फतेहपुर : बगैर टीसी प्रवासियों के बच्चों के परिषदीय विद्यालयों में होंगे दाखिले।
फतेहपुर :: कोरोना संक्रमण को लेकर बीते दिनों किए गए लॉक डाउन के दौरान तमाम प्रवासी लोग अपने गांव घर वापस आ गए हैं। जिनमें से तमाम लोगों के बच्चों की शिक्षा भी प्रभावित हुई है। ऐसे में परिषदीय विद्यालय इन बच्चों का दाखिला लेना। दाखिलें में टीसी की भी आवश्यकता नहीं होगी। ऐसे में सम्बंधित विद्यालयों में नामांकन संख्या में भी वृद्धि हो सकेगी। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए हैं। बिना टीसी या बिना किसी प्रमाण पत्र के बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिला दिया जाएगा। गांव में प्रवासी परिवारों के बच्चों की संख्या देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। वहीं गांव छोड़ कर चले गए परिवारों के बच्चों के नाम भी स्कूल से काटे नहीं जाएंगे।
कोरोना संक्रमण के कारण बेसिक शिक्षा विभाग ने यह निर्णय लिया है कि अभिभावकों की जानकारी के आधार पर बच्चों को अपेक्षित कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा। इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग के निदेशक द्वारा आदेश भी जारी कर दिया गया है। उन्होंने कहा है कि प्रवेश के समय दो सूचियां तैयार की जाएंगी। आने वाले प्रवासी बजाने वाले प्रवासी के बच्चों की सूची अलग-अलग बनाई जाए।
जो बच्चे गांव छोड़ कर चले गए हैं उनके नाम रजिस्टर से नहीं काटे जाएंगे। उनकी सूची अलग बनाई जाए। बाहर से जो परिवार गांव आए हैं। उनके बच्चों को प्रवेश देने के लिए किसी भी पहचान पत्र का इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसे बच्चों को रेमेडियल लर्निंग करवाई जाए।
इसके साथ ही पुस्तकालय आदि से किताबें देकर उन्हें साथ में जोड़ने का प्रयास किया जाए। इन सभी बच्चों को किताबें, जूते-मोजे, मिड डे मील आदि योजनाओं का लाभ दिया जाए। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेंद्र प्रताप सिंह ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए हैं।
परिषदीय स्कूल : गांवों में प्रवासी परिवारों के बच्चों की संख्या देखते हुए लिया गया निर्णय, आने वाले परिवारों के बच्चों एवं गांव छोड़कर जाने वाले बच्चों का होगा चिन्हांकन।
श्रमिकों के बच्चों का डाटा प्रशासन ने किया तलब
फतेहपुर : वैश्विक बीमारी कोरोना के चलते दूसरे प्रांतों से आए श्रमिकों के बच्चों को शिक्षा के साथ शासन की योजनाओं से लाभान्वित करने के लिए विद्यालयों में प्रवेश दिए जाने का आदेश मार्च. माह में दिया गया था। शासन ने इसकी पड़ताल शुरू कर दी है। निदेशक बेसिक शिक्षा ने सभी जिलाधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है, जिसमें 6 से 14 साल के परदेश से अपने गांव घर लौटे बच्चों का डाटा भेजने के निर्देश दिया हैं। जिले के 13 ब्लॉकों और जिला मुख्यालय तथा बिंदकी नगर क्षेत्र में 2650 परिषदीय विद्यालय संचालित हो रहे हैं। इसमें नए सत्र अप्रैल से लेकर अभी तक 8540 बच्चों को चिह्नित किए गए हैं।
यह प्रवेश उन बच्चों के हैं जो माता पिता के साथ बाहर में रहते थे लॉकडाउन और कोरोना बीमारी संकट के चलते अपने घर वापस आए हैं। शासन ने लॉकडाउन में परदेश से काम छोड़ गांव वासप लौटे श्रमिकों को गांव में रोजगार देने के साथ ही उनके बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए निर्देश दिया था। बीएसएफ अधिकारी शिवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि प्रवासी श्रमिकों के बच्चों के आंकड़े मांगे हैं।
फतेहपुर :: कोरोना संक्रमण को लेकर बीते दिनों किए गए लॉक डाउन के दौरान तमाम प्रवासी लोग अपने गांव घर वापस आ गए हैं। जिनमें से तमाम लोगों के बच्चों की शिक्षा भी प्रभावित हुई है। ऐसे में परिषदीय विद्यालय इन बच्चों का दाखिला लेना। दाखिलें में टीसी की भी आवश्यकता नहीं होगी। ऐसे में सम्बंधित विद्यालयों में नामांकन संख्या में भी वृद्धि हो सकेगी। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए हैं। बिना टीसी या बिना किसी प्रमाण पत्र के बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिला दिया जाएगा। गांव में प्रवासी परिवारों के बच्चों की संख्या देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। वहीं गांव छोड़ कर चले गए परिवारों के बच्चों के नाम भी स्कूल से काटे नहीं जाएंगे।
कोरोना संक्रमण के कारण बेसिक शिक्षा विभाग ने यह निर्णय लिया है कि अभिभावकों की जानकारी के आधार पर बच्चों को अपेक्षित कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा। इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग के निदेशक द्वारा आदेश भी जारी कर दिया गया है। उन्होंने कहा है कि प्रवेश के समय दो सूचियां तैयार की जाएंगी। आने वाले प्रवासी बजाने वाले प्रवासी के बच्चों की सूची अलग-अलग बनाई जाए।
जो बच्चे गांव छोड़ कर चले गए हैं उनके नाम रजिस्टर से नहीं काटे जाएंगे। उनकी सूची अलग बनाई जाए। बाहर से जो परिवार गांव आए हैं। उनके बच्चों को प्रवेश देने के लिए किसी भी पहचान पत्र का इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसे बच्चों को रेमेडियल लर्निंग करवाई जाए।
इसके साथ ही पुस्तकालय आदि से किताबें देकर उन्हें साथ में जोड़ने का प्रयास किया जाए। इन सभी बच्चों को किताबें, जूते-मोजे, मिड डे मील आदि योजनाओं का लाभ दिया जाए। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेंद्र प्रताप सिंह ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए हैं।
परिषदीय स्कूल : गांवों में प्रवासी परिवारों के बच्चों की संख्या देखते हुए लिया गया निर्णय, आने वाले परिवारों के बच्चों एवं गांव छोड़कर जाने वाले बच्चों का होगा चिन्हांकन।
श्रमिकों के बच्चों का डाटा प्रशासन ने किया तलब
फतेहपुर : वैश्विक बीमारी कोरोना के चलते दूसरे प्रांतों से आए श्रमिकों के बच्चों को शिक्षा के साथ शासन की योजनाओं से लाभान्वित करने के लिए विद्यालयों में प्रवेश दिए जाने का आदेश मार्च. माह में दिया गया था। शासन ने इसकी पड़ताल शुरू कर दी है। निदेशक बेसिक शिक्षा ने सभी जिलाधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है, जिसमें 6 से 14 साल के परदेश से अपने गांव घर लौटे बच्चों का डाटा भेजने के निर्देश दिया हैं। जिले के 13 ब्लॉकों और जिला मुख्यालय तथा बिंदकी नगर क्षेत्र में 2650 परिषदीय विद्यालय संचालित हो रहे हैं। इसमें नए सत्र अप्रैल से लेकर अभी तक 8540 बच्चों को चिह्नित किए गए हैं।
यह प्रवेश उन बच्चों के हैं जो माता पिता के साथ बाहर में रहते थे लॉकडाउन और कोरोना बीमारी संकट के चलते अपने घर वापस आए हैं। शासन ने लॉकडाउन में परदेश से काम छोड़ गांव वासप लौटे श्रमिकों को गांव में रोजगार देने के साथ ही उनके बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए निर्देश दिया था। बीएसएफ अधिकारी शिवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि प्रवासी श्रमिकों के बच्चों के आंकड़े मांगे हैं।
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