फतेहपुर : ड्यूटी करने पहुंचे शिक्षकों को नहीं घुसने दिया गांव में, गैर जनपद के दर्जनों शिक्षकों को रोका, मकान मालिकों ने नहीं खोला ताला।
फतेहपुर : संवाद परिषदीय स्कूलों में आमद कराने की अनिवार्यता अब शिक्षकों के लिए मुसीबत बनती दिख रही है। गुरुवार से ड्यूटी के लिए अपने स्कूलों व किराए के मकानों में पहुंचे दर्जनों शिक्षकों के लिए नो एंट्री लगा दी गई है। गांव वालों व मकान मालिकों का तर्क है कि आप दूसरे जिलों से यात्रा करके आ रहे हो इसलिए बिना जांच व क्वारंटीन हुए आपको प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इस स्थिति में शिक्षक हैरान व परेशान हैं। एक जुलाई से परिषदीय शिक्षक अपने स्कूलों में पहुंच रहे हैं। शिक्षक कार्य के बिना स्कूल जाने के निर्णय का विरोध किया जा रहा है लेकिन अगले आदेश तक स्कूल पहुंचने की मजबूरी दूसरे जिलों से आने वाले शिक्षकों के लिए आफत बन गई है। जान जोखिम में डालकर सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा जब शिक्षक अपने घरों में पहुंचे तो कई शिक्षकों के लिए मकान मालिकों ने ताला नहीं खोला। इसके चलते शिक्षक अपने परिचितों दोस्तों के घरों में पनाह पाने के लिए भटकते रहे।
मकान मालिकों के रवैये से थके शिक्षक जब स्कूल में उपस्थिति दर्ज कराने के लिए पहुंचे तो अनेक शिक्षकों को गांव की सरहद पर ही रोक दिया गया। गांव वालों ने बाहर से आने वाले शिक्षकों को गांव के भीतर घुसने से मना कर दिया। तर्क दिया कि आप लोगों की वजह से गांव के लोग कोरोना के साए में आ सकते हैं। बल्ली व बांस लगाकर पहरेदारीः हथगाम क्षेत्र के अलौदीपुर गांव में गुरूवार को ऐसा नजारा सामने आया जिसने सभी को हतप्रभ कर दिया। शिक्षक अपने निजी वाहन से जब गांव की सीमा पर पहुंचे तो वहां बल्ली लगाकर रास्ता रोक दिया गया और उनसे वापस जाने को कहा गया। शिक्षकों ने काफी मिन्नतें की लेकिन गांव वालों पर असर नहीं हुआ।
पहले जांच व क्वारंटीन तब मिलेगा प्रवेश : कोरोना को लेकर इतनी अधिक सामाजिक जागरूकता हो गई है या फिर खौफ, जो भी हो लेकिन इतना तो तय है कि लोग अब इसके प्रति सचेत हो गए हैं। मकान मालिकों व गांव के निवासियों का कहना है कि बाहर से आने वाले शिक्षकों की पहले स्क्रीनिंग की जाए और उन्हें 14 दिन क्वारंटीन कराया जाए तभी घर व स्कूल में दाखिल होने दिया जाएगा।
"हमारे शिक्षकों को काफी समस्याएं झेलनी पड़ रही हैं। कई शिक्षकों को गांव के निवासी व मकान मालिक स्कूल व घरों में प्रवेश नहीं करने दे रहे हैं। इस मामले से डीएम साहब को ज्ञापन देकर अवगत कराया गया है। विजय त्रिपाठी, जिला मंत्री प्राशिसं
फतेहपुर : संवाद परिषदीय स्कूलों में आमद कराने की अनिवार्यता अब शिक्षकों के लिए मुसीबत बनती दिख रही है। गुरुवार से ड्यूटी के लिए अपने स्कूलों व किराए के मकानों में पहुंचे दर्जनों शिक्षकों के लिए नो एंट्री लगा दी गई है। गांव वालों व मकान मालिकों का तर्क है कि आप दूसरे जिलों से यात्रा करके आ रहे हो इसलिए बिना जांच व क्वारंटीन हुए आपको प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इस स्थिति में शिक्षक हैरान व परेशान हैं। एक जुलाई से परिषदीय शिक्षक अपने स्कूलों में पहुंच रहे हैं। शिक्षक कार्य के बिना स्कूल जाने के निर्णय का विरोध किया जा रहा है लेकिन अगले आदेश तक स्कूल पहुंचने की मजबूरी दूसरे जिलों से आने वाले शिक्षकों के लिए आफत बन गई है। जान जोखिम में डालकर सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा जब शिक्षक अपने घरों में पहुंचे तो कई शिक्षकों के लिए मकान मालिकों ने ताला नहीं खोला। इसके चलते शिक्षक अपने परिचितों दोस्तों के घरों में पनाह पाने के लिए भटकते रहे।
मकान मालिकों के रवैये से थके शिक्षक जब स्कूल में उपस्थिति दर्ज कराने के लिए पहुंचे तो अनेक शिक्षकों को गांव की सरहद पर ही रोक दिया गया। गांव वालों ने बाहर से आने वाले शिक्षकों को गांव के भीतर घुसने से मना कर दिया। तर्क दिया कि आप लोगों की वजह से गांव के लोग कोरोना के साए में आ सकते हैं। बल्ली व बांस लगाकर पहरेदारीः हथगाम क्षेत्र के अलौदीपुर गांव में गुरूवार को ऐसा नजारा सामने आया जिसने सभी को हतप्रभ कर दिया। शिक्षक अपने निजी वाहन से जब गांव की सीमा पर पहुंचे तो वहां बल्ली लगाकर रास्ता रोक दिया गया और उनसे वापस जाने को कहा गया। शिक्षकों ने काफी मिन्नतें की लेकिन गांव वालों पर असर नहीं हुआ।
पहले जांच व क्वारंटीन तब मिलेगा प्रवेश : कोरोना को लेकर इतनी अधिक सामाजिक जागरूकता हो गई है या फिर खौफ, जो भी हो लेकिन इतना तो तय है कि लोग अब इसके प्रति सचेत हो गए हैं। मकान मालिकों व गांव के निवासियों का कहना है कि बाहर से आने वाले शिक्षकों की पहले स्क्रीनिंग की जाए और उन्हें 14 दिन क्वारंटीन कराया जाए तभी घर व स्कूल में दाखिल होने दिया जाएगा।
"हमारे शिक्षकों को काफी समस्याएं झेलनी पड़ रही हैं। कई शिक्षकों को गांव के निवासी व मकान मालिक स्कूल व घरों में प्रवेश नहीं करने दे रहे हैं। इस मामले से डीएम साहब को ज्ञापन देकर अवगत कराया गया है। विजय त्रिपाठी, जिला मंत्री प्राशिसं
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