विद्यालयों में कामकाज नहीं हो पा रहा है। जब तक यह विद्यालय क्वारंटाइन सेंटर बने रहेंगे तब तक इनमें काम होना भी मुश्किल है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शिवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि जिन स्कूलों को क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है। उनमें काम अभी नहीं हो पाएगा यह बात सही है। कोरोना वायरस के नियंत्रण के लिए कैंसर में काम कराया जाना बीमारी को बढ़ावा देना होगा। इसके लिए डीएम स्तर से निर्णय लिया गया है कि इन विद्यालयों को द्वितीय चरण में ऑपरेशन कायाकल्प में शामिल किया जाएगा। अन्य स्कूलों में ऑपरेशन कायाकल्प के तहत ब्लाक प्रशासन और ग्राम सभाओं द्वारा काम शुरू कराया जाएगा।
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