शिक्षकांे की फर्जी नियुक्ति की जांच को समिति गठित
फतेहपुर : प्रदेश के परिषदीय प्राथिमक विद्यालयांे मंे अनियमित, नियम विरूद्ध एवं फर्जी नियुक्तियों की खबरों पर गंभीरता दिखाते हुए शासन ने प्रत्येक जिले मंे एडीएम की अध्यक्षता मंे तीन सदस्यीय समिति का गठन कर दिया है। समिति इस प्रकार के प्रकरणों की जांच कर अपनी रिपोर्ट शासन को सौपेगी। 2018 मंे जारी आदेश मंे संशोधन करते हुए अब एडी बेसिक की बजाए बीएसए को सदस्य सचिव बनाया गया है।
2018 में ही शासन ने फर्जी एवं अनियमित नियुक्तियों की जांच हेतु मार्गदर्शक सिद्धांतों का उल्लेख करते हुए जनपद स्तर पर तीन सदस्यीय समिति का गठन कर ऐसे प्रकरणों की जांच का आदेश दिया था। इस समिति से अपेक्षा की गई थी कि परिषदीय प्राथमिक स्कूलों मंे फर्जी नियुक्तियों की जांच कर आख्या शासन को जल्द मुहैया कराई जाएगी। अब शासन ने बुधवार को इस शासनादेश मंे आंशिक संशोधन करते हुए कहा है कि फर्जी एवं अनियमित नियुक्ति वाले मामलों की जांच कर समिति जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराए। सूत्र बताते हैं कि शासन फर्जी नियुक्तियों को लेकर शुरू से ही गंभीर है ।
बीएसए को बनाया सचिव
शासन ने अब एडी बेसिक की बजाए बीएसएफ के सदस्य सचिव बनाया है। शासन के संज्ञान में आया है कि इस समिति की बैठक के दौरान डीएम एवं एएसपी के रूप में दो सदस्य तो जिलों में मौजूद रहते हैं लेकिन एडी बेसिक अधिकारी अवसरों पर उपलब्ध नहीं हो पाते थे। इसे देखते हुए अब बीएसएफ को सदस्य सचिव बनाया गया है। समिति के तीनों सदस्य जिला स्तरीय अधिकारी होने के कारण बैठक व जांच के लिए उपलब्ध रहेंगे।
दो दर्जन पर मुकदमा शासन के निर्देश पर जिले के बेसिक शिक्षा विभाग ने बीते सालों शिक्षकों का सत्यापन कराने के दौरान कई ऐसे शिक्षक पकड़े थे जिनके शैक्षिक अभिलेख व प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए थे। बताते हैं कि करीब 24 फर्जी शिक्षकों पर मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है।
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फतेहपुर : तीन सदस्यीय टीम बेसिक शिक्षा विभाग में खंगालेगी फर्जीवाड़ा।
फतेहपुर : बेसिक शिक्षा में नौकरी पाने के लिए किए गए फर्जीवाड़े को उजागर करने के लिए शासन ने जिले में टीम गठित करने का फैसला लिया है। अपर मुख्य सचिव रणुका कुमार ने डीएम को भेजे पत्र में तीन सदस्यीय टीम का गठन करने के निर्देश दिए हैं। शिक्षा विभाग में अब तक पकड़े गए फर्जवाड़े के बावजूद यह सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले हा है। उधर, शासन ने भी सख्त रुख अपना लिया है। शिकायतों और फर्जीवाड़े को उजागर करने के लिए अब जिले में टीम गठित करने का निर्णय लिया है। ऐसा मानना है कि जिलों में टीमें गठित होने से कूटरचित अभिलेखों और नियम विरुद्ध तरीके से की गई नियुक्तियां आसानी से पकड़े में आएंगी। अपर मुख्य सचिव ने 17 जून को आदेश जारी करके जिले में टीम गठित किए जाने और जांच कराने का निर्णय लिया है।
"अपर सचिव शासन ने जिले में शिक्षक भर्ती की जांच के लिए डीएम को टीम गठित करने का निर्देश दिया है। जिले में गठित टीम परिषदीय विद्यालयों में अनियमित, नियम विरुद्ध, फर्जी रूप से की गई नियुक्तियों की जांच करेगी। इसके लिए तीन अफसरों की संयुक्त टीम जांच करेगी।"
शिवेंद्र प्रताप सिंह जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
फतेहपुर : प्रदेश के परिषदीय प्राथिमक विद्यालयांे मंे अनियमित, नियम विरूद्ध एवं फर्जी नियुक्तियों की खबरों पर गंभीरता दिखाते हुए शासन ने प्रत्येक जिले मंे एडीएम की अध्यक्षता मंे तीन सदस्यीय समिति का गठन कर दिया है। समिति इस प्रकार के प्रकरणों की जांच कर अपनी रिपोर्ट शासन को सौपेगी। 2018 मंे जारी आदेश मंे संशोधन करते हुए अब एडी बेसिक की बजाए बीएसए को सदस्य सचिव बनाया गया है।
2018 में ही शासन ने फर्जी एवं अनियमित नियुक्तियों की जांच हेतु मार्गदर्शक सिद्धांतों का उल्लेख करते हुए जनपद स्तर पर तीन सदस्यीय समिति का गठन कर ऐसे प्रकरणों की जांच का आदेश दिया था। इस समिति से अपेक्षा की गई थी कि परिषदीय प्राथमिक स्कूलों मंे फर्जी नियुक्तियों की जांच कर आख्या शासन को जल्द मुहैया कराई जाएगी। अब शासन ने बुधवार को इस शासनादेश मंे आंशिक संशोधन करते हुए कहा है कि फर्जी एवं अनियमित नियुक्ति वाले मामलों की जांच कर समिति जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराए। सूत्र बताते हैं कि शासन फर्जी नियुक्तियों को लेकर शुरू से ही गंभीर है ।
बीएसए को बनाया सचिव
शासन ने अब एडी बेसिक की बजाए बीएसएफ के सदस्य सचिव बनाया है। शासन के संज्ञान में आया है कि इस समिति की बैठक के दौरान डीएम एवं एएसपी के रूप में दो सदस्य तो जिलों में मौजूद रहते हैं लेकिन एडी बेसिक अधिकारी अवसरों पर उपलब्ध नहीं हो पाते थे। इसे देखते हुए अब बीएसएफ को सदस्य सचिव बनाया गया है। समिति के तीनों सदस्य जिला स्तरीय अधिकारी होने के कारण बैठक व जांच के लिए उपलब्ध रहेंगे।
दो दर्जन पर मुकदमा शासन के निर्देश पर जिले के बेसिक शिक्षा विभाग ने बीते सालों शिक्षकों का सत्यापन कराने के दौरान कई ऐसे शिक्षक पकड़े थे जिनके शैक्षिक अभिलेख व प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए थे। बताते हैं कि करीब 24 फर्जी शिक्षकों पर मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है।
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फतेहपुर : तीन सदस्यीय टीम बेसिक शिक्षा विभाग में खंगालेगी फर्जीवाड़ा।
फतेहपुर : बेसिक शिक्षा में नौकरी पाने के लिए किए गए फर्जीवाड़े को उजागर करने के लिए शासन ने जिले में टीम गठित करने का फैसला लिया है। अपर मुख्य सचिव रणुका कुमार ने डीएम को भेजे पत्र में तीन सदस्यीय टीम का गठन करने के निर्देश दिए हैं। शिक्षा विभाग में अब तक पकड़े गए फर्जवाड़े के बावजूद यह सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले हा है। उधर, शासन ने भी सख्त रुख अपना लिया है। शिकायतों और फर्जीवाड़े को उजागर करने के लिए अब जिले में टीम गठित करने का निर्णय लिया है। ऐसा मानना है कि जिलों में टीमें गठित होने से कूटरचित अभिलेखों और नियम विरुद्ध तरीके से की गई नियुक्तियां आसानी से पकड़े में आएंगी। अपर मुख्य सचिव ने 17 जून को आदेश जारी करके जिले में टीम गठित किए जाने और जांच कराने का निर्णय लिया है।
"अपर सचिव शासन ने जिले में शिक्षक भर्ती की जांच के लिए डीएम को टीम गठित करने का निर्देश दिया है। जिले में गठित टीम परिषदीय विद्यालयों में अनियमित, नियम विरुद्ध, फर्जी रूप से की गई नियुक्तियों की जांच करेगी। इसके लिए तीन अफसरों की संयुक्त टीम जांच करेगी।"
शिवेंद्र प्रताप सिंह जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
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