प्रयागराज : बिना सुरक्षा मानक के कंप्यूटर अनुदेशकों की कोरोना जांच केंद्र पर लगी ड्यूटी, सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने पर ड्यूटी नहीं पहुंचे अनुदेशको को बीएसए ने नोटिस जारी कर किया जवाब तलब।
परिषदीय विद्यालयों के अस्थाई कंप्यूटर अनुदेशकों को बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सुरक्षा मानकों को पूरा किए बिना केपी कॉलेज स्थित कोरोना जांच केंद्र पर ड्यूटी लगा दी। कोराना के भय के चलते मात्र 7000 रुपये के मानदेय पर काम करने वाले कंप्यूटर अनुदेशक ड्यूटी पर नहीं पहुंचे तो बेसिक शिक्षा अधिकारी ने इनके खिलाफ नोटिस जारी करके जवाब तलब किया है। कोरोना जांच केंद्र पर ड्यूटी पर लगाए गए अनुदेशकों का कहना है कि उनके लिए सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। अनुदेशकों ने जांच केंद्र पर ड्यूटी के लिए पीपीई किट की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की है।
बीएसए की ओर से 12 कंप्यूटर अनुदेशकों को नोटिस भेजकर जुलाई महीने का मानदेय रोके जाने और तीन दिन के भीतर जवाब देने को कहा गया है। बीएसए की ओर से इन कंप्यूटर अनुदेशकों की ड्यूटी कोरोना जांच केंद्र पर डाटा फीडिंग के लिए लगाई गई थी। ड्यूट पर नहीं आने वाले अनुदेशकों को भेजी नोटिस में बीएसए ने कहा है कि उनके नहीं आने से कोरोना की जांच में बांधा पड़ी। बीएसए ने इन अनुदेशकों से तीन दिन में स्पष्टीकरण मांगा है नहीं तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
इस संबंध में उच्च प्राथमिक अनुदेशक कल्याण समिति के जिलाध्यक्ष भोलानाथ पांडेय का कहना है कि अनुदेशकों ने कभी किसी विभागीय आदेश की अवहेलना नहीं की है। उनका कहना है कि बिना पीपीई किट और कोरोना से बचाव का प्रशिक्षण दिए बिना कोविड-19 की डाटा फीडिंग में लगा दिया गया। डाटा फीडिंग के बगल में ही कोरोना की जांच चल रही है, ऐसी स्थिति में किसी अनुदेशक के साथ दुर्घटना हो जाती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा, उनके परिवार की चिंता के बारे में अधिकारी आश्वासन दें तो अनुदेशक अपनी जिम्मेदारी पूरी करने के लिए तैयार हैं।
परिषदीय विद्यालयों के अस्थाई कंप्यूटर अनुदेशकों को बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सुरक्षा मानकों को पूरा किए बिना केपी कॉलेज स्थित कोरोना जांच केंद्र पर ड्यूटी लगा दी। कोराना के भय के चलते मात्र 7000 रुपये के मानदेय पर काम करने वाले कंप्यूटर अनुदेशक ड्यूटी पर नहीं पहुंचे तो बेसिक शिक्षा अधिकारी ने इनके खिलाफ नोटिस जारी करके जवाब तलब किया है। कोरोना जांच केंद्र पर ड्यूटी पर लगाए गए अनुदेशकों का कहना है कि उनके लिए सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। अनुदेशकों ने जांच केंद्र पर ड्यूटी के लिए पीपीई किट की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की है।
बीएसए की ओर से 12 कंप्यूटर अनुदेशकों को नोटिस भेजकर जुलाई महीने का मानदेय रोके जाने और तीन दिन के भीतर जवाब देने को कहा गया है। बीएसए की ओर से इन कंप्यूटर अनुदेशकों की ड्यूटी कोरोना जांच केंद्र पर डाटा फीडिंग के लिए लगाई गई थी। ड्यूट पर नहीं आने वाले अनुदेशकों को भेजी नोटिस में बीएसए ने कहा है कि उनके नहीं आने से कोरोना की जांच में बांधा पड़ी। बीएसए ने इन अनुदेशकों से तीन दिन में स्पष्टीकरण मांगा है नहीं तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
इस संबंध में उच्च प्राथमिक अनुदेशक कल्याण समिति के जिलाध्यक्ष भोलानाथ पांडेय का कहना है कि अनुदेशकों ने कभी किसी विभागीय आदेश की अवहेलना नहीं की है। उनका कहना है कि बिना पीपीई किट और कोरोना से बचाव का प्रशिक्षण दिए बिना कोविड-19 की डाटा फीडिंग में लगा दिया गया। डाटा फीडिंग के बगल में ही कोरोना की जांच चल रही है, ऐसी स्थिति में किसी अनुदेशक के साथ दुर्घटना हो जाती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा, उनके परिवार की चिंता के बारे में अधिकारी आश्वासन दें तो अनुदेशक अपनी जिम्मेदारी पूरी करने के लिए तैयार हैं।
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