स्कूलों की ऑनलाइन कक्षाओं का समय तय, प्री-प्राइमरी के लिए 30 मिनट और पहली से आठवीं तक 45 मिनट तय
छात्रों को अब हर दिन अधिकतम तीन घंटे ही ऑनलाइन पढ़ा सकेंगे स्कूल
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने ऑनलाइन कक्षाओं के लिए दिशानिर्देश जारी किये। अलग-अलग कक्षाओं के लिए समयसीमा की सिफाारिश की
मानव संसाधन और विकास मंत्रालय ने कोविड महामारी के बीच विद्यालयों द्वारा चलाई जा रही ऑनलाइन कक्षाओं के संचालन के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं।
मानव संसाधन और विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने आज नई दिल्ली में ऑनलाइन डिजिटल शिक्षा के दिशानिर्देश प्रज्ञाता जारी किया। दिशानिर्देशों में छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं का समय निर्धारित किया गया है। मंत्रालय ने सलाह दी है कि प्री-प्राइमरी छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षा प्रतिदिन तीस मिनट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। कक्षा एक से आठ तक के छात्रों के लिए प्रतिदिन 45-45 मिनट के दो सत्र से ज्यादा नहीं होंगे। दिशानिर्देशों में छात्रों के समग्र मानसिक विकास पहलुओं को ध्यान में रखा गया है। कक्षा नौ से 12वीं तक के छात्रों के लिए प्रतिदिन 45-45 मिनट के अधिकतम चार सत्र निर्धारित किए गए हैं।
श्री पोखरियाल ने इस अवसर पर कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण विद्यालय बंद करने पड़े हैं जिसका असर देश के 24 करोड़ से ज्यादा बच्चों पर पड़ा है। उन्होंने कहा कि प्रज्ञाता दिशानिर्देश सीखने वाले बच्चों को ध्यान में रख कर तैयार किए गए हैं जो घरों में रहकर पढ़ रहे हैं। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि ये दिशानिर्देश डिजिटल शिक्षा का मार्ग प्रशस्त करेंगे और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो। उन्होंने कहा कि ये दिशानिर्देश विद्यालय प्रमुखों, अध्यापकों, अभिभावकों और छात्रों के लिए प्रासंगिक और लाभदायक होंगे। दिशानिर्देश राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के वैकल्पिक शैक्षिक कार्यक्रम के इस्तेमाल के लिए बनाया गया है। इसमें डिजिटल उपकरण इस्तेमाल करने वाले और नहीं करने वाले दोनों तरह के बच्चों का ध्यान रखा गया है।
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