कक्षा तीन, पांच एवं आठवीं में परीक्षाएं होंगी, 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं का तनाव खत्म होगा
राहत
◆ नई शिक्षा नीति में 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को आसान बनाने का ऐलान
◆ वस्तुनिष्ठ और व्याख्यात्मक दो भागों में कराने का भी सुझाव दिया
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में करोड़ों छात्रों एवं अभिभावकों के लिए जो सबसे बड़ी राहत पहुंचाने वाली बात है, वह है 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को आसान बनाने की घोषणा। बोर्ड परीक्षाओं को लेकर छात्र हमेशा दबाव में रहते हैं और ज्यादा अंक लाने के चक्कर में कोचिंग पर निर्भर हो जाते हैं। लेकिन भविष्य में उन्हें इससे मुक्ति मिल सकती है।
नई शिक्षा नीति में बोर्ड परीक्षाओं पर दांव कम रहेगा। इसमें कहा गया है कि बोर्ड परीक्षाओं में विद्यार्थियों की वास्तविक क्षमताओं एवं योग्यताओं को परखा जाएगा।
छात्रों द्वारा रटे हुए सवालों पर बोर्ड परीक्षा का दारोमदार अब नहीं रहेगा। नीति में कहा गया है कि विभिन्न बोर्ड आने वाले समय में बोर्ड परीक्षाओं के व्यवहार्य मॉडल तैयार करेंगे। जैसे वार्षिक, सेमिस्टर और मोड्यूलर बोर्ड परीक्षाएं। बोर्ड परीक्षाएं दो भागों में या दो तरह जैसे वस्तुनिष्ठ और ब्याख्यात्मक भी हो सकती हैं।
नई शिक्षा नीति का ब्योरा देते हुए स्कूल शिक्षा सचिव अनीता करवाल ने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं में बदलाव को लेकर कई सुझाव हैं। जैसे साल में दो बार करना, दो हिस्सों वस्तुनिष्ठ और व्ख्यात्मक श्रेणियों में विभाजित करना आदि। बोर्ड परीक्षा में मुख्य जोर ज्ञान के परीक्षण पर होगा। ताकि छात्रों में रटने की प्रवृत्ति खत्म हो।
नई नीति के तहत कक्षा तीन, पांच एवं आठवीं में भी परीक्षाएं होगीं । जबकि 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं बदले स्वरूप में जारी रहेंगी।
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