प्रमोशन, वेतन विसंगति को लेकर शिक्षक परेशान, 2008 से राजकीय कॉलेज में एलटी ग्रेड को नहीं मिली प्रोन्नति।
लखनऊ :: प्रदेश के 800 से ज्यादा राजकीय इंटर कॉलेजों में से किसी में भी नियमित प्रधानाचार्य नहीं है। वर्ष 2008 से राजकीय इंटर कॉलेजों में एलटी ग्रेड को प्रोन्नति नहीं दी गई। 2001 से एसीपी यानी एश्योर्ड कॅरिअर प्रमोशन का भी लाभ नहीं मिला।
वहीं खण्ड शिक्षा अधिकारियों को भी 2011 से प्रोन्नति नहीं दी गई। बेसिक और माध्यमिक के बीच संवर्गों को अलग करने को लेकर घोषणाएं भले हुई हों लेकिन अधिकारी इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं। राजकीय शिक्षकों के प्रमोशन के लिए कई बार गोपनीय आख्या मांगी गई लेकिन प्रवक्ता पद पर प्रोन्नति नहीं दी।
वहीं प्रधानाचार्य पदों पर डीपीसी को लगभग 2 वर्ष हो चुके हैं लेकिन उसका रिजल्ट अभी तक नहीं दिया गया। मामला कोर्ट में है और शिक्षकों का आरोप है कि लचर पैरवी के अभाव में उनके मामला लटक गया है। प्रधानाचार्य के 50 फीसदी पद सीधी भर्ती से और 50 फीसदी प्रोन्नति से भरे जाते हैं।
लखनऊ :: प्रदेश के 800 से ज्यादा राजकीय इंटर कॉलेजों में से किसी में भी नियमित प्रधानाचार्य नहीं है। वर्ष 2008 से राजकीय इंटर कॉलेजों में एलटी ग्रेड को प्रोन्नति नहीं दी गई। 2001 से एसीपी यानी एश्योर्ड कॅरिअर प्रमोशन का भी लाभ नहीं मिला।
वहीं खण्ड शिक्षा अधिकारियों को भी 2011 से प्रोन्नति नहीं दी गई। बेसिक और माध्यमिक के बीच संवर्गों को अलग करने को लेकर घोषणाएं भले हुई हों लेकिन अधिकारी इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं। राजकीय शिक्षकों के प्रमोशन के लिए कई बार गोपनीय आख्या मांगी गई लेकिन प्रवक्ता पद पर प्रोन्नति नहीं दी।
वहीं प्रधानाचार्य पदों पर डीपीसी को लगभग 2 वर्ष हो चुके हैं लेकिन उसका रिजल्ट अभी तक नहीं दिया गया। मामला कोर्ट में है और शिक्षकों का आरोप है कि लचर पैरवी के अभाव में उनके मामला लटक गया है। प्रधानाचार्य के 50 फीसदी पद सीधी भर्ती से और 50 फीसदी प्रोन्नति से भरे जाते हैं।
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