सभी विश्वविद्यालयों और कालेजों में प्रवेश प्रक्रिया अगस्त से होगी शुरू, यूजीसी ने दिए संकेत
नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के खतरे के चलते बंद पड़े विश्वविद्यालयों और कालेजों में जल्द ही फिर से शैक्षणिक गतिविधियां शुरु होगी। इसकी तैयारी तेज हो गई है। फिलहाल इसकी शुरूआत अंडर ग्रेजुएट से जुड़ी प्रवेश प्रक्रिया से होगी। जो सभी विवि और कालेजों में अगस्त में शुरू हो जाएगी। वहीं नए शैक्षणिक सत्र की शुरूआत अभी तक पिछली गाइडलाइन के तहत सितंबर से ही करने की है, लेकिन इस पर अंतिम फैसला उस समय कोरोना संक्रमण की स्थिति का आंकलन करने के बाद लिया जाएगा।
नए शैक्षणिक सत्र को लेकर संशोधित गाइडलाइन अगले हफ्ते तक जारी होगी
इस बीच यूजीसी ने प्रवेश प्रक्रिया सहित नए शैक्षणिक सत्र को लेकर संशोधित गाइडलाइन अगले हफ्ते तक जारी करने के संकेत दिए है। माना जा रहा है कि यह सोमवार या मंगलवार तक जारी हो जाएगी। यूजीसी ने यह सक्रियता उस समय दिखाई है, जब सीबीएसई सहित देश भर के लगभग सभी शैक्षणिक बोर्डो का 12 वीं का रिजल्ट घोषित हो चुका है। ऐसे में छात्रों को अब विश्वविद्यालय और कालेजों की शुरू होने वाली प्रवेश प्रक्रिया का इंतजार है।
ज्यादातर विश्वविद्यालय परीक्षाओं को लेकर तैयार- यूजीसी
यूजीसी से जुड़े सूत्रों की मानें तो विश्वविद्यालयों की अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर विवाद न खड़ा हुआ होता, तो अब तक प्रवेश और नए शैक्षणिक सत्र को लेकर भी गाइडलाइन जारी हो गई होती, लेकिन अचानक इस विवाद से खड़े होने से यूजीसी इस मामले में पूरी तरह से उलझ गई। जिसके चलते गाइडलाइन को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका था। हालांकि यूजीसी का मानना है कि अब स्थिति सामान्य है। ज्यादातर विश्वविद्यालयों की ओर से अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर जवाब मिल गया है। जो परीक्षाओं को लेकर तैयार है।
बाकी विश्वविद्यालयों से भी संपर्क किया जा रहा है। अगले हफ्ते तक सभी विवि से इसका जवाब मिल सकता है। यूजीसी की ओर से इससे पहले 29 अप्रैल को प्रवेश और नए शैक्षणिक सत्र को लेकर गाइडलाइन जारी की गई थी। हालांकि इसके बाद कोरोना संक्रमण की स्थिति के और गंभीर होने के बाद सारी योजना स्थगित हो गई थी। इनमें परीक्षा कराने का भी योजना है, जिसे इस गाइडलाइन के तहत एक से पंद्रह जुलाई के बीच होना था।
परीक्षाओं के पीछे कोरोना के ठप्पे से बचाने की कवायद
यूजीसी से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर उसका जोर इसलिए है, क्योंकि वह नहीं चाहते है, कि इन छात्रों पर कोरोना का ठप्पा लगे। अधिकारियों की मानना है कि जो लोग इन परीक्षाओं का विरोध कर रहे है, उन्हें अभी यह बात समझ में नहीं आ रही है। लेकिन यदि इन्हें बगैर परीक्षाओं के ही पास कर दिया जाता है, तो जहां भी यह मार्कशीट लेकर जाएंगे, इन्हें कोरोना में बगैर परीक्षाओं के पास किए गए लोगों में गिनती होती रहेगी।
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