गोरखपुर : फर्जी शिक्षकों पर मेहरबान हैं खंड शिक्षाधिकारी, पांच माह से नहीं दे रहे जांच रिपोर्ट
निलंबित शिक्षकों की रिपोर्ट न देकर उन्हें राहत देने का काम किया जा रहा है। खंड शिक्षा अधिकारी पांच माह से जांच रिपोर्ट देने में आनाकानी कर रहे हैं। ...
गोरखपुर । जनपद में नाम बदलकर व कूट रचित प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने वाले 33 निलंबित शिक्षकों की जांच पिछले पांच माह से लटकी हुई है। निलंबित शिक्षकों की जांच संबंधित खंड शिक्षाधिकारियों को सौंपी गई है, लेकिन उनके द्वारा जांच में शिथिलता दिखाने से न तो जांच पूरी हो रही है और न ही मामला पुष्ट होने के बाद शिक्षकों पर कार्रवाई आगे बढ़ रही है।
जांच रिपोर्ट अब तक न देने वाले खंड शिक्षा अधिकारियों पर कई तरह के सवाल उठ खड़े हुए हैं। कुछ का कहना है कि निलंबित शिक्षकों की रिपोर्ट न देकर उन्हें राहत देने का काम किया जा रहा है। बहरहाल, अब खंड शिक्षा अधिकारियों पर ही निर्भर है कि वह कितने दिन तक निलंबित शिक्षकों पर मेहरबान रहेंगे। जिले में इस मामले में अब तक 48 शिक्षक बर्खास्त हो चुके हैं।
विभाग की सक्रियता पर नहीं, शिकायत के आधार पर अब तक हुई कार्रवाई
जिले में फर्जी शिक्षकों के मामलों पर नजर डालें तो अभी तक जितनी भी कार्रवाई हुई हैं वह सभी शिकायतों के आधार पर हुई। अभी भी 22 शिक्षक विभाग के रडार पर हैं, जिन पर जांच की कार्रवाई गतिमान है। कस्तूरबा की विज्ञान शिक्षिका अनामिका प्रकरण के भंडाफोड़ के बाद प्रदेश सरकार ने सभी शिक्षकों के प्रमाण पत्र के सत्यापन का आदेश दिया है। ऐसे में जांच के बाद फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी करने वाले शिक्षकों की लंबी फेहरिस्त सामने आ सकती है।
इन ब्लाकों के हैं निलंबित शिक्षक
बेसिक शिक्षा विभाग ने फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी करने वाले जिन 33 शिक्षकों के विरुद्ध् निलंबन की कार्रवाई की है उनमें ब्रह्मपुर, बड़हलगंज, बेलघाट, कौड़ीराम, पिपरौली, खजनी, भटहट, पाली, सरदारनगर, चरगांवा, गगहा, जंगल कौड़ियां, गोला तथा सहजनवां विकास खंड के अंतर्गत स्थित प्राइमरी स्कूल के शिक्षक शामिल हैं।
जांच रिपोर्ट में विलंब के कारण नहीं हो पा रही बर्खास्तगी
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेन्द्र नारायण सिंह का कहना है कि निलंबित शिक्षकों की जांच संबंधित ब्लाक के खंड शिक्षाधिकारियों को सौंपी गई है। जांच रिपोर्ट में विलंब होने के कारण इनकी बर्खास्तगी नहीं हो पा रही है। खंड शिक्षाधिकारियों को जल्द से जल्द रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है।
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