अब गाड़ियों से निशुल्क पहुंचाई जाएंगी किताबें
परिषदीय विद्यालयों में छात्र-छात्राओं निशुल्क किताबें मुहैया कराई जा रही हैं। कोरोना काल में किताबें अभिभावकों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक और शिक्षकों की थी। अब शासन स्तर से तय कर दिया गया है कि किताबें गाड़ियों से पहुंचाई जाएंगी। इसके लिए 22 लाख रुपये जारी किए गए हैं। जिले के तीन हजार विद्यालयों में परिषदीय विद्यालय पढ़ने वाले 3,63,000 विद्यार्थियों को किताबों का वितरण किया जाना है। पुरानी व्यवस्था में किताबें जिले से बीआरसी और वहां से संकुल पर पहुंचाई जाती थी। यहां से शिक्षक किताबें अपने अपने स्कूल पर ले जाते थे। इसके लिए शिक्षकों को कोई वाहन भत्ता नहीं मिलता था। इसकी वजह से कई बार किताबें स्कूल पर समय से नहीं पहुंच पाती थीं या शिक्षकों को किताबें अपने वाहनों से ले जानी पड़ती थीं। अब व्यवस्था में शासन ने बदलाव किया है। बीएसए ने कहा कि किताबों को बच्चों तक पहुंचाना प्राथमिकता है। शासन ने परिवहन व्यय बजट जारी कर दिया है।
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