फतेहपुर : कहीं बीआरसी का गोरखपुर जैसा न हो हाल?, मानव सम्पदा पोर्टल व अन्य कार्यों के लिए बीआरसी पहुंच रहे शिक्षक, बढ़ा खतरा।
फतेहपुर : मानव संपदा पोर्टल, पौध व पुस्तक वितरण समेत अन्य दूसरे कार्यों के लिए जिले की कई बीआरसी में शिक्षकों को बुलाया जा रहा है। खास तौर पर मानव संपदा पोर्टल में शिक्षकों के विवरण में संशोधन के लिए इस वक्त मारामारी मची है। खंड शिक्षा अधिकारियों के प्रबंधन में कमी के चलते शिक्षकों पर कोरोना का खतरा मंडराने लगा है। गोरखपुर में पिछले माह बीआरसी में संक्रमण जैसी घटना जिले में भी होने की शंकाएं जताई जा रही हैं। मानव संपदा पोर्टल में त्रुटियों संशोधन के लिए कई ब्लॉकों में शिक्षकों को बीआरसी बुलाया जा रहा है। नजीर के तौर पर ऐरायां ब्लॉक में शिक्षकों को एमडीएम फीडिंग, मानव संपदा करेक्शन व बैठकों के लिए न्याय पंचायत वार बुलाया गया है लेकिन इसके बावजूद शिक्षकों की भीड़ काफी हो जाती है। अधिकांश शिक्षकों के विवरण में तमाम त्रुटियां व कमियां हैं। सर्वर व नेटवर्क की समस्या सो अलग। इस कारण एक शिक्षक के संशोधन में काफी समय लगता है। एक दिन में एक या दो न्याय पंचायत के शिक्षक काफी संख्या में हो जाते हैं। जिस कारण बीआरसी में भीड़ हो रही है। कई शिक्षक न तो मास्क लगाते हैं और न ही सामाजिक दूरी जैसे नियमों का पालन करते हैं। बताते हैं कि जिले के अन्य ब्लॉकों में भी ऐसे ही हालात हैं। शिक्षकों की मांग है कि बीआरसी पर बेहतर प्रबंधन किया जाए ताकि शिक्षकों को संक्रमण से बचाया जा सके।
15 से 20 शिक्षक ही बुलाए जाएं : मानव संपदा पोर्टल में संशोधन के लिए एक दिन में अधिकतम बीस शिक्षकों को बुलाने की मांग की जा रही है। शिक्षकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वे पांच घंटे से रुके हैं पर संशोधन का काम नहीं हो सका। कभी नेटवर्क समस्या तो कभी सर्वर की दिक्कत आ रही है। उतने ही शिक्षकों को बुलाया जाए जिनके संशोधन पूरी तरह किए जा सकें। न्याय पंचायत के शिक्षकों का काम न होने से वे अगले दिन दूसरी न्याय पंचायत के टर्न में भी आएंगे जिससे भीड़ और बढ़ेगी।
खतरा बढ़ा :: बेहतर प्रबंधन न होने के कारण शिक्षकों पर खतरा बढ़ा, अधिकांश शिक्षकों के विवरण में तमाम त्रुटियां व कमियां
फतेहपुर : मानव संपदा पोर्टल, पौध व पुस्तक वितरण समेत अन्य दूसरे कार्यों के लिए जिले की कई बीआरसी में शिक्षकों को बुलाया जा रहा है। खास तौर पर मानव संपदा पोर्टल में शिक्षकों के विवरण में संशोधन के लिए इस वक्त मारामारी मची है। खंड शिक्षा अधिकारियों के प्रबंधन में कमी के चलते शिक्षकों पर कोरोना का खतरा मंडराने लगा है। गोरखपुर में पिछले माह बीआरसी में संक्रमण जैसी घटना जिले में भी होने की शंकाएं जताई जा रही हैं। मानव संपदा पोर्टल में त्रुटियों संशोधन के लिए कई ब्लॉकों में शिक्षकों को बीआरसी बुलाया जा रहा है। नजीर के तौर पर ऐरायां ब्लॉक में शिक्षकों को एमडीएम फीडिंग, मानव संपदा करेक्शन व बैठकों के लिए न्याय पंचायत वार बुलाया गया है लेकिन इसके बावजूद शिक्षकों की भीड़ काफी हो जाती है। अधिकांश शिक्षकों के विवरण में तमाम त्रुटियां व कमियां हैं। सर्वर व नेटवर्क की समस्या सो अलग। इस कारण एक शिक्षक के संशोधन में काफी समय लगता है। एक दिन में एक या दो न्याय पंचायत के शिक्षक काफी संख्या में हो जाते हैं। जिस कारण बीआरसी में भीड़ हो रही है। कई शिक्षक न तो मास्क लगाते हैं और न ही सामाजिक दूरी जैसे नियमों का पालन करते हैं। बताते हैं कि जिले के अन्य ब्लॉकों में भी ऐसे ही हालात हैं। शिक्षकों की मांग है कि बीआरसी पर बेहतर प्रबंधन किया जाए ताकि शिक्षकों को संक्रमण से बचाया जा सके।
15 से 20 शिक्षक ही बुलाए जाएं : मानव संपदा पोर्टल में संशोधन के लिए एक दिन में अधिकतम बीस शिक्षकों को बुलाने की मांग की जा रही है। शिक्षकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वे पांच घंटे से रुके हैं पर संशोधन का काम नहीं हो सका। कभी नेटवर्क समस्या तो कभी सर्वर की दिक्कत आ रही है। उतने ही शिक्षकों को बुलाया जाए जिनके संशोधन पूरी तरह किए जा सकें। न्याय पंचायत के शिक्षकों का काम न होने से वे अगले दिन दूसरी न्याय पंचायत के टर्न में भी आएंगे जिससे भीड़ और बढ़ेगी।
खतरा बढ़ा :: बेहतर प्रबंधन न होने के कारण शिक्षकों पर खतरा बढ़ा, अधिकांश शिक्षकों के विवरण में तमाम त्रुटियां व कमियां
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