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Sunday, June 7, 2020

फतेहपुर : अभिभावकों के खाता संख्या जुटाने के लिए हांफ रहे शिक्षक, घर घर जाकर डाटा कर रहे हैं एकत्र

फतेहपुर : अभिभावकों के खाता संख्या जुटाने के लिए हांफ रहे शिक्षक, घर घर जाकर डाटा कर रहे हैं एकत्र।


अभिभावकों के खाता संख्या जुटाने के लिए हांफ रहे शिक्षक



फतेहपुर : कोरोना वायरस को लेकर 25 मार्च 30 जून तक किए गए लॉकडाउन में परिषदीय स्कूल बंद होने के कारण बच्चों को मिलने वाला मध्यान्ह भोजन नहीं बन सका। जिसकी कनवर्जन कास्ट एवं अनाज सम्बंधित छात्र-छात्रा के अभिभावकों को दिए जाने का फरमान शासन से जारी हुआ है। संक्रमण काल में शिक्षकों को अभिभावकों का डिटेल एकत्र करने में पसीने छूटते नजर आ रहे हैं।

अधिकांश परिषदीय स्कूलों को प्रशासन द्वारा क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया है। ऐसे में विद्यालय न जाकर शिक्षक घर घर जाकर अभिभावकों से बैंक डिटेल समेत अन्य डाटा एकत्र कर रहे हैं।

बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों में मिड-डे-मील दिया जाता है लेकिन मार्च में लॉकडाउन के बाद से यह कार्य बन्द है। अब पैसा सीधे खातों में भेजा जाएगा। साथ ही इतने ही दिन का प्रति छात्र के हिसाब से अनाज भी दिया जाना है। इसके लिए प्रधानाध्यापक व शिक्षक अपने स्कूल पहुंचकर और फिर स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के घर घर जाकर उनके एकाउंट नम्बर जुटा रहे हैं।


मिड डे मील के खाते से यह रकम बैंकों में भेजी जाएगी और फिर वहां से अभिभावकों के खातों में ट्रासंफर कर दी जाएगी। वहीं प्रधानाध्यापक द्वारा सारी जानकारी के साथ एक प्राधिकार पत्र जारी अभिभावकों को देंगे, जिसके बाद अभिभावक नामित कोटेदार के यहां से राशन उठा सकेंगे।

76 दिनों की मिलेगी कनवर्जन कास्ट: अवकाश के दिनों को छोड़ कर बंदी के कुल 76 दिन होते हैं। जिसमें प्राथमिक विद्यालय के प्रति छात्र-छात्रा को 374 रुपए तथा उच्च प्राथमिक विद्यालय के प्रति छात्र 561 रुपए देय होंगे।


बीएसए को निर्देश दिया कि सभी खंड शिक्षाधिकारी छात्र-छात्राओं का डाटा एक्सल सीट पर तैयार कर प्रधानाध्यापक को सौंपेंगे। उसके बाद प्रधानाध्यापक सभी बच्चों के अभिभावकों को बैंक खाता के कागजात एकत्र कर बैंक एडवाइस के साथ सम्बंधित बैंक शाखा में प्रस्तुत करेंगे।

अभियान
' घर घर जा डाटा एकत्र कर रह हैं शिक्षक
' लॉक डाउन के कारण बंदी के दौरान का दिया जाना है कनवर्जन कास्ट एवं अनाज
खाद्यान्न के लिए प्रधानाध्यापक जारी करेंगे प्रपत्र

शासन के निर्देशानुसार बंदी के 76 दिनों का खाद्यान्न बच्चों के अभिभावकों को दिया जाना है। प्राथमिक विद्यालय के प्रति छात्र को 100 ग्राम प्रतिदिन और उच्च प्राथमिक के बच्चे को 150 ग्राम प्रतिदिन के हिसाब से 24 मार्च से 30 जून तक का प्राथमिक के प्रति छात्र 7.60 किग्रा तथा उच्च प्राथमिक के प्रति बच्चे को 11.40 किग्रा अनाज देय होगा। निर्देश दिए गए हैं कि प्रधानाध्यापक बच्चों के अभिभावकों को प्राधिकार जारी करेंगे। जिसमें छात्र-छात्रा का पूरा ब्यौरा होगा। प्राधिकार को लेकर ही नामित कोटेदार के यहां से अभिभावक अनाज प्राप्त करेंगे।


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फतेहपुर : जिले में आए प्रवासियों का डाटा एकत्र कर रहे बेसिक शिक्षक, प्रवासी राहत मित्र एप के माध्यम से डाटा करेंगे फीड।


फतेहपुर : प्रवासी राहत मित्र एप के माध्यम से जिले में आए प्रवासियों का डाटा एकत्र कर रहे बेसिक शिक्षक।


फतेहपुर : कोरोना वायरस को लेकर किए गए देश व्यापी लॉक डाउन के दौरान जिले में भारी संख्या में प्रवासी पहुंचे हैं। शासन द्वारा इनका डाटा एकत्र कराया जा रहा है। प्रवासी राहत मित्र ऐप के माध्यम से डाटा फीड करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग के 75 शिक्षकों को लगाया गया है। वहीं नगर पालिका एवं नगर पंचायत क्षेत्र में डाटा फीडिंग के लिए निकाय के 25 कर्मियों की फौज इस कार्य को अंजाम दे रही है। अपर मुख्य सचिन रेणुका कुमार ने डीएम को पत्र जारी कर शासन द्वारा जारी राहत यूपी डॉट इन वेबसाइट में प्रवासी राहत मित्र ऐप के माध्यम से सभी प्रवासियों का बैंक खाता विवरण समेत मूल जानकारियों को एकत्र कर फीड करने को कहा गया है। जिला प्रशासन ने इस कार्य के लिए बेसिक शिक्षा विभाग समेत नगर पालिका एवं नगर पंचायत प्रशासन को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस कार्य के लिए शासन से जारी एक सैकड़ा कर्मचारियों का मई माह में जूम ऐप के माध्यम से डाटा फीडिंग के लिए प्रशिक्षण कराया गया है। इस कार्य के लिए डीएम को नोडल अधिकारी बनाया गया है। सभी ब्लाकों में शिक्षक इस कार्य में लगे हुए हैं। बैंक खाते के विवरण के साथ पूरा डाटा प्रवासियों के डाटा फीडिंग के लिए अपर मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया है कि प्रत्येक प्रवासी के बैंक खाता संख्या, बैंक का नाम, बैंक का आईएफएससी कोड समेत नाम, पता आदि मूल जानकारी फीड करनी है। कहा कि जो प्रवासी चोरी छिपे घर पहुंचे उनका भी डाटा फीड किया जाए। इस कार्य के लिए मोबाइल चलाने वालों को ही लगाया गया है।

प्रवासियों को मिल सकता है लाभ :

विभिन्न राज्यों से जिले पहुंचे प्रवासियों का डाटा फीड करने के पीछे शासन की मंशा है कि इनका निर्धारित अवधि तक मेडिकल सर्विलांस किया जाए। इसके अलावा इन्हे सरकारी योजनाओं का लाभ देने तथा उनके कौशल के आधार पर भविष्य में रोजगार प्रदान करने में सहयोग किया जाएगा।

नगर निकाय कर्मी भी लगे :

प्रवासियों के डाटा फीडिंग के लिए नगर निकाय के 25 कर्मियों को भी लगाया गया है। जो नगर पालिका एवं नगर पंचायत क्षेत्र में आए प्रवासियों का डाटा एकत्र कर निर्धारित ऐप में फीडिंग कर रहे हैं। शासन के इस महत्वपूर्ण कार्य में पंचायती राज विभाग को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है।

75 शिक्षकों की जिले भर में डाटा एकत्र करने के लिए लगाई ड्यूटी

25 कर्मचारी नगर पालिका व नगर पंचायत के भी काम के लिए लगाए






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