यूपी बोर्ड के अंक सहप्रमाणपत्र पर हिंदी का बोलबाला, डिजिटल मार्कशीट जैसा ही होगा मूल अंक सहप्रमाणपत्र।
प्रयागराज : देश के हिंदी भाषी राज्य उत्तर प्रदेश के अहम शिक्षा संस्थान यूपी बोर्ड के अंक सह प्रमाणपत्र में अब हिंदी का बोलबाला है। डिजिटल अंकपत्र में अभ्यर्थी व उनके माता-पिता का नाम हिंदी में भी दर्ज किया गया है। इससे पहले अंग्रेजी में ही परीक्षार्थी आदि का नाम लिखा जाता था। बोर्ड ने यह कदम हाईकोर्ट के आदेश पर उठाया है। इसके लिए पिछले वर्ष कई बार अभ्यर्थी आदि के नामों को दुरुस्त कराने की प्रक्रिया चली। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटर परीक्षा 2020 का परिणाम 27 जून को जारी हुआ। कोरोना की वजह से करीब 51 लाख से अधिक परीक्षार्थियों का परिणाम वेबसाइट पर अपलोड तो हो गया लेकिन, अंक सह प्रमाणपत्र अब तक छप नहीं सके हैं। ऐसे में अगली कक्षा में प्रवेश दिलाने के लिए डिजिटल अंक पत्र देने का निर्णय हुआ। बुधवार से परीक्षार्थियों ने अपने कालेज के प्रधानाचार्य को मार्कशीट के लिए प्रार्थना पत्र दिया। प्रधानाचार्यों ने यूपी बोर्ड सचिव के डिजिटल हस्ताक्षर वाली कॉपी को डाउनलोड कर उसका प्रिंट निकाला और उसे रिकॉर्ड से मिलाकर सत्यापित करके सौंपा है। यह मार्कशीट परीक्षार्थियों के लिए अस्थाई तौर पर मूल मार्कशीट की तरह ही काम करेगी। इतना ही नहीं डिजिटल मार्कशीट मूल अंकपत्र की तरह ही है। हाईस्कूल उत्तीर्ण परीक्षार्थियों को कक्षा 11 और इंटर पास करने वालों को स्नातक में दाखिले के लिए यह मान्य होगी। 15 जुलाई से हाईस्कूल के अंक सही प्रमाणपत्र की हार्ड कॉपी मिलेगी और 30 जुलाई से इंटर की मिलेगी।
सभी 75 जिलों के अभिलेख अपलोड : यूपी बोर्ड की ओर से कहा गया कि देर शाम तक सभी 75 जिलों के हाईस्कूल व इंटर के परीक्षार्थियों का डिजिटल अंकपत्र अपलोड हो गए हैं।
प्रयागराज : देश के हिंदी भाषी राज्य उत्तर प्रदेश के अहम शिक्षा संस्थान यूपी बोर्ड के अंक सह प्रमाणपत्र में अब हिंदी का बोलबाला है। डिजिटल अंकपत्र में अभ्यर्थी व उनके माता-पिता का नाम हिंदी में भी दर्ज किया गया है। इससे पहले अंग्रेजी में ही परीक्षार्थी आदि का नाम लिखा जाता था। बोर्ड ने यह कदम हाईकोर्ट के आदेश पर उठाया है। इसके लिए पिछले वर्ष कई बार अभ्यर्थी आदि के नामों को दुरुस्त कराने की प्रक्रिया चली। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटर परीक्षा 2020 का परिणाम 27 जून को जारी हुआ। कोरोना की वजह से करीब 51 लाख से अधिक परीक्षार्थियों का परिणाम वेबसाइट पर अपलोड तो हो गया लेकिन, अंक सह प्रमाणपत्र अब तक छप नहीं सके हैं। ऐसे में अगली कक्षा में प्रवेश दिलाने के लिए डिजिटल अंक पत्र देने का निर्णय हुआ। बुधवार से परीक्षार्थियों ने अपने कालेज के प्रधानाचार्य को मार्कशीट के लिए प्रार्थना पत्र दिया। प्रधानाचार्यों ने यूपी बोर्ड सचिव के डिजिटल हस्ताक्षर वाली कॉपी को डाउनलोड कर उसका प्रिंट निकाला और उसे रिकॉर्ड से मिलाकर सत्यापित करके सौंपा है। यह मार्कशीट परीक्षार्थियों के लिए अस्थाई तौर पर मूल मार्कशीट की तरह ही काम करेगी। इतना ही नहीं डिजिटल मार्कशीट मूल अंकपत्र की तरह ही है। हाईस्कूल उत्तीर्ण परीक्षार्थियों को कक्षा 11 और इंटर पास करने वालों को स्नातक में दाखिले के लिए यह मान्य होगी। 15 जुलाई से हाईस्कूल के अंक सही प्रमाणपत्र की हार्ड कॉपी मिलेगी और 30 जुलाई से इंटर की मिलेगी।
सभी 75 जिलों के अभिलेख अपलोड : यूपी बोर्ड की ओर से कहा गया कि देर शाम तक सभी 75 जिलों के हाईस्कूल व इंटर के परीक्षार्थियों का डिजिटल अंकपत्र अपलोड हो गए हैं।
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