ठीक से काम नहीं कर रहा मानव संपदा पोर्टल, महाविद्यालय शिक्षक परेशान, जुलाई का वेतन रोके जाने के आदेश से मची खलबली
राज्य मुख्यालय प्रदेश के सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों व कर्मचारियों का विवरण दर्ज करने के लिए बनाया गया मानव संपदा पोर्टल ठीक से काम नहीं कर रहा है। सर्वर धीमा चलने से मांगी गई सूचनाएं और अभिलेख अपलोड करने में महाविद्यालयों को खासी दिक्कतें आ रही हैं। इस बीच विवरण अपलोड न होने पर जुलाई का वेतन रोकने के आदेश से खलबली मच गई है। शिक्षक इसकी समय सीमा बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं।
मानव संपदा मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली के लिए कार्मिक विवरण नाम से उच्च शिक्षा निदेशालय ने 15 पेज का प्रोफार्मा जारी किया है। शिक्षकों व कर्मचारियों को यह प्रोफार्मा भरकर अपने महाविद्यालय में जमा करना है। यह प्रोफार्मा इतना विस्तृत है कि इसमें मांगी गई सूचनाएं जुटाने में ही पसीना छूट जा रहा है। इसमें दर्ज विवरण के साथ उससे संबंधित साक्ष्य भी पोर्टल पर अपलोड करने हैं। सर्वर धीमा चलने से काम पूरा करने में खासी दिक्कतें आ रही हैं।
प्रोफार्मा में नियुक्तियों व शैक्षिक विवरण से अलावा छुट्टियों, प्रोन्नतियों, प्राप्त पुरस्कारों, सेवा में आने के बाद प्राप्त प्रशिक्षण, परिवार के सदस्यों का विवरण, लिए गए लोन का विवरण, विभागीय कार्रवाई व वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट का भी ब्योरा देना है। इसमें कुछ सूचनाएं महाविद्यालय के स्तर से ही भरी जाएंगी। प्रदेश के 331 सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में लगभग 21 हजार शिक्षक व कर्मचारी कार्यरत हैं। इनमें शिक्षकों की संख्या 10 हजार के आसपास है।
फर्जीवाड़ा रोकने के लिए शासन ने यह कवायद शुरू की है। उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारियों से कहा है कि वे मानव संपदा पोर्टल पर विवरण फीड करा दिए जाने का प्रमाणपत्र लेने के बाद ही संबंधित सहायता प्राप्त महाविद्यालय का जुलाई का वेतन जारी करें। इसी फरमान से शिक्षकों में आक्रोश है। कारोना संकट को देखते हुए वे समय सीमा बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं। शिक्षक संगठनों से इस संबंध में शासन से लेकर उच्च शिक्षा निदेशालय तक को ज्ञापन भेजा है।
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