फतेहपुर : शासनादेश को ठेंगा, बीईओ का अपना "आदेश" जारी!
फतेहपुर : अपर मुख्य सचिव द्वारा दिए गए 27 जून के आदेश को ठेगा दिखाते हुए विजयीपुर ब्लॉक के सीईओ ने 13 जुलाई को अपना 'आदेश' जारी कर दिया। अपर मुख्य सचिव ने गत 27 जून को प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्रों एवं अंशकालिक अनुदेशकों का सेवा विवरण मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड कराने, डाटा सत्यापन एवं अभिलेखों के सत्यापन के सम्बन्ध में आदेश जारी किया था। इसमें सभी जिलों के बीएसए को कई निर्देश दिए गए थे। आदेश में शिक्षामित्रों व अनुदेशकों के अभिलेखों एवं सभी प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराने का निर्देश भी शामिल है। इस बारे में बिन्दुवार कई निर्देश दिए गए हैं। बिन्दु संख्या चार में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि समस्त शिक्षामित्रों एवं अंशकालिक अनुदेशकों के शैक्षिक अभिलेखों एवं समस्त प्रमाणपत्रों का ऑनलाइन, रजिस्टर्ड डाक या वाहक द्वारा संबंधित बोर्ड या विश्वविद्यालय से सत्यापन कराया जाएगा। इस सत्यापित कार्य में व्यय की गई धनराशि यथा स्टेशनरी, डाक व्यय का भुगतान समग्र शिक्षा के अन्तर्गत किया जाएगा।
लेकिन बीईओ ने जारी किया यह आदेश :: सोशल मीडिया में सामने आए आदेश में बीईओ विजयीपुर ने बिन्दु संख्या चार की अवेहलना कर दी। उन्होंने डाक व्यय का भार शिक्षामित्रों व अंशकालिक अनुदेशकों के कंधों पर डाल दिया। उन्होंने 13 जुलाई को एक आदेश जारी कर शिक्षकों को न्याय पंचायत वार प्रभारी बनाया है। रोस्टर जारी कर तारीख एवं समय भी तय कर दिया। आदेश में उन्होंने साफ लिखा है कि जांच के दौरान शिक्षा मित्र व अनुदेशक सभी प्रमाण पत्रों की दो सेट छायाप्रति एवं पांच सादे लिफाफे रजिस्ट्री टिकट के साथ लाएं। अब अंदरखाने विरोध यह है कि जब डाक व्यय का वहन समग्र शिक्षा के मद से किया जाएगा तो फिर इसे शिक्षामित्रों व अनुदेशकों से क्यों वसूला जा रहा है।
बोले जिम्मेदार :: परियोजना के गाइड लाइन के अनुसार ही सत्यापन कार्य कराया जारहा है। किसी गलतफहमी में बीईओ विजयीपुर ने पत्र जारी किया हो। जानकारी कराने के उपरांत उसे निरस्त कराया जाएगा। शिवेंद्र प्रताप सिंह, बीएसए
▪️ यहां क्लिक करके देखें शासन द्वारा निर्गत आदेश👈🏻
फतेहपुर : अपर मुख्य सचिव द्वारा दिए गए 27 जून के आदेश को ठेगा दिखाते हुए विजयीपुर ब्लॉक के सीईओ ने 13 जुलाई को अपना 'आदेश' जारी कर दिया। अपर मुख्य सचिव ने गत 27 जून को प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्रों एवं अंशकालिक अनुदेशकों का सेवा विवरण मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड कराने, डाटा सत्यापन एवं अभिलेखों के सत्यापन के सम्बन्ध में आदेश जारी किया था। इसमें सभी जिलों के बीएसए को कई निर्देश दिए गए थे। आदेश में शिक्षामित्रों व अनुदेशकों के अभिलेखों एवं सभी प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराने का निर्देश भी शामिल है। इस बारे में बिन्दुवार कई निर्देश दिए गए हैं। बिन्दु संख्या चार में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि समस्त शिक्षामित्रों एवं अंशकालिक अनुदेशकों के शैक्षिक अभिलेखों एवं समस्त प्रमाणपत्रों का ऑनलाइन, रजिस्टर्ड डाक या वाहक द्वारा संबंधित बोर्ड या विश्वविद्यालय से सत्यापन कराया जाएगा। इस सत्यापित कार्य में व्यय की गई धनराशि यथा स्टेशनरी, डाक व्यय का भुगतान समग्र शिक्षा के अन्तर्गत किया जाएगा।
लेकिन बीईओ ने जारी किया यह आदेश :: सोशल मीडिया में सामने आए आदेश में बीईओ विजयीपुर ने बिन्दु संख्या चार की अवेहलना कर दी। उन्होंने डाक व्यय का भार शिक्षामित्रों व अंशकालिक अनुदेशकों के कंधों पर डाल दिया। उन्होंने 13 जुलाई को एक आदेश जारी कर शिक्षकों को न्याय पंचायत वार प्रभारी बनाया है। रोस्टर जारी कर तारीख एवं समय भी तय कर दिया। आदेश में उन्होंने साफ लिखा है कि जांच के दौरान शिक्षा मित्र व अनुदेशक सभी प्रमाण पत्रों की दो सेट छायाप्रति एवं पांच सादे लिफाफे रजिस्ट्री टिकट के साथ लाएं। अब अंदरखाने विरोध यह है कि जब डाक व्यय का वहन समग्र शिक्षा के मद से किया जाएगा तो फिर इसे शिक्षामित्रों व अनुदेशकों से क्यों वसूला जा रहा है।
बोले जिम्मेदार :: परियोजना के गाइड लाइन के अनुसार ही सत्यापन कार्य कराया जारहा है। किसी गलतफहमी में बीईओ विजयीपुर ने पत्र जारी किया हो। जानकारी कराने के उपरांत उसे निरस्त कराया जाएगा। शिवेंद्र प्रताप सिंह, बीएसए
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