बांदा : 1868 स्कूलों का नहीं हो पाया कायाकल्प, समन्वयक ने उजागर किए कायाकल्प के अधूरे कार्य।
बांदा :: नए शिक्षा सत्र में जिले के 1868 विद्यालयों के बच्चों को बुनियादी सुविधाओं से जूझना पड़ेगा। कहीं पीने का नहीं तो कहीं शौचालय नदारद हैं। तमाम स्कूलों में रसोईघर और बिजली कनेक्शन का अभाव है। विभागीय जिला समन्वयक द्वारा उप निदेशक (बेसिक) को भेजी गई रिपोर्ट में ये खामियां उजागर हुई हैं।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 124 स्कूल सभी सुविधाओं से संतृप्त और लैस हैं। शासन ने मार्च 2019 में परिषदीय स्कूलों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने की जिम्मेदारी 'ऑपरेशन कायाकल्प के तहत ग्राम पंचायतों को दी थीं, लेकिन ग्राम पंचायतों ने सभी स्कूलों के बुनियादी सुविधाओं से लैस नहीं किया। स्कूलों की ताजा हालत सर्व शिक्षा अभियान के जिला समन्वयक (निर्माण) द्वारा दो दिन पूर्व बेसिक शिक्षा उप निदेशक को भेजी गई रिपोर्ट से उजागर हुई है।
समन्वयक की रिपोर्ट में बताया गया है कि जिले के 1992 परिषदीय स्कूलों में मात्र 124 स्कूलों में ही 'ऑपरेशन कायाकल्प' के तहत कार्य कराए गए हैं। 1868 स्कूल आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि 1992 परिषदीय विद्यालयों में 620 में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है। 844 स्कूलों में बालक व बालिकाओं के अलग-अलग शौचालय नहीं हैं। 692 स्कूलों में रसोईघर, 1925 स्कूलों में हैंडवाशिंग यूनिट, 1217 विद्यालयों में बिजली कनेक्शन और बाउंड्रीवाल नहीं है। 1947 स्कूलों में दिव्यांगों के लिए शौचालय व रैप नहीं बने हैं। 120 विद्यालयों में श्यामपट्ट (ब्लैक बोर्ड) नहीं हैं। 1198 स्कूलों की कक्षाओं में फर्श या टायल्स नहीं हैं।
पहले शौचालय और पंचायत भवन बनेंगे : जिला समन्वयक ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया है कि जिला पंचायत राज विभाग का कहना है कि ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय और पंचायत भवनों के निर्माण को शासन के निर्देशानुसार पहले कराया जा रहा है।
शासन ने ऑपरेशन कायाकल्प के तहत परिषदीय स्कूलों में 14 बिंदुओं पर संतृप्त करने का कार्य ग्राम पंचायतों को सौंपा है। उन्हें ही सभी स्कूलों में यह कार्य कराना है। अधूरे कार्यों के बारे में शासन को पत्राचार किया गया है। -हरिश्चंद्र नाथ, बेसिक शिक्षा अधिकारी, बांदा।
शासन ने 125 दिनों में प्रत्येक ग्राम पंचायत में सामुदायिक शौचालय और पंचायत घर बनाए जाने के आदेश दिए हैं। इसलिए पहले ये दोनों कार्य कराए जा रहे हैं। इसी के बाद ऑपरेशन कायाकल्प' से स्कूलों में काम होंगे। -संजय यादव, जिला पंचायत राज अधिकारी बांदा।
बांदा :: नए शिक्षा सत्र में जिले के 1868 विद्यालयों के बच्चों को बुनियादी सुविधाओं से जूझना पड़ेगा। कहीं पीने का नहीं तो कहीं शौचालय नदारद हैं। तमाम स्कूलों में रसोईघर और बिजली कनेक्शन का अभाव है। विभागीय जिला समन्वयक द्वारा उप निदेशक (बेसिक) को भेजी गई रिपोर्ट में ये खामियां उजागर हुई हैं।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 124 स्कूल सभी सुविधाओं से संतृप्त और लैस हैं। शासन ने मार्च 2019 में परिषदीय स्कूलों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने की जिम्मेदारी 'ऑपरेशन कायाकल्प के तहत ग्राम पंचायतों को दी थीं, लेकिन ग्राम पंचायतों ने सभी स्कूलों के बुनियादी सुविधाओं से लैस नहीं किया। स्कूलों की ताजा हालत सर्व शिक्षा अभियान के जिला समन्वयक (निर्माण) द्वारा दो दिन पूर्व बेसिक शिक्षा उप निदेशक को भेजी गई रिपोर्ट से उजागर हुई है।
समन्वयक की रिपोर्ट में बताया गया है कि जिले के 1992 परिषदीय स्कूलों में मात्र 124 स्कूलों में ही 'ऑपरेशन कायाकल्प' के तहत कार्य कराए गए हैं। 1868 स्कूल आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि 1992 परिषदीय विद्यालयों में 620 में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है। 844 स्कूलों में बालक व बालिकाओं के अलग-अलग शौचालय नहीं हैं। 692 स्कूलों में रसोईघर, 1925 स्कूलों में हैंडवाशिंग यूनिट, 1217 विद्यालयों में बिजली कनेक्शन और बाउंड्रीवाल नहीं है। 1947 स्कूलों में दिव्यांगों के लिए शौचालय व रैप नहीं बने हैं। 120 विद्यालयों में श्यामपट्ट (ब्लैक बोर्ड) नहीं हैं। 1198 स्कूलों की कक्षाओं में फर्श या टायल्स नहीं हैं।
पहले शौचालय और पंचायत भवन बनेंगे : जिला समन्वयक ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया है कि जिला पंचायत राज विभाग का कहना है कि ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय और पंचायत भवनों के निर्माण को शासन के निर्देशानुसार पहले कराया जा रहा है।
शासन ने ऑपरेशन कायाकल्प के तहत परिषदीय स्कूलों में 14 बिंदुओं पर संतृप्त करने का कार्य ग्राम पंचायतों को सौंपा है। उन्हें ही सभी स्कूलों में यह कार्य कराना है। अधूरे कार्यों के बारे में शासन को पत्राचार किया गया है। -हरिश्चंद्र नाथ, बेसिक शिक्षा अधिकारी, बांदा।
शासन ने 125 दिनों में प्रत्येक ग्राम पंचायत में सामुदायिक शौचालय और पंचायत घर बनाए जाने के आदेश दिए हैं। इसलिए पहले ये दोनों कार्य कराए जा रहे हैं। इसी के बाद ऑपरेशन कायाकल्प' से स्कूलों में काम होंगे। -संजय यादव, जिला पंचायत राज अधिकारी बांदा।
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