वित्तविहीन विद्यालयों की फीस बढ़ोतरी पर कसी नकेल, राज्यपाल ने दी अनुमति
वित्तविहीन विद्यालयों की फीस वसूली पर होगा अब सरकार का नियंत्रण
निजी विद्यालय अब नहीं बढ़ा सकेंगे शुल्क, राज्यपाल ने राज्य सरकार के अध्यादेश को दी मंजूरी
वित्तविहीन विद्यालय अब मनमाने तरीके से शुल्क नहीं बढ़ा सकेंगे। फीस वसूली को नियंत्रित करने के लिए कैबिनेट ने यूपी स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) (संशोधन) अध्यादेश-2020 को मंजूरी दे दी है। इसमें अधिनियम-2018 की धारा 2,4,8,9 और 11 में संशोधन किया गया है। इसके तहत शुल्क को नियमित करने का अधिकार प्रदेश सरकार के पास होगा।
राज्यपाल से मंजूरी मिलते ही यह कानून बन जाएगा। इससे स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगेगा। सरकार ने कोरोना संकटकाल में अभिभावकों को राहत देने के लिए वित्तविहीन विद्यालयों को इस वर्ष फीस नहीं बढ़ाने, विद्यार्थियों से लॉकडाउन की अवधि का परिवहन शुल्क नहीं लेने और एकमुश्त फीस नहीं वसूलने का आदेश जारी किया था वित्तविहीन विद्यालयों ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
मंडल स्तर पर अपील प्राधिकरण : मनमानी फीस वसूली के मामलों में जिला शुल्क नियामक समिति के निर्णयों के खिलाफ अपीलों के समय पर निस्तारण के लिए अब राज्य स्तर की जगह मंडल स्तर पर मंडलीय स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय अपील प्राधिकरण का भी गठन किया जाएगा। अभिभावक इसके निर्णय के खिलाफ मंडल स्तर पर ही अपील कर सकेंगे।
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