धराशाई हो गई ऑनलाइन पढ़ाई, किताबें उपलब्ध नहीं, संसाधनों के चलते ज्यादातर बच्चे रहे दूर।
■ समस्या
● माध्यमिक विद्यालयों में नहीं पटरी पर आ पा रही पढ़ाई
● ग्रामीण इलाके में 90 फीसदी बच्चों के पास एंड्रायड फोन नहीं
कानपुर देहात : कोरोना संक्रमण ने सबसे अधिक बच्चों की पढ़ाई को प्रभावित किया है। माध्यमिक स्कूलों के बच्चे मार्च के बाद से ही पढ़ाई से दूर हैं। विभाग ने उनके लिए ऑनलाइन पढ़ाई का दावा किया,लेकिन संसाधनों की कमी के कारण 90 फीसदी बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई से दूर रहे। वहीं जुलाई में भी उम्मीदें टूट गईं। बाजार में किताबें न होने से समस्या है। सबसे अधिक परेशानी हाईस्कूल व इंटर में पहुंचे करीब 48 हजार बच्चों के सामने हैं। कोरोना ने बच्चों की पढ़ाई को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है।
मार्च के महीने से ही लॉकडाउन आने के कारण कक्षा 6 से लेकर 11 तक के बच्चों को प्रोन्नत कर दिया गया। हाईस्कूल व इंटर की परीक्षाएं पूरी हो जाने के कारण उनके रिजल्ट तो जारी हो गए, लेकिन अभी आगे की पढ़ाई का कोई रास्ता नहीं है। विभाग की ओर से 15 जुलाई से ऑनलाइन कक्षाएं शुरु करने का निर्देश जारी किया गया था, अभी तक जिले में कहीं भी ऑनलाइन कक्षाएं नहीं चल पारहीं हैं। उसकी बड़ी वजह 90 फीसदी बच्चों के पास एंड्रॉयड फोन न होने के साथ ही अन्य संसाधनों की कमी है।
बाजार में नहीं मिल रहीं किताबें
बीते वर्ष से बोर्ड ने कक्षा 10 व कक्षा 12 की पुस्तकों में बदलाव कर दिया है। इसके अलावा पहले कक्षा 9 व 10 का सिलेबस एक ही था। इसी तरह कक्षा 11 व 12 का सिलेबस एक ही किताब में होने के कारण बच्चे कक्षा 9 व 11 में ही पुस्तकें ले लेते थे और उसी से पढ़ाई हो जाती थी, लेकिन बीते वर्षों में कक्षा इनके कोर्स अलग-अलग कर दिए गए। इस कारण अब हाईस्कूल और इंटर के विद्यार्थियों को अलग-अलग किताबें खरीदनी पड़ती हैं। इस बार बाजार में अभी तक एनसीआरटी पेटन की किताबें न आने से बच्चे घरों में भी पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं।
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