मथुरा | बीएसए और खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय और विद्यालयों में कई वर्षों से नियम विरुद्ध संबद्ध शिक्षक- शिक्षकों को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने तत्काल प्रभाव से समस्त प्रकार के संबद्धीकरण समाप्त कर मूल तैनाती वाले विद्यालयों में वापस कर दिया है। बीएसए के आदेश से कई वर्षों से कार्यालयों में जमे हुए शिक्षक नेताओं में बैचेनी बढ़ गई है और विद्यालय जाने से बचने के लिए जुगत लगाने के लिए बीएसए पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है।
विभागीय सूत्र बताते हैं कि मथुरा में शिक्षकों के नियम विरुद्ध संबद्धीकरण का प्रकरण शासन, महानिदेशक स्कूल शिक्षा, बेसिक शिक्षा परिषद के निदेशक और सचिव के संज्ञान में था। संबद्धीकरण निरस्त को लेकर अपर मुख्य सचिव उ.प्र., बेसिक शिक्षा परिषद के निदेशक और सचिव ने भी समस्त बीएसए को कई बार पत्र भेज कर आदेशित किया गया था। लगभग एक माह पूर्व महानिदेशक, स्कूल शिक्षा विजय किरन आंनद ने सम्बद्ध अध्यापकों और खंड शिक्षा अधिकारियों की सूचना मांगी थी। संबद्धीकरण की सूचना उपलब्ध नहीं कराने पर महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने बीएसएफ के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी थी। वहीं दूसरी ओर शिक्षकों के संबद्धीकरण के संबंध में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ जिलाध्यक्ष मुकेश शर्मा ने जनसूचना के अंतर्गत जनवरी 2019 में सूचना मांगी थी। बीएसए कार्यालय से सूचना न देने पर राज्य सूचना आयोग में अपील कर दी थी। पुनः 5 अगस्त 2020 को थी। पुनः 5 अगस्त 2020 को ऑनलाइन सुनवाई लगी है। बताते हैं कि इन सभी को लेकर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी चंद्रशेखर ने समस्त प्रकार के शिक्षकों के संबद्धीकरण को समाप्त कर दिया है। अब शिक्षकों से लिपिकीय कार्य कराने का कोई औचित्य नहीं है। खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय से जारी संबद्धीकरण आदेश तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाता है। बीएसए ने अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा उ.प्र. के आदेश के अनुपालन में विद्यालयों में स्काउट-गाइड और खेलकूद की गतिविधियां संचालित नहीं होने के कारण बीएसए कार्यालय में सम्बद्ध शिक्षक जिला स्काउट मास्टर, गाइड कैप्टन, जिला पीटीआई बालक और बालिका एवं दस ब्लॉक एवं नगर क्षेत्र में संबद्ध शिक्षक ब्लॉक और नगर पीटीआई का संबद्धीकरण भी समाप्त कर वापस मूल तैनाती वाले विद्यालयों में भेजने के आदेश किए है।
बीएसए पर बना रहे दबाव : जो शिक्षक नेता कई वर्षों से बीआरसी पर सम्बद्ध हैं। वह विद्यालय न जाने के लिए बीएसए पर दबाव बनाने में जुट गये हैं। संबद्धीकरण समाप्त होने से शिक्षण कार्य के लिए विद्यालयों को लगभग 100 शिक्षक-शिक्षिकाएं और मिल जायेंगे।
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