आगरा : एसआईटी जांच में फंसे 24 फर्जी शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज, होगी वेतन रिकवरी।
आगरा : आगरा में 24 फर्जी शिक्षकों के खिलाफ शाहगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। मुकदमे में आठ महिला शिक्षिका भी नामजद हैं। सभी के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य हैं। एसआईटी ने अपनी जांच में खेल पकड़ा था। इन लोगों की नौकरी फर्जी दस्तावेज पर लगी थी। सभी आरोपित डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के वर्ष 2004-05 सत्र के बीएड परीक्षा चार्ट में हेराफेरी करके नौकरी के लिए पात्र बने थे। अब कानूनी शिकंजे में फंसे हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी राजीव कुमार ने यह मुकदमा शाहगंज थाने में दर्ज कराया है। दर्ज मुकदमे के अनुसार एक्जीक्यूटिव काउंसिल ने 28 जून 2019 को 3637 फर्जी अभ्यर्थी, 1084 टेंपर्ड अभ्यर्थी, 45 डुप्लीकेट अभ्यर्थियों की सूची विवि की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड की थी। अखबारों में नोटिस देते हुए इन अभ्यर्थियों से 15 दिन में ऑनलाइन रजिस्टर्ड डाक से उनका पक्ष मांगा था। इनमे सिर्फ 814 ने ही अपना पक्ष भेजा। बाकी 2823 अभ्यर्थियों ने अपना पक्ष नहीं भेजा था। ऐसे अभ्यर्थियों को जिन्होंने जवाब नहीं दिया, विवि फर्जी घोषित कर दिया था। इनमें 24 अभ्यर्थी आगरा के थे। अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा विभाग की अध्यक्षता में एसआईटी ने बीएड में फर्जीवाड़े की जांच की थी। जनवरी 2020 में एसआईटी की जांच में फर्जी पाए गए शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की कहा गया था। मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) ने विवि द्वारा उपलब्ध कराई गई हार्ड और सॉफ्ट कापी बेसिक शिक्षा अधिकारी को उपलब्ध कराकर आरोपित शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई को लिखा था। इन फर्जीवाड़ा करने वाले 24 अभ्यर्थियों की 15 मई 2020 में सेवा समाप्त कर दी गयी थीं।
आरोपित शिक्षकों के खिलाफ धोखाधड़ी और कूटरचित दस्तावेज तैयार करने का मुकदमा दर्ज किया गया है। विवेचना की जा रही है। साक्ष्यों के आधार पर एक-एक करके सभी को गिरफ्तार करके जेल भेजा जाएगा। जो धाराएं हैं उनमें सात साल से अधिक सजा का प्रावधान है। गिरफ्तारी जरूरी है। - बोत्रे रोहन प्रमोद, एसपी सिटी
15 मई को शासन से एफआईआर का आदेश हुआ था। इसके बाद संबंधित ब्लॉक के बीएसए को जिम्मेदारी दी गई थी। किन्हीं कारणवश एफआईआर नहीं हो सकी। जिम्मेदारी बाबुओं को दी, लेकिन फिर भी सभी ब्लॉकों से एफआईआर नहीं हुई। मंगलवार को अपने स्तर से एफआईआर कराई है। जल्द ही रिकवरी की जाएगी। - राजीव कुमार यादव, बेसिक शिक्षा अधिकारी
आगरा : आगरा में 24 फर्जी शिक्षकों के खिलाफ शाहगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। मुकदमे में आठ महिला शिक्षिका भी नामजद हैं। सभी के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य हैं। एसआईटी ने अपनी जांच में खेल पकड़ा था। इन लोगों की नौकरी फर्जी दस्तावेज पर लगी थी। सभी आरोपित डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के वर्ष 2004-05 सत्र के बीएड परीक्षा चार्ट में हेराफेरी करके नौकरी के लिए पात्र बने थे। अब कानूनी शिकंजे में फंसे हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी राजीव कुमार ने यह मुकदमा शाहगंज थाने में दर्ज कराया है। दर्ज मुकदमे के अनुसार एक्जीक्यूटिव काउंसिल ने 28 जून 2019 को 3637 फर्जी अभ्यर्थी, 1084 टेंपर्ड अभ्यर्थी, 45 डुप्लीकेट अभ्यर्थियों की सूची विवि की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड की थी। अखबारों में नोटिस देते हुए इन अभ्यर्थियों से 15 दिन में ऑनलाइन रजिस्टर्ड डाक से उनका पक्ष मांगा था। इनमे सिर्फ 814 ने ही अपना पक्ष भेजा। बाकी 2823 अभ्यर्थियों ने अपना पक्ष नहीं भेजा था। ऐसे अभ्यर्थियों को जिन्होंने जवाब नहीं दिया, विवि फर्जी घोषित कर दिया था। इनमें 24 अभ्यर्थी आगरा के थे। अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा विभाग की अध्यक्षता में एसआईटी ने बीएड में फर्जीवाड़े की जांच की थी। जनवरी 2020 में एसआईटी की जांच में फर्जी पाए गए शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की कहा गया था। मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) ने विवि द्वारा उपलब्ध कराई गई हार्ड और सॉफ्ट कापी बेसिक शिक्षा अधिकारी को उपलब्ध कराकर आरोपित शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई को लिखा था। इन फर्जीवाड़ा करने वाले 24 अभ्यर्थियों की 15 मई 2020 में सेवा समाप्त कर दी गयी थीं।
आरोपित शिक्षकों के खिलाफ धोखाधड़ी और कूटरचित दस्तावेज तैयार करने का मुकदमा दर्ज किया गया है। विवेचना की जा रही है। साक्ष्यों के आधार पर एक-एक करके सभी को गिरफ्तार करके जेल भेजा जाएगा। जो धाराएं हैं उनमें सात साल से अधिक सजा का प्रावधान है। गिरफ्तारी जरूरी है। - बोत्रे रोहन प्रमोद, एसपी सिटी
15 मई को शासन से एफआईआर का आदेश हुआ था। इसके बाद संबंधित ब्लॉक के बीएसए को जिम्मेदारी दी गई थी। किन्हीं कारणवश एफआईआर नहीं हो सकी। जिम्मेदारी बाबुओं को दी, लेकिन फिर भी सभी ब्लॉकों से एफआईआर नहीं हुई। मंगलवार को अपने स्तर से एफआईआर कराई है। जल्द ही रिकवरी की जाएगी। - राजीव कुमार यादव, बेसिक शिक्षा अधिकारी
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