घर मे ताला लगा कर फर्जी अनामिका फरार, कानपुर देहात स्थित घर पर पहुंचीं पुलिस की टीम।
प्रयागराज : सोरांव के कस्तूरबा गांधी विद्यालय में फर्जी अनामिका शुक्ला बनकर नौकरी करने वाली शिक्षिका घर छोड़कर फरार हो गई है। तलाश में लगी कर्नलगंज पुलिस कानपुर देहात स्थित उसके घर पहुंची तो वहां ताला लटका मिला। पड़ोसियों से पूछताछ में पता चला कि पूरा परिवार कई दिनों से गायब है। अन्य जिलों में मामला सामने आने के बाद पता चला था कि अनामिका शुक्ला के नाम से नौकरी का खेल यहां भी हुआ। मामले में बीएसए की तहरीर पर कर्नलगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई। जांच में पता चला कि यहां नौकरी करने वाली शिक्षिका सविता यादव है जो कानपुर देहात की रहने वाली है। जिसके बाद पुलिस उसकी तलाश में लगी थी। मंगलवार को कर्नलगंज पुलिस की एक टीम उसकी तलाश में कानपुर देहात गई। टीम रसूलाबाद थाना क्षेत्र के चंदनपुरा गांव में स्थित शिक्षिका के घर पहुंची तो वहां ताला लटका मिला। पड़ोसियों से पूछताछ में पता चला कि परिवार कई दिनों से घर में ताला लगाकर गायब है। जिसके बाद टीम वहां से लौट आई। कर्नलगंज इंस्पेक्टर अरुण त्यागी ने बताया कि शिक्षिका की तलाश की जा रही है। जल्द ही उसे गिरफ्तार किया जाएगा।
महिला निकली सरगना के मददगार की रिश्तेदार सूत्रों के मुताबिक, जांच में यह बात भी सामने आई है कि सोरांव में नौकरी करने वाली सरिता यादव पिछले दिनों फर्जीवाड़े के ही मामले में जेल भेजे गए सरगना पुष्पेंद्र सिंह के मददगार आनंद सिंह की रिश्तेदार है। जौनपुर में जिला समन्वयक अधिकारी आनंद ही अभ्यर्थियों के दस्तावेज पुष्पेंद्र को उपलब्ध काता था। उधर शिक्षिका की भाभी भी अलीगढ़ में किसी और के दस्तावेजों पर नौकरी करते मिली थी जिसे गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
अफसरों की भी भूमिका की होगी जांच
सूत्रों का कहना है कि इस मामले में सोरांव स्थित कस्तूरबा विद्यालय के स्टाफ समेत अफसरों की भी भूमिका की जांच की जा रही है। दरअसल तहरीर में खुद यह बात स्वीकार की गई है कि बिना मूल शैक्षिक दस्तावेज दिखाए शिक्षिका ने कार्यभार ग्रहण कर लिया। पहला सवाल तो यह है कि क्यों और किसकी अनुमति से हुआ? दूसरा सवाल अगर कार्यभार ग्रहण किया भी गया तो इसकी सूचना अफसरों को क्यों नहीं दी गई? अगर नहीं दी गई तो पर्यवेक्षण अधिकारी इनते दिनों तक क्या करते रहे और अगर सूचना दी गई तो अफसरों ने इस पर तत्काल संज्ञान क्यों नहीं लिया?
प्रयागराज : सोरांव के कस्तूरबा गांधी विद्यालय में फर्जी अनामिका शुक्ला बनकर नौकरी करने वाली शिक्षिका घर छोड़कर फरार हो गई है। तलाश में लगी कर्नलगंज पुलिस कानपुर देहात स्थित उसके घर पहुंची तो वहां ताला लटका मिला। पड़ोसियों से पूछताछ में पता चला कि पूरा परिवार कई दिनों से गायब है। अन्य जिलों में मामला सामने आने के बाद पता चला था कि अनामिका शुक्ला के नाम से नौकरी का खेल यहां भी हुआ। मामले में बीएसए की तहरीर पर कर्नलगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई। जांच में पता चला कि यहां नौकरी करने वाली शिक्षिका सविता यादव है जो कानपुर देहात की रहने वाली है। जिसके बाद पुलिस उसकी तलाश में लगी थी। मंगलवार को कर्नलगंज पुलिस की एक टीम उसकी तलाश में कानपुर देहात गई। टीम रसूलाबाद थाना क्षेत्र के चंदनपुरा गांव में स्थित शिक्षिका के घर पहुंची तो वहां ताला लटका मिला। पड़ोसियों से पूछताछ में पता चला कि परिवार कई दिनों से घर में ताला लगाकर गायब है। जिसके बाद टीम वहां से लौट आई। कर्नलगंज इंस्पेक्टर अरुण त्यागी ने बताया कि शिक्षिका की तलाश की जा रही है। जल्द ही उसे गिरफ्तार किया जाएगा।
महिला निकली सरगना के मददगार की रिश्तेदार सूत्रों के मुताबिक, जांच में यह बात भी सामने आई है कि सोरांव में नौकरी करने वाली सरिता यादव पिछले दिनों फर्जीवाड़े के ही मामले में जेल भेजे गए सरगना पुष्पेंद्र सिंह के मददगार आनंद सिंह की रिश्तेदार है। जौनपुर में जिला समन्वयक अधिकारी आनंद ही अभ्यर्थियों के दस्तावेज पुष्पेंद्र को उपलब्ध काता था। उधर शिक्षिका की भाभी भी अलीगढ़ में किसी और के दस्तावेजों पर नौकरी करते मिली थी जिसे गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
अफसरों की भी भूमिका की होगी जांच
सूत्रों का कहना है कि इस मामले में सोरांव स्थित कस्तूरबा विद्यालय के स्टाफ समेत अफसरों की भी भूमिका की जांच की जा रही है। दरअसल तहरीर में खुद यह बात स्वीकार की गई है कि बिना मूल शैक्षिक दस्तावेज दिखाए शिक्षिका ने कार्यभार ग्रहण कर लिया। पहला सवाल तो यह है कि क्यों और किसकी अनुमति से हुआ? दूसरा सवाल अगर कार्यभार ग्रहण किया भी गया तो इसकी सूचना अफसरों को क्यों नहीं दी गई? अगर नहीं दी गई तो पर्यवेक्षण अधिकारी इनते दिनों तक क्या करते रहे और अगर सूचना दी गई तो अफसरों ने इस पर तत्काल संज्ञान क्यों नहीं लिया?
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