CBSE : परीक्षाओं पर आज खत्म हो सकता है असमंजस, MHRD की अहम बैठक पर टिकी निगाहें।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की दसवीं और बारहवीं की बची परीक्षाओं सहित जेईई मेंस और नीट की जुलाई में प्रस्तावित परीक्षाओं को लेकर सोमवार को संशय खत्म हो सकता है। अभिभावकों के दबाव और कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय पहले ही परीक्षाओं को टालने के संकेत दे चुका है। लेकिन अब इस पर अंतिम मुहर लग सकती है। वैसे भी एक जुलाई से प्रस्तावित सीबीएसई की परीक्षाओं को लेकर मंत्रालय का निर्णय लेना है, क्योंकि परीक्षाओं के लिए अब ज्यादा समय नहीं बचा है।
मंत्रालय के लिए परीक्षाओं को लेकर सोमवार को कोई निर्णय लेना इसलिए भी जरूरी माना जा रहा है, क्योंकि सीबीएसई की दसवीं और बारहवीं की बची परीक्षाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी एक याचिका लंबित है, जिसमें अभिभावकों ने संक्रमण को देखते हुए परीक्षाओं को न कराने की मांग की है। इस मामले में कोर्ट ने सीबीएसई से 23 जून तक जवाब मांगा है। इस बीच स्वास्थ्य और गृह मंत्रालय के साथ भी चर्चा हो चकी है, जिसमें परीक्षाओं के अलावा दूसरे विकल्पों को आजमाने की बात कही गई है। हालांकि विकल्प क्या होगा, इसका जिम्मा मानव संसाधन विकास मंत्रालय पर छोड़ा गया है। मंत्रालय उन सभी विकल्पों को लेकर काम कर रहा है जो संभव हैं और छात्रों का भी जिनमें कोई नुकसान न हो। इनमें फिलहाल उन्हें प्री-बोर्ड या आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अंक देकर अभी प्रमोट करना है। साथ ही यदि किसी को कम अंक मिलने की आशंका है तो उन्हें बाद में परीक्षा का एक मौका दिया जाएगा, जिसमें शामिल होकर वे अपने अंक सुधार सकते है। फिलहाल इन विकल्पों पर अभी अंतिम मुहर लगना बाकी है। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने पिछले दिनों ही मौजूदा परिस्थितियों में परीक्षाओं को लेकर संदेह जताया था। उन्होंने कहा था कि छात्रों की सुरक्षा के लिए सर्वोपरि है। जो भी फैसला होगा वह उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखकर ही लिया जाएगा।
साफ होगी तस्वीर
मानव संसाधन विकास मंत्रालय की अहम बैठक पर टिकी निगाहें,
मंत्रालय परीक्षाओं को टालने के दे चुका है संकेत
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की दसवीं और बारहवीं की बची परीक्षाओं सहित जेईई मेंस और नीट की जुलाई में प्रस्तावित परीक्षाओं को लेकर सोमवार को संशय खत्म हो सकता है। अभिभावकों के दबाव और कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय पहले ही परीक्षाओं को टालने के संकेत दे चुका है। लेकिन अब इस पर अंतिम मुहर लग सकती है। वैसे भी एक जुलाई से प्रस्तावित सीबीएसई की परीक्षाओं को लेकर मंत्रालय का निर्णय लेना है, क्योंकि परीक्षाओं के लिए अब ज्यादा समय नहीं बचा है।
मंत्रालय के लिए परीक्षाओं को लेकर सोमवार को कोई निर्णय लेना इसलिए भी जरूरी माना जा रहा है, क्योंकि सीबीएसई की दसवीं और बारहवीं की बची परीक्षाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी एक याचिका लंबित है, जिसमें अभिभावकों ने संक्रमण को देखते हुए परीक्षाओं को न कराने की मांग की है। इस मामले में कोर्ट ने सीबीएसई से 23 जून तक जवाब मांगा है। इस बीच स्वास्थ्य और गृह मंत्रालय के साथ भी चर्चा हो चकी है, जिसमें परीक्षाओं के अलावा दूसरे विकल्पों को आजमाने की बात कही गई है। हालांकि विकल्प क्या होगा, इसका जिम्मा मानव संसाधन विकास मंत्रालय पर छोड़ा गया है। मंत्रालय उन सभी विकल्पों को लेकर काम कर रहा है जो संभव हैं और छात्रों का भी जिनमें कोई नुकसान न हो। इनमें फिलहाल उन्हें प्री-बोर्ड या आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अंक देकर अभी प्रमोट करना है। साथ ही यदि किसी को कम अंक मिलने की आशंका है तो उन्हें बाद में परीक्षा का एक मौका दिया जाएगा, जिसमें शामिल होकर वे अपने अंक सुधार सकते है। फिलहाल इन विकल्पों पर अभी अंतिम मुहर लगना बाकी है। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने पिछले दिनों ही मौजूदा परिस्थितियों में परीक्षाओं को लेकर संदेह जताया था। उन्होंने कहा था कि छात्रों की सुरक्षा के लिए सर्वोपरि है। जो भी फैसला होगा वह उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखकर ही लिया जाएगा।
साफ होगी तस्वीर
मानव संसाधन विकास मंत्रालय की अहम बैठक पर टिकी निगाहें,
मंत्रालय परीक्षाओं को टालने के दे चुका है संकेत
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