उच्च शिक्षा : परीक्षा व मूल्यांकन ठप, नए सत्र पर संशय।
उच्च शिक्षा : परीक्षा व मूल्यांकन ठप, नए सत्र पर संशय।
प्रयागराज : अनलॉक में लॉकडाउन की बंदिशें खत्म कर दी गई हैं। इससे दफ्तरों में रुका काम तेजी से निस्तारित किया जा रहा है। लेकिन, उच्च शिक्षा की परीक्षाएं व मूल्यांकन कराने को लेकर कोई कवायद नहीं हो रही है। स्थगित परीक्षाएं कराने के लिए राज्य विश्वविद्यालय कोई जहमत नहीं उठा रहे हैं। न ही जिन विषयों की परीक्षाएं हो चुकी हैं, उनकी कॉपियों का मूल्यांकन कराया जा रहा है। यह स्थिति तब है जब शासन छह जुलाई से 2020-21 के शैक्षणिक सत्र की द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ व पंचम वर्ष की कक्षाएं चलाने की घोषणा कर चुका है।
लेकिन, राज्य विश्वविद्यालय उसके अनुरूप अभी तक कोई काम नहीं कर रहे हैं। इससे नए सत्र के तय समय पर शुरू होने पर संशय की स्थिति है। प्रदेश में 17 राज्य व 25 निजी विश्वविद्यालय हैं। इनके अंतर्गत 169 राजकीय, 331 एडेड व एक हजार से अधिक निजी डिग्री कॉलेज संचालित हैं। राज्य विश्वविद्यालयों के माध्यम से स्नातक व परास्नातक परीक्षाएं फरवरी में शुरू होकर 30 अप्रैल तक चलनी थीं। लेकिन, होली के अवकाश व कोरोना संक्रमण के कारण मार्च माह से समस्त परीक्षाएं स्थगित हैं। शासन ने स्थगित परीक्षाओं को लॉकडाउन खत्म होते ही शुरू करने का निर्देश दिया था। जबकि रिजल्ट घोषित करने में विलंब न हो उसके लिए ग्रीन जोन वाले जिलों में स्थित राज्य विश्वविद्यालयों को केंद्र बनाकर लॉकडाउन के दौरान ही कापियां जांचने की योजना बनाई गई थी। अभी तक उसके अनुरूप कोई काम शुरू नहीं हुआ। उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी भी इस मामले में खुलकर कुछ बोलने की तैयार नहीं हैं। वह शासन के अगले निर्देश की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
06 जुलाई से शुरू हो सकता है शिक्षा का सत्र
17 अगस्त से प्रथम वर्ष का सत्र
शासन ने 2020-21 के तहत स्नातक व परास्नातक प्रथम वर्ष के छात्रों का शैक्षिक सत्र 17 अगस्त से प्रारंभ कराने का निर्णय लिया है। इधर, हो रहे विलंब को देखते है प्रथम वर्ष की सेमेस्टर परीक्षा 15 से 20 दिन विलंब से कराने की छूट दी गई है। जबकि कोर्स पूरा करने के लिए अध्यापन की दैनिक अवधि बढ़ाईगई। लेकिन, प्यार हो रहे विलंब से आगे की पूरी व्यवस्था बिगड़ती नजर आ रही है।
उच्च शिक्षा : परीक्षा व मूल्यांकन ठप, नए सत्र पर संशय।
प्रयागराज : अनलॉक में लॉकडाउन की बंदिशें खत्म कर दी गई हैं। इससे दफ्तरों में रुका काम तेजी से निस्तारित किया जा रहा है। लेकिन, उच्च शिक्षा की परीक्षाएं व मूल्यांकन कराने को लेकर कोई कवायद नहीं हो रही है। स्थगित परीक्षाएं कराने के लिए राज्य विश्वविद्यालय कोई जहमत नहीं उठा रहे हैं। न ही जिन विषयों की परीक्षाएं हो चुकी हैं, उनकी कॉपियों का मूल्यांकन कराया जा रहा है। यह स्थिति तब है जब शासन छह जुलाई से 2020-21 के शैक्षणिक सत्र की द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ व पंचम वर्ष की कक्षाएं चलाने की घोषणा कर चुका है।
लेकिन, राज्य विश्वविद्यालय उसके अनुरूप अभी तक कोई काम नहीं कर रहे हैं। इससे नए सत्र के तय समय पर शुरू होने पर संशय की स्थिति है। प्रदेश में 17 राज्य व 25 निजी विश्वविद्यालय हैं। इनके अंतर्गत 169 राजकीय, 331 एडेड व एक हजार से अधिक निजी डिग्री कॉलेज संचालित हैं। राज्य विश्वविद्यालयों के माध्यम से स्नातक व परास्नातक परीक्षाएं फरवरी में शुरू होकर 30 अप्रैल तक चलनी थीं। लेकिन, होली के अवकाश व कोरोना संक्रमण के कारण मार्च माह से समस्त परीक्षाएं स्थगित हैं। शासन ने स्थगित परीक्षाओं को लॉकडाउन खत्म होते ही शुरू करने का निर्देश दिया था। जबकि रिजल्ट घोषित करने में विलंब न हो उसके लिए ग्रीन जोन वाले जिलों में स्थित राज्य विश्वविद्यालयों को केंद्र बनाकर लॉकडाउन के दौरान ही कापियां जांचने की योजना बनाई गई थी। अभी तक उसके अनुरूप कोई काम शुरू नहीं हुआ। उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी भी इस मामले में खुलकर कुछ बोलने की तैयार नहीं हैं। वह शासन के अगले निर्देश की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
06 जुलाई से शुरू हो सकता है शिक्षा का सत्र
17 अगस्त से प्रथम वर्ष का सत्र
शासन ने 2020-21 के तहत स्नातक व परास्नातक प्रथम वर्ष के छात्रों का शैक्षिक सत्र 17 अगस्त से प्रारंभ कराने का निर्णय लिया है। इधर, हो रहे विलंब को देखते है प्रथम वर्ष की सेमेस्टर परीक्षा 15 से 20 दिन विलंब से कराने की छूट दी गई है। जबकि कोर्स पूरा करने के लिए अध्यापन की दैनिक अवधि बढ़ाईगई। लेकिन, प्यार हो रहे विलंब से आगे की पूरी व्यवस्था बिगड़ती नजर आ रही है।
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