अनामिका प्रकरण : मास्टर माइंड समेत तीनों आरोपी जेल गए
दो शैक्षिक दस्तावेजों पर 11 जिलों में पुष्पेंद्र गैंग ने कराई फर्जी नियुक्तियां
लखनऊ/गोण्डा | 17 Jun 2020
गोंडा। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में फर्जी नियुक्ति कराने वाले मास्टरमाइंड समेत तीन आरोपियों को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से तीनों को जेल भेज दिया गया। एसटीएफ ने सोमवार को मास्टरमाइंड पुष्पेंद्र उर्फ राज समेत फर्जीवाड़े में शामिल बेसिक शिक्षा विभाग के जौनपुर के जिला समन्वयक आनंद सिंह व हरदोई में बीएसए के प्रधान लिपिक रामनाथ को गिरफ्तार कर गोंडा पुलिस के हवाले किया था।
गैंग ने दो शैक्षिक दस्तावेजों पर 11 जिलों में फर्जी नियुक्ति कराई थी। गोंडा की अनामिका शुक्ला के नाम से प्रदेश के नौ जनपदों में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका स्कूलों में दूसरी महिलाओं को नौकरी दिलाई गई थी। इसके बाद अनामिका शुक्ला चर्चा में आई और अमर उजाला की छानबीन से असली अनामिका शुक्ला का पता चला। खबर पढ़कर नौ जून को अनामिका शुक्ला ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को अपने दस्तावेज सौंपे। अनामिका ने बताया था कि उन्होंने पांच जिलों में वर्ष 2017 में आवेदन तो किया था लेकिन काउंसलिंग नहीं कराई। 11 जून को अनामिका ने इस मामले में नगर कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई।
कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में अनामिका नियुक्ति प्रकरण को लेकर हुए फर्जीवाड़े में गिरफ्तार मास्टरमाइंड पुष्पेन्द्र सिंह, आनन्द और रामनाथ को गोण्डा में कोर्ट में पेश किया गया। यहां से तीनों को जेल भेज दिया गया। इन्हें सोमवार को एसटीएफ ने लखनऊ में गिरफ्तार किया था। वहीं गोण्डा पुलिस इन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी।
नेटवर्क खंगाल रही एसटीएफ: गिरफ्तार कर्मचारियों रामनाथ और आनन्द का बेसिक शिक्षा विभाग के अंदर नेटवर्क के बारे में एसटीएफ पता कर रही है। ये दोनों ही अभ्यर्थियों के आवेदन में लगे दस्तावेजों को पुष्पेन्द्र तक पहुंचाते थे। पुष्पेन्द्र से पूछताछ के दौरान ही इन दोनों के बारे में कई जानकारियां पता चली थी। एसटीएफ का दावा है कि इन जानकारियों की तह तक पहुंचने के बाद कुछ और धांधलियां सामने आ सकती हैं। एसटीएफ के अफसरों का कहना है कि जहां फर्जी दस्तावेजों से शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी, वहां कई लोगों से पूछताछ होनी है।
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