पॉलीटेक्निक में दूसरे व चौथे सेमेस्टर के छात्र होंगे प्रमोट
पॉलीटेक्निक : सवा दो लाख छात्र प्रमोट किए जाएंगे
पॉलीटेक्निक : पहली बार मिलेगा ग्रेड सुधारने का मौका
पॉलीटेक्निक से जुड़े सवा दो लाख छात्र इस बार प्रमोट किये जायेंगे। इसमें इंजीनियरिंग के दूसरे व तीसरे सेमेस्टर एवं फार्मेसी के प्रथम वर्ष के छात्र शामिल हैं। इनकी परीक्षाएं नहीं होंगी। कोरोना के चलते प्राविधिक शिक्षा परिषद ने यह फैसला लिया है। इंजीनियरिंग के अंतिम सेमेस्टर और फार्मेसी के दूसरे वर्ष के कुल 67,580 छात्रों की परीक्षाएं होंगी। इनकी परीक्षाएं सितंबर में प्रस्तावित हैं
प्रदेश भर के पॉलीटेक्निक संस्थानों में छात्रों के प्रमोट होने या परीक्षा कराए जाने को लेकर चल रही ऊहापोह खत्म हो गई। कोरोना काल में अंतिम सेमेस्टर और वर्ष के छात्र-छात्राओं को परीक्षा देनी होगी जबकि दूसरे और चौथे सेमेस्टर के स्टूडेंट्स को प्रमोट किया जाएगा। विशेष सचिव ने इस बारे में निर्देश जारी कर दिए हैं।
प्राविधिक शिक्षा निदेशक मनोज कुमार ने बताया कि परीक्षा, प्रमोट करने और कक्षाओं को लेकर असमंजस दूर हो गया है। कक्षाएं चलाकर पाठ्यक्रम पूरा कराने, उसके बाद छात्रों की परीक्षाएं और असाइनमेंट आदि जमा कराने के निर्देश दिए हैं। उनके मुताबिक 17 अगस्त से पांच सितंबर तक कक्षाएं चलाकर पाठ्यक्रम पूरा कराने की बात कही गई है। अंतिम वर्ष और सेमेस्टर की परीक्षाओं को सात सितंबर से 12 सितंबर के मध्य कराने की तैयारी है।
31 जुलाई तक जमा करना होगा प्रोजेक्ट
निदेशक ने बताया कि सभी सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं को 31 जुलाई तक ऑनलाइन प्रोजेक्ट पूरा करना होगा। दूसरे, चौथे और अंतिम सेमेस्टर/वर्ष की प्रायोगिक परीक्षाओं को एक सितंबर से पांच सितंबर तक पूरा कराया जाना है। दूसरे और चौथे सेमेस्टर के छात्रों के लिए 17 अगस्त से पांच सितंबर के बीच सेशनल परीक्षा और असाइनमेंट का आंतरिक मूल्याकंन कराने की बात कही गई है,
पहले और तीसरे सेमेस्टर के रिजल्ट के 50 प्रतिशत अंकों को कैरीओवर करते हुए सभी विषयों में पास कर अगले सेमेस्टर प्रमोट किया जाएगा। नया दाखिला पाने वाले पहले सेमेस्टर के छात्रों का एक सितंबर और प्रमोट होकर अगले सेमेस्टर (तीसरे और पांचवें) में जाने वाले छात्र-छात्राओं का शैक्षणिक सत्र 15 सितंबर से शुरू होगा।
पॉलीटेक्निक के छात्रों को ग्रेड सुधारने के लिए एक मौका देने की पहल की जा रही है। इसके लिए निदेशालय स्तर पर प्रस्ताव बनाया जा रहा है। प्राविधिक शिक्षा निदेशक मनोज कुमार ने बताया कि कई बार मेधावी छात्र किसी कारणवश परीक्षा में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं। इसका असर उनके डिप्लोमा पर पड़ता है। इसलिए प्रस्ताव बनाया गया है। जो छात्र अपने ग्रेड से संतुष्ट नहीं हैं, वे अगले सत्र के अंत में परीक्षा में भाग लेकर इसे सधार सकते हैं। बता दें कि विश्वविद्यालयों में छ तरह ग्रेड सुधारने के नियम लागू हैं। पॉलीटेक्निक संस्थानों के लिए यह पहला मौका होगा। साथ ही पॉलीटेक्निक अंतिम वर्ष के छात्रों को छोड़कर अन्य छात्रों को प्रमोट करने के लिए मानक तय करने के लिए सात सदस्यीय कमेटी बनाई गई है।
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