फतेहपुर : परिषदीय विद्यालयों के लिए 8 करोड़ 92 लाख बजट आवंटित, इस वर्ष भी जारी की जाएगी कम्पोजिट ग्रांट, राज्य परियोजना निदेशक ने जारी की गाइडलाइन।
फतेहपुर :: केन्द्र सरकार द्वारा समग्र शिक्षा अभियान की वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट के अनुसार परिषदीय स्कूलों को एक बार फिर कम्पोजिट ग्रांट देने का फैसला किया गया है। इसके लिए स्कूलों को छात्र नामांकन के आधार पर पांच श्रेणियों में विभाजित कर धनराशि का निर्धारण किया गया है। 16 जुलाई को राज्य परियोजना निदेशक ने सभी बीएसए को इस सम्बन्ध में गाइडलाइन जारी कर दी है। धनराशि का प्रयोग स्कूलों की रंगाई पुताई समेत अन्य कार्यों में किया जाएगा। धनराशि एसएमसी के खातों में स्थानान्तरित की जाएगी। सरकार ने स्कूलों को अनुदान व्यवस्था में बदलाव कर दिया गया था। केन्द्र सरकार ने समग्र शिक्षा अभियान की वार्षिक कार्य योजना के अन्तर्गत विद्यालयों में कम्पोजिट स्कूल ग्रांट को धारण करते हुए छात्र नामांकन के आधार पर स्कूलों को 5 श्रेणियों में विभाजित कर धनराशि को धारण कर दिया है। इस बार फिर से छात्र नामांकन के आधार पर धनराशि का निर्धारण किया जाएगा। धनराशि विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से उपभोग की जाएगी। उपभोग का प्रमाण पत्र प्रधानाध्यापक को देना होगा। सबसे अधिक बल स्वच्छता पर दिया है। धनराशि का कम से कम दस फीसदी का उपयोग स्वच्छता सामग्री को खरीदने पर अनिवार्य रूप से किया जाएगा। राज्य परियोजना कार्यालय ने अनुदान के उपभोग के लिए एक सुझावात्मक सूची भी भेजी है। जिसमें कराए जा सकने वाले कार्यों का ब्यौरा दिया गया है।
बजट से होंगे ये काम :: राज्य परियोजना कार्यालय ने अपनी सुझावात्मक सूची में कराए जा सकने वाले कामों के बारे में छात्र संख्या के आधार पर विस्तार से बताया है। धनराशि का प्रयोग स्वच्छता अभियान, अनुरक्षण कार्य, रंगाई पुताई, पेण्टिग कार्य, फर्स्ट एड बाक्स, अग्निशमन यंत्र, स्टेशनरी, टाट पट्टी, चटाई एवं दरी, रेडियो प्रोग्राम, इंटरनेट बिल, बिजली उपकरण, सांस्कृतिक कार्यक्रम, सामान्य सामग्री, बागवानी, शिक्षण सहायक सामग्री, दिव्यांग छात्रों हेतु सामग्री एवं पुरस्कार वितरण हेतु सामग्री के लिए किया जा सकता है।
अधिक छात्र संख्या वाले स्कूलों को लाभ :: छात्र नामांकन के आधार पर मिलने वाली रकम से कम नामांकन वाले स्कूलों को कम लेकिन 15 से अधिक छात्र संख्या वाले स्कूलों को न्यूनतम 25 हजार से 1 लाख तक का अनुदान मिल सकेगा। इससे अधिक छात्र संख्या वाले स्कूलों को काफी राहत मिलेगी।
फतेहपुर :: केन्द्र सरकार द्वारा समग्र शिक्षा अभियान की वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट के अनुसार परिषदीय स्कूलों को एक बार फिर कम्पोजिट ग्रांट देने का फैसला किया गया है। इसके लिए स्कूलों को छात्र नामांकन के आधार पर पांच श्रेणियों में विभाजित कर धनराशि का निर्धारण किया गया है। 16 जुलाई को राज्य परियोजना निदेशक ने सभी बीएसए को इस सम्बन्ध में गाइडलाइन जारी कर दी है। धनराशि का प्रयोग स्कूलों की रंगाई पुताई समेत अन्य कार्यों में किया जाएगा। धनराशि एसएमसी के खातों में स्थानान्तरित की जाएगी। सरकार ने स्कूलों को अनुदान व्यवस्था में बदलाव कर दिया गया था। केन्द्र सरकार ने समग्र शिक्षा अभियान की वार्षिक कार्य योजना के अन्तर्गत विद्यालयों में कम्पोजिट स्कूल ग्रांट को धारण करते हुए छात्र नामांकन के आधार पर स्कूलों को 5 श्रेणियों में विभाजित कर धनराशि को धारण कर दिया है। इस बार फिर से छात्र नामांकन के आधार पर धनराशि का निर्धारण किया जाएगा। धनराशि विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से उपभोग की जाएगी। उपभोग का प्रमाण पत्र प्रधानाध्यापक को देना होगा। सबसे अधिक बल स्वच्छता पर दिया है। धनराशि का कम से कम दस फीसदी का उपयोग स्वच्छता सामग्री को खरीदने पर अनिवार्य रूप से किया जाएगा। राज्य परियोजना कार्यालय ने अनुदान के उपभोग के लिए एक सुझावात्मक सूची भी भेजी है। जिसमें कराए जा सकने वाले कार्यों का ब्यौरा दिया गया है।
बजट से होंगे ये काम :: राज्य परियोजना कार्यालय ने अपनी सुझावात्मक सूची में कराए जा सकने वाले कामों के बारे में छात्र संख्या के आधार पर विस्तार से बताया है। धनराशि का प्रयोग स्वच्छता अभियान, अनुरक्षण कार्य, रंगाई पुताई, पेण्टिग कार्य, फर्स्ट एड बाक्स, अग्निशमन यंत्र, स्टेशनरी, टाट पट्टी, चटाई एवं दरी, रेडियो प्रोग्राम, इंटरनेट बिल, बिजली उपकरण, सांस्कृतिक कार्यक्रम, सामान्य सामग्री, बागवानी, शिक्षण सहायक सामग्री, दिव्यांग छात्रों हेतु सामग्री एवं पुरस्कार वितरण हेतु सामग्री के लिए किया जा सकता है।
अधिक छात्र संख्या वाले स्कूलों को लाभ :: छात्र नामांकन के आधार पर मिलने वाली रकम से कम नामांकन वाले स्कूलों को कम लेकिन 15 से अधिक छात्र संख्या वाले स्कूलों को न्यूनतम 25 हजार से 1 लाख तक का अनुदान मिल सकेगा। इससे अधिक छात्र संख्या वाले स्कूलों को काफी राहत मिलेगी।
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