वाराणसी : फर्जी डिग्री मामले में 142 शिक्षकों का दोबारा होगा सत्यापन, पैन में हेराफेरी मामले की जांच धीमी।
वाराणसी :: बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में फर्जी डिग्रीधारी शिक्षकों की खोज जारी है। जिले में 142 शिक्षकों के अभिलेख दोबारा सत्यापन के लिए आगरा विश्वविद्यालय भेजे जाएंगे। इन शिक्षकों ने वहीं से विभिन्न वर्षों में बीएड की उपाधि ग्रहण की है। शासन के निर्देश पर इस समय प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों की जांच चल रही है । ब्लॉक स्तर पर जांच समितियां गठित हैं। इस दौरान उन शिक्षकों के अभिलेख अलग किए गये हैं, जिन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से उपाधियां ली हैं। सभी ब्लॉकों में ऐसे शिक्षक ऐसे मिले हैं। बीएसए राकेश सिंह का कहना है कि प्रथम दृष्टया ऐसा कोई संदिग्ध नहीं मिला है। मगर पूरी तरह जांच-पड़ताल करना जरूरी है। एक बार फिर सत्यापन करा कर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कहीं किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी तो नहीं है। इससे पहले एसआईटी ने अपनी ओर से एक सूची दी थी, जिसके आधार पर चार फर्जी शिक्षकों चिन्हित हुई थी। उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है। एफआईआर हो चुकी है। बिक्री के लिए नोटिस जारी है। इसलिये इस स्थिति को देखते हुए अन्य शिक्षकों की डिग्रियों का भी सत्यापन जरूरी हो गया है। जिलेमें इस समय विभिन्नब्लाकों और नगरीय क्षेत्र के स्कूलों में करीब 6600 शिक्षक कार्यरत हैं। इसमें करीब 2500 शिक्षक ऐसे हैं, जो दूसरे जनपदों से स्थानातरित होकर वाराणसी आए है।
वाराणसी : पैन की हेराफेरी के मामले में चल रही शिक्षकों की जांच शिथिल पड़ गई थी। हालांकि बेसिक शिक्षा निदेशक की ओर से इस मामले में संज्ञान लिए जाने पर फिर तेजी आई है। जिले में 27 शिक्षक चिन्हित किए गए हैं, जिन्होंने अपने पैन नंबर बदल दिए हैं। इस मामले की जांच खंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से कराई जा रही है। तीन खंड शिक्षा अधिकारियों की एक समिति बनाई गई थी, जिसने शिक्षकों से मामले में जवाब मांगे थे। अधिकतर शिक्षकों ने जवाब दे दिया है। मगर जांच समिति अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पा रही है। इधर बीच खंड शिक्षा अधिकारियों की भी विभिन्न कार्यों में व्यस्तताएं बढ़ गई, जिससे जांच की गति प्रभावित हुई है। बेसिक शिक्षा निदेशक ने सभी बीएसए को भेजे पत्र में इस दिशा में की गई कारवाई का विवरण मांगा है। इसके बाद जांच में फिर तेजी आई है। पत्रावली दौड़ने लगी है। लेखाविभाग को भी जांच रिपोर्ट का इंतजार है। पैन नंबर बदलने का मामला पकड़ में आए करीब एक महीने से अधिक हो गया है। विभाग की मंशा है कि अगले माह के वेतन भुगतान से पहले इस प्रकरण पर स्थिति स्पष्ट हो जाए। बीएसए राकेश सिंह का कहना है कि जांच में तेजी लाई गई है।
वाराणसी :: बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में फर्जी डिग्रीधारी शिक्षकों की खोज जारी है। जिले में 142 शिक्षकों के अभिलेख दोबारा सत्यापन के लिए आगरा विश्वविद्यालय भेजे जाएंगे। इन शिक्षकों ने वहीं से विभिन्न वर्षों में बीएड की उपाधि ग्रहण की है। शासन के निर्देश पर इस समय प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों की जांच चल रही है । ब्लॉक स्तर पर जांच समितियां गठित हैं। इस दौरान उन शिक्षकों के अभिलेख अलग किए गये हैं, जिन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से उपाधियां ली हैं। सभी ब्लॉकों में ऐसे शिक्षक ऐसे मिले हैं। बीएसए राकेश सिंह का कहना है कि प्रथम दृष्टया ऐसा कोई संदिग्ध नहीं मिला है। मगर पूरी तरह जांच-पड़ताल करना जरूरी है। एक बार फिर सत्यापन करा कर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कहीं किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी तो नहीं है। इससे पहले एसआईटी ने अपनी ओर से एक सूची दी थी, जिसके आधार पर चार फर्जी शिक्षकों चिन्हित हुई थी। उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है। एफआईआर हो चुकी है। बिक्री के लिए नोटिस जारी है। इसलिये इस स्थिति को देखते हुए अन्य शिक्षकों की डिग्रियों का भी सत्यापन जरूरी हो गया है। जिलेमें इस समय विभिन्नब्लाकों और नगरीय क्षेत्र के स्कूलों में करीब 6600 शिक्षक कार्यरत हैं। इसमें करीब 2500 शिक्षक ऐसे हैं, जो दूसरे जनपदों से स्थानातरित होकर वाराणसी आए है।
वाराणसी : पैन की हेराफेरी के मामले में चल रही शिक्षकों की जांच शिथिल पड़ गई थी। हालांकि बेसिक शिक्षा निदेशक की ओर से इस मामले में संज्ञान लिए जाने पर फिर तेजी आई है। जिले में 27 शिक्षक चिन्हित किए गए हैं, जिन्होंने अपने पैन नंबर बदल दिए हैं। इस मामले की जांच खंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से कराई जा रही है। तीन खंड शिक्षा अधिकारियों की एक समिति बनाई गई थी, जिसने शिक्षकों से मामले में जवाब मांगे थे। अधिकतर शिक्षकों ने जवाब दे दिया है। मगर जांच समिति अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पा रही है। इधर बीच खंड शिक्षा अधिकारियों की भी विभिन्न कार्यों में व्यस्तताएं बढ़ गई, जिससे जांच की गति प्रभावित हुई है। बेसिक शिक्षा निदेशक ने सभी बीएसए को भेजे पत्र में इस दिशा में की गई कारवाई का विवरण मांगा है। इसके बाद जांच में फिर तेजी आई है। पत्रावली दौड़ने लगी है। लेखाविभाग को भी जांच रिपोर्ट का इंतजार है। पैन नंबर बदलने का मामला पकड़ में आए करीब एक महीने से अधिक हो गया है। विभाग की मंशा है कि अगले माह के वेतन भुगतान से पहले इस प्रकरण पर स्थिति स्पष्ट हो जाए। बीएसए राकेश सिंह का कहना है कि जांच में तेजी लाई गई है।
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