ऐडेड माध्यमिक विद्यालयों में प्रबंध संचालकों की नियुक्ति पर अपर शिक्षा निदेशक ने मांगी रिपोर्ट, तीन साल पहले ही प्राविधान खत्म फिर तैनाती क्यों?।
प्रयागराज : प्रदेश के एडेड माध्यमिक कालेजों में लंबे समय से प्रबंध संचालक तैनात हैं शिक्षा महकमे के अफसर ही इन पदों पर नियुक्त हैं जिससे वे ही प्रबंधन संचालन समितियों के गठन में बाधा बने हैं नियमानुसार मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों (जेडी) को नवीन प्रबंध संचालन समितियों का गठन कराया था लेकिन, वे इसकी अनदेखी कर रहे हैं। अब अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक डॉ.महेंद्र देव ने सभी जेडी से इस संबंध में तीन दिन में रिपोर्ट मांगी है। शिक्षा निदेशालय ने एक नवंबर । 2019 को अशासकीय सहायता प्राप्त र माध्यमिक कालेजों में प्रशासन र योजना के तहत नियुक्त प्राधिकारी 5 नियंत्रक के संबंध में सूचना मांगी गई थी। शासन ने रिपोर्ट लेने के बाद निर्देश दिया था कि जिन कालेजों में नियमित प्रबंधन समिति किन्हीं कारणों से नहीं है, वहां नियमानुसार कार्यवाही करके नवीन प्रबंधन समिति गठित कराई जाए। शासन ने इसके लिए नोडल अधिकारी नामित किए और उनसे आख्या मांगी। उसमें सामने आया है कि एडेड माध्यमिक कालेजों में बड़े पैमाने पर प्रबंध संचालक या प्राधिकारी नियंत्रक तैनात हैं। अपर निदेशक ने जेडी से पूछा है कि उनके अधीनस्थ जिलों के एडेड माध्यमिक कालेजों में शासन से नियुक्त हैं या फिर उनके स्तर पर नियुक्ति दी गई है? साथ ही ऐसे कालेजों में नवीन प्रबंध समिति बहाल करने के लिए क्या प्रयास किए गए हैं?
कई जेडी ने अपनी आख्या में लिखा है कि कालेजों में प्रबंध संचालक नियुक्त हैं। अपर निदेशक का कहना है कि यह व्यवस्था सरकार तीन जनवरी 2017 को ही समाप्त कर चुकी है। ऐसे में किन परिस्थितियों में प्रबंध संचालक नियुक्त किए गए?
ऐसे कालेजों में चुनाव क्यों नहीं कराया गया है, जबकि 2017 के शासनादेश में प्राविधान है कि जहां प्रबंध संचालक नियुक्त है वहां तीन माह के अंदर प्रबंधन समिति का गठन करा दिया जाए। साथ ही कालेज के संबंध में सॉफ्टवेयर बनाकर भूमि, भवन, चल-अचल संपत्तियों व कोष आदि का विवरण अपलोड कराया जाए। सूत्रों के अनुसार प्रदेश के करीब 500 से अधिक एडेड माध्यमिक कालेजों में प्रबंध संचालक तैनात हैं, इनमें से लगभग एक सैकड़ा शासन ने नियुक्त किया है, बाकी जेडी स्तर पर ही तैनाती दी गई है। यह रिपोर्ट शासन को भेजी जानी है इससे अफसरों में खलबली मची है।
असमंजस : अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक ने सभी जैसे तीन दिन मांगी रिपोर्ट
तीन साल फ्लेही की नियुक्ति का प्रावधान खत्म तैनाती क्यों?
500 से अधिक कॉलेजों में तैनात हैं पञ्च संचालक
प्रयागराज : प्रदेश के एडेड माध्यमिक कालेजों में लंबे समय से प्रबंध संचालक तैनात हैं शिक्षा महकमे के अफसर ही इन पदों पर नियुक्त हैं जिससे वे ही प्रबंधन संचालन समितियों के गठन में बाधा बने हैं नियमानुसार मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों (जेडी) को नवीन प्रबंध संचालन समितियों का गठन कराया था लेकिन, वे इसकी अनदेखी कर रहे हैं। अब अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक डॉ.महेंद्र देव ने सभी जेडी से इस संबंध में तीन दिन में रिपोर्ट मांगी है। शिक्षा निदेशालय ने एक नवंबर । 2019 को अशासकीय सहायता प्राप्त र माध्यमिक कालेजों में प्रशासन र योजना के तहत नियुक्त प्राधिकारी 5 नियंत्रक के संबंध में सूचना मांगी गई थी। शासन ने रिपोर्ट लेने के बाद निर्देश दिया था कि जिन कालेजों में नियमित प्रबंधन समिति किन्हीं कारणों से नहीं है, वहां नियमानुसार कार्यवाही करके नवीन प्रबंधन समिति गठित कराई जाए। शासन ने इसके लिए नोडल अधिकारी नामित किए और उनसे आख्या मांगी। उसमें सामने आया है कि एडेड माध्यमिक कालेजों में बड़े पैमाने पर प्रबंध संचालक या प्राधिकारी नियंत्रक तैनात हैं। अपर निदेशक ने जेडी से पूछा है कि उनके अधीनस्थ जिलों के एडेड माध्यमिक कालेजों में शासन से नियुक्त हैं या फिर उनके स्तर पर नियुक्ति दी गई है? साथ ही ऐसे कालेजों में नवीन प्रबंध समिति बहाल करने के लिए क्या प्रयास किए गए हैं?
कई जेडी ने अपनी आख्या में लिखा है कि कालेजों में प्रबंध संचालक नियुक्त हैं। अपर निदेशक का कहना है कि यह व्यवस्था सरकार तीन जनवरी 2017 को ही समाप्त कर चुकी है। ऐसे में किन परिस्थितियों में प्रबंध संचालक नियुक्त किए गए?
ऐसे कालेजों में चुनाव क्यों नहीं कराया गया है, जबकि 2017 के शासनादेश में प्राविधान है कि जहां प्रबंध संचालक नियुक्त है वहां तीन माह के अंदर प्रबंधन समिति का गठन करा दिया जाए। साथ ही कालेज के संबंध में सॉफ्टवेयर बनाकर भूमि, भवन, चल-अचल संपत्तियों व कोष आदि का विवरण अपलोड कराया जाए। सूत्रों के अनुसार प्रदेश के करीब 500 से अधिक एडेड माध्यमिक कालेजों में प्रबंध संचालक तैनात हैं, इनमें से लगभग एक सैकड़ा शासन ने नियुक्त किया है, बाकी जेडी स्तर पर ही तैनाती दी गई है। यह रिपोर्ट शासन को भेजी जानी है इससे अफसरों में खलबली मची है।
असमंजस : अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक ने सभी जैसे तीन दिन मांगी रिपोर्ट
तीन साल फ्लेही की नियुक्ति का प्रावधान खत्म तैनाती क्यों?
500 से अधिक कॉलेजों में तैनात हैं पञ्च संचालक
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