स्टे इन इंडिया और स्टडी इन इंडिया’ के लिए HRD मंत्रालय ने गठित की कमेटी,
केंद्र सरकार ने विदेश में पढ़ाई की चाह रखने वाले युवाओं को देश में ही बेहतर शिक्षा के मौके उपलब्ध कराने के लिए एक कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी का उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा स्टूडेंट्स को देश में रहें और यहीं पर रहकर पढ़ाई करने के लिए प्रेरित किया जाए। इसके अलावा जो स्टूडेंट्स विदेश में पढ़ाई कर रहे थे और उनकी शिक्षा कोविड-19 संक्रमण की वजह से प्रभावित हुई है, उनके प्रोगाम को देश में रहकर पूरा करने के लिए जरूरी संसाधन मुहैया कराए जाए।
केंद्र सरकार की ओर से बनाई गई इस कमेटी का नेतृत्व यूजीसी के चेयरमैन कर रहे हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष की अध्यक्षता में बनाई जाने वाली समिति देश में शिक्षा के उचित अवसर प्रदान करने और कोविड-19 संक्रमण की वजह से विदेश से लौटने वाले छात्रों को उनके कार्यक्रमों को पूरा करने के लिए उन्हें जरूरी सहायता प्रदान करने के लिए संबोधित करेगी। केंद्र सरकार ने इस पहल को ‘स्टे इन इंडिया और स्टडी इन इंडिया’ का नया नारा दिया दिया है।
वहीं मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने समिति के गठन के संबंध में एक सत्र आयोजित किया था। मानव संसाधन विकास मंत्री ने इस दौरान कहा कि साल 2019 के दौरान लगभग 7.5 लाख छात्र अपनी पढ़ाई करने के लिए विदेश गए और इस वजह से मूल्यवान विदेशी मुद्रा भारत से बाहर चली गई और साथ ही साथ कई उज्ज्वल छात्र विदेश चले गए। इसलिए हमें कोशिश करनी चाहिए कि छात्रों को देश में ही ज्यादा से ज्यादा बेहतर अवसर उपलब्ध कराए जाएं।
इस बैठक में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के स्वायत्त और तकनीकी संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया था। इसके अलावा एचआरडी राज्य मंत्री संजय धोत्रे, उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे, यूजीसी अध्यक्ष डीपी सिंह; एआईसीटीई अध्यक्ष अनिल सहस्रबुद्धे, संयुक्त सचिव (आईसीसी), नीता प्रसाद और एआईयू महासचिव पंकज मित्तल ने भी भाग लिया था।
केंद्र सरकार ने विदेश में पढ़ाई की चाह रखने वाले युवाओं को देश में ही बेहतर शिक्षा के मौके उपलब्ध कराने के लिए एक कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी का उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा स्टूडेंट्स को देश में रहें और यहीं पर रहकर पढ़ाई करने के लिए प्रेरित किया जाए। इसके अलावा जो स्टूडेंट्स विदेश में पढ़ाई कर रहे थे और उनकी शिक्षा कोविड-19 संक्रमण की वजह से प्रभावित हुई है, उनके प्रोगाम को देश में रहकर पूरा करने के लिए जरूरी संसाधन मुहैया कराए जाए।
केंद्र सरकार की ओर से बनाई गई इस कमेटी का नेतृत्व यूजीसी के चेयरमैन कर रहे हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष की अध्यक्षता में बनाई जाने वाली समिति देश में शिक्षा के उचित अवसर प्रदान करने और कोविड-19 संक्रमण की वजह से विदेश से लौटने वाले छात्रों को उनके कार्यक्रमों को पूरा करने के लिए उन्हें जरूरी सहायता प्रदान करने के लिए संबोधित करेगी। केंद्र सरकार ने इस पहल को ‘स्टे इन इंडिया और स्टडी इन इंडिया’ का नया नारा दिया दिया है।
वहीं मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने समिति के गठन के संबंध में एक सत्र आयोजित किया था। मानव संसाधन विकास मंत्री ने इस दौरान कहा कि साल 2019 के दौरान लगभग 7.5 लाख छात्र अपनी पढ़ाई करने के लिए विदेश गए और इस वजह से मूल्यवान विदेशी मुद्रा भारत से बाहर चली गई और साथ ही साथ कई उज्ज्वल छात्र विदेश चले गए। इसलिए हमें कोशिश करनी चाहिए कि छात्रों को देश में ही ज्यादा से ज्यादा बेहतर अवसर उपलब्ध कराए जाएं।
इस बैठक में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के स्वायत्त और तकनीकी संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया था। इसके अलावा एचआरडी राज्य मंत्री संजय धोत्रे, उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे, यूजीसी अध्यक्ष डीपी सिंह; एआईसीटीई अध्यक्ष अनिल सहस्रबुद्धे, संयुक्त सचिव (आईसीसी), नीता प्रसाद और एआईयू महासचिव पंकज मित्तल ने भी भाग लिया था।
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