अलीगढ़ : अनामिका फर्जीवाड़े में सरगना का प्रमुख साथी गिरफ्तार।
अलीगढ़ : जिले के बिजौली ब्लॉक स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में अनामिका शुक्ला के दस्तावेजों से नौकरी करने वाली कानपुर की बबली यादव के बहनोई बल्लू यादव को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। यह गैंग के सरगना पुष्पेंद्र का प्रमुख साथी है। इसी ने बबली की मुलाकात पुष्पेंद्र से कराई थी। बल्लू की पत्नी भी आजमगढ़ में फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी कर रही थी। जब भांडा फूटा तो सभी लोग फरार हो गए। बबली को अलीगढ़ में ही गिरफ्तार किया जा चुका है। पिछले सप्ताह पुष्पेंद्र की गाँडा में गिरफ्तारी होने के बाद सैढपुर थाना किशनी (मैनपुरी) निवासी बल्लू यादव व पुष्पेंद्र की महिला मित्र राज बेटी की घेराबंदी में पुलिस जुटी थी।
थाना पाली मुकीमपुर के एस हरिभान सिंह व एसआइ सहवीर ने बल्लू को मोबाइल फोन की लोकेशन के आधार पर बुलंदशहर बॉर्डर से गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से एक मोबाइल फोन, पैन कार्ड, दो आधार कार्ड, रचिता यादव के नाम के छह और प्रीति यादव के नाम के 11 शैक्षिक प्रमाण पत्र और 500 रुपये मिले हैं। क्षेत्राधिकारी अतरौली प्रशांत सिंह ने बताया कि बिल्ली ने बबली और सरिता को नौकरी लगवाने की बात कबूली है। राजबेटी की तलाश है। जल्द उसे भी पकड़ लिया जाएगा। तीन लाख में दिलाते थे नौकरी पुलिस को बल्लू ने बताया कि दिसंबर 2018 में उसकी मुलाकात पुष्पेंद्र और राज बेटी से मैनपुरी में हुई थी। दोनों ने बताया था कि वे महिलाओं को कस्तूरबा विद्यालय में तीन लाख रुपये लेकर नौकरी दिलवाते हैं। इसके बाद बल्लू ने अपनी पत्नी रचिता यादव को जनवरी 2019 में प्रीति यादव पुत्र लाल बहादुर यादव के नाम से आजमगढ़ के बबई ब्लॉक में नौकरी दिला दी। आधार कार्ड भी प्रीति के नाम से बा। पत्नी की काउंसलिंग पुष्पेंद्र और राज बेटी ने करवाई थी। नौ जून को प्रकरण का पता चला तो चिंता भी फरार हो गई। हर महीने पत्नी के अकाउंट से 15 हजार रुपये पुष्पेंद्र व राज बेटी को जाते थे। नगद रुपये नहीं लेते थे। कहा जाता था कि और लोगों को लाओ, उनको भी लगवा देंगे। इसके बाद बिल्ली ने बबली यादव को पुष्पेंद्र से मिलवाया। चचेरी साली सविता यादव को भी प्रयागराज में नौकरी दिलाई। दोनों को मिलवाने के एवज में बल्लू को रुपये मिले थे। पुष्पेंद्र की कानपुर, अलीगढ़, प्रयागराज, गोंडा समेत कई जिलों से जान-पहचान है।
अलीगढ़ में पहले ही गिरफ्तार हो चुकी है | बबली, उसकी नौकरी लगवाने के एवज भी मिले थे रुपये
अलीगढ़ : जिले के बिजौली ब्लॉक स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में अनामिका शुक्ला के दस्तावेजों से नौकरी करने वाली कानपुर की बबली यादव के बहनोई बल्लू यादव को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। यह गैंग के सरगना पुष्पेंद्र का प्रमुख साथी है। इसी ने बबली की मुलाकात पुष्पेंद्र से कराई थी। बल्लू की पत्नी भी आजमगढ़ में फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी कर रही थी। जब भांडा फूटा तो सभी लोग फरार हो गए। बबली को अलीगढ़ में ही गिरफ्तार किया जा चुका है। पिछले सप्ताह पुष्पेंद्र की गाँडा में गिरफ्तारी होने के बाद सैढपुर थाना किशनी (मैनपुरी) निवासी बल्लू यादव व पुष्पेंद्र की महिला मित्र राज बेटी की घेराबंदी में पुलिस जुटी थी।
थाना पाली मुकीमपुर के एस हरिभान सिंह व एसआइ सहवीर ने बल्लू को मोबाइल फोन की लोकेशन के आधार पर बुलंदशहर बॉर्डर से गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से एक मोबाइल फोन, पैन कार्ड, दो आधार कार्ड, रचिता यादव के नाम के छह और प्रीति यादव के नाम के 11 शैक्षिक प्रमाण पत्र और 500 रुपये मिले हैं। क्षेत्राधिकारी अतरौली प्रशांत सिंह ने बताया कि बिल्ली ने बबली और सरिता को नौकरी लगवाने की बात कबूली है। राजबेटी की तलाश है। जल्द उसे भी पकड़ लिया जाएगा। तीन लाख में दिलाते थे नौकरी पुलिस को बल्लू ने बताया कि दिसंबर 2018 में उसकी मुलाकात पुष्पेंद्र और राज बेटी से मैनपुरी में हुई थी। दोनों ने बताया था कि वे महिलाओं को कस्तूरबा विद्यालय में तीन लाख रुपये लेकर नौकरी दिलवाते हैं। इसके बाद बल्लू ने अपनी पत्नी रचिता यादव को जनवरी 2019 में प्रीति यादव पुत्र लाल बहादुर यादव के नाम से आजमगढ़ के बबई ब्लॉक में नौकरी दिला दी। आधार कार्ड भी प्रीति के नाम से बा। पत्नी की काउंसलिंग पुष्पेंद्र और राज बेटी ने करवाई थी। नौ जून को प्रकरण का पता चला तो चिंता भी फरार हो गई। हर महीने पत्नी के अकाउंट से 15 हजार रुपये पुष्पेंद्र व राज बेटी को जाते थे। नगद रुपये नहीं लेते थे। कहा जाता था कि और लोगों को लाओ, उनको भी लगवा देंगे। इसके बाद बिल्ली ने बबली यादव को पुष्पेंद्र से मिलवाया। चचेरी साली सविता यादव को भी प्रयागराज में नौकरी दिलाई। दोनों को मिलवाने के एवज में बल्लू को रुपये मिले थे। पुष्पेंद्र की कानपुर, अलीगढ़, प्रयागराज, गोंडा समेत कई जिलों से जान-पहचान है।
अलीगढ़ में पहले ही गिरफ्तार हो चुकी है | बबली, उसकी नौकरी लगवाने के एवज भी मिले थे रुपये
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