फर्रुखाबाद : फर्जी बीएड डिग्री से नौकरी कर रहे प्रधानाध्यापक समेत दो शिक्षक बर्खास्त, बीईओ को रिपोर्ट लिखाने और अभी तक दिए गए वेतन की रिकवरी का आदेश।
फर्रुखाबाद : डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा की वर्ष 2004-05 की फर्जी बीएड डिग्री से परिषदीय स्कूल में नौकरी कर रहे प्रधानाध्यापक और सहायक अध्यापक को बीएसए लालजी यादव ने बर्खास्त कर दिया है। दोनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने और अभी तक विभाग से दिए गए वेतन की वसूली करने का भी आदेश दिया है। एटा जिले के खिरिया नगर शाह निवासी शिव भगत सिंह पुत्र नीमा सिंह ने 12 दिसंबर 2009 में जिले के परिषदीय स्कूल में डा. भीमराव आंबेडकर विवि आगरा की वर्ष 2004-05 की बीएड डिग्री से सहायक अध्यापक की नौकरी पाई थी।
प्रमोशन होने पर शमसाबाद ब्लाक क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय रूपपुर भागलपुर में प्रधानाध्यापक के पद पर तैनाती हुई। इसी तरह गांव अचरिया बाकरपुर पोस्ट खलवारा निवासी ज्योति कटियार पुत्री हरनाम सिंह ने वर्ष 10 मार्च 2010 को सहायक अध्यापक के पद पर नौकरी पाई थी। वे प्राथमिक विद्यालय बहावलपुर में सहायक अध्यापक थीं। भीमराव आंबेडकर विवि, की वर्ष 2004-05 की करीब 4570 बीएड डिग्री फर्जी पाई गई थीं। उच्च न्यायालय से 29 अप्रैल 2020 को फर्जी घोषित 2823 बीएड डिग्रियों की सूची में प्रधानाध्यापक शिव भगत सिंह व सहायक अध्यापक ज्योति कटियार का भी नाम था। एसआईटी से कार्रवाई को सुची आने के बाद बीएसएफ लालजी यादव ने दोनों शिक्षकों को बुलाकर उनका पक्ष सुना। बीएसए ने बताया कि प्रधानाध्यापक शिव भगत सिंह व सहायक अध्यापक ज्योति कटियार को बर्खास्त कर दिया है। संबंधित बीईओ को दोनों शिक्षकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने और अब तक लिए वेतन के धन की रिकवरी करने का आदेश दिया है।
दो और शिक्षकों पर लटकी तलवार
फर्रुखाबाद : इसी वर्ष की भीमराव आंबेडकर विवि की फर्जी बीएड डिग्री से प्राथमिक विद्यालय सरह द्वितीय में सहायक अध्यापक पूनम राठौर और प्राथमिक विद्यालय नकटपुर मोहम्मदाबाद में सर्वेश कुमार नौकरी कर रहे हैं। इनके खिलाफ भी कार्रवाई के आदेश आया है। बीएसएफ लालजी यादव ने बताया कि जांच चल रही है। जांच पूरी होते ही कार्रवाई की जाएगी। बर्खास्त 22 शिक्षकों पर नहीं हुई एफआईआर
फर्रुखाबाद एसआईटी जांच में फंसे 22 शिक्षक करीब एक माह पूर्व बर्खास्त हो चुके हैं। यह शिक्षक भी फर्जी बीएड डिग्री से नौकरी कर रहे थे। इनकी डिग्रियां उच्च न्यायालय से फर्जी घोषित होने के बाद बीएसए ने बर्खास्त किया था। बीईओ को रिपोर्ट लिखाने के आदेश दिए थे, लेकिन अभी तक किसी भी शिक्षक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई है।
फर्रुखाबाद : डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा की वर्ष 2004-05 की फर्जी बीएड डिग्री से परिषदीय स्कूल में नौकरी कर रहे प्रधानाध्यापक और सहायक अध्यापक को बीएसए लालजी यादव ने बर्खास्त कर दिया है। दोनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने और अभी तक विभाग से दिए गए वेतन की वसूली करने का भी आदेश दिया है। एटा जिले के खिरिया नगर शाह निवासी शिव भगत सिंह पुत्र नीमा सिंह ने 12 दिसंबर 2009 में जिले के परिषदीय स्कूल में डा. भीमराव आंबेडकर विवि आगरा की वर्ष 2004-05 की बीएड डिग्री से सहायक अध्यापक की नौकरी पाई थी।
प्रमोशन होने पर शमसाबाद ब्लाक क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय रूपपुर भागलपुर में प्रधानाध्यापक के पद पर तैनाती हुई। इसी तरह गांव अचरिया बाकरपुर पोस्ट खलवारा निवासी ज्योति कटियार पुत्री हरनाम सिंह ने वर्ष 10 मार्च 2010 को सहायक अध्यापक के पद पर नौकरी पाई थी। वे प्राथमिक विद्यालय बहावलपुर में सहायक अध्यापक थीं। भीमराव आंबेडकर विवि, की वर्ष 2004-05 की करीब 4570 बीएड डिग्री फर्जी पाई गई थीं। उच्च न्यायालय से 29 अप्रैल 2020 को फर्जी घोषित 2823 बीएड डिग्रियों की सूची में प्रधानाध्यापक शिव भगत सिंह व सहायक अध्यापक ज्योति कटियार का भी नाम था। एसआईटी से कार्रवाई को सुची आने के बाद बीएसएफ लालजी यादव ने दोनों शिक्षकों को बुलाकर उनका पक्ष सुना। बीएसए ने बताया कि प्रधानाध्यापक शिव भगत सिंह व सहायक अध्यापक ज्योति कटियार को बर्खास्त कर दिया है। संबंधित बीईओ को दोनों शिक्षकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने और अब तक लिए वेतन के धन की रिकवरी करने का आदेश दिया है।
दो और शिक्षकों पर लटकी तलवार
फर्रुखाबाद : इसी वर्ष की भीमराव आंबेडकर विवि की फर्जी बीएड डिग्री से प्राथमिक विद्यालय सरह द्वितीय में सहायक अध्यापक पूनम राठौर और प्राथमिक विद्यालय नकटपुर मोहम्मदाबाद में सर्वेश कुमार नौकरी कर रहे हैं। इनके खिलाफ भी कार्रवाई के आदेश आया है। बीएसएफ लालजी यादव ने बताया कि जांच चल रही है। जांच पूरी होते ही कार्रवाई की जाएगी। बर्खास्त 22 शिक्षकों पर नहीं हुई एफआईआर
फर्रुखाबाद एसआईटी जांच में फंसे 22 शिक्षक करीब एक माह पूर्व बर्खास्त हो चुके हैं। यह शिक्षक भी फर्जी बीएड डिग्री से नौकरी कर रहे थे। इनकी डिग्रियां उच्च न्यायालय से फर्जी घोषित होने के बाद बीएसए ने बर्खास्त किया था। बीईओ को रिपोर्ट लिखाने के आदेश दिए थे, लेकिन अभी तक किसी भी शिक्षक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई है।
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