लखनऊ। शहर के कई निजी स्कूल अभिभावकों पर फीस जमा करने के लिए दबाव बना रहे हैं फोन करके अभिभावकों को धमकाया जा रहा है कि फीस न दी गई तो बच्चे का नाम कट जाएगा। इसे लेकर अभिभावकों में काफी नाराजगी है। उनका कहना है कि वे लगातार थोड़ी थोड़ी फीस जमा कर रहे हैं, इसके बावजूद दबाव बनाया जा रहा है। राजधानी में यूपी बोर्ड, सीबीएसई और आईएससी से मान्यता प्राप्त करीब एक हजार निजी स्कूल चल रहे हैं। जुलाई से ही ज्यादातर स्कूलों ने अभिभावकों पर फीस के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया गया है। गुरुवार को हजरतगंज के एक निजी स्कूल से अभिभावकों को फीस जमा करने के लिए फोन किया गया और बाद विलम्ब शुल्क लेने के निर्देश जारी किए हैं। फीस न जमा कर पाने की स्थिति में स्कूल की ऑनलाइन क्लासेज से भी बच्चे को बाहर करने की चेतावनी दी गई। वहीं इस पूरे मामले में अभिभावक संगठन के अभिषेक खरे की मानें तो सक्षम अभिभावक लगातार फीस जमा कर रहे हैं। उसके बावजूद स्कूल लगातार दबाव बना रहे हैं। जिससे अभिभावक काफी परेशान हैं।
लोहिया विविः पूरी फीस लेने का किया विरोध
डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के छात्रों ने पूरी फीस न लिए जाने की मांग की है। उनका कहना है कोरोना महामारी के चलते काफी अभिभावक आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। वे पूरी फीस देने में असमर्थ हैं। इसलिए फीस किश्तों में ली जाए। विवि प्रशासन ने 25 जून को सूचना जारी करके छात्रों से 1 से 4 जुलाई के बीच फीस जमा करने को कहा। छात्रों ने 28 जून को इसका विरोध करते हुए कुलपति को ईमेल से मांग पत्र भेजकर फीस किश्तों में लेने. यूटिलिटी चार्ज को नए सत्र की फीस में समायोजित करने की मांग की थी। मगर उनके मांग पत्र पर कुलपति ने विचार नहीं किया और 6 से 20 जुलाई के ही जमा करने व उसके बाद विलम्ब शुल्क लेने के निर्देश जारी किए हैं।
कोरोना संक्रमण की इस स्थिति में निजी स्कूलों को शासन के निर्देशों के अनुसार काम करना चाहिए। अन्यथा विभागीय स्तर पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
- डॉ.मुकेश कुमार सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक
No comments:
Write comments